क्या अश्विन को निकाले जाने के पीछे कोहली का हाथ था?

2017 के बाद हो रही है अश्विन की T20 में वापसी!

बतौर खिलाड़ी, विराट कोहली को घमंडी कहना गलत नहींं होगा। उनके बिगड़ैल व्यवहार और अनुशासनहीनता को तो समय-समय पर हम सबने देखा है लेकिन अब तो ऐसा लगता है कि राष्ट्रहितों को ताख पर रखकर काम करने वाले विराट कोहली, खिलाड़ी से पहले गॉडफादर बनना चाहते है। खबरें तो यह भी आ रही है कि आर अश्विन को टीम से बाहर करने में इनका बड़ा हाथ हो सकता है।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने T20 वर्ल्ड कप के लिए 15 सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी है। टीम में विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप कप्तान), केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा, राहुल चाहर, रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह , भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, श्रेयस अय्यर, शार्दुल ठाकुर और दीपक चाहर को मौका दिया गया है।

इसमें एक सबसे अनोखा नाम है रविचंद्रन अश्विन का, क्योंकि एक लंबे अरसे तक शार्ट फॉर्मेट में निष्क्रिय रहने के बाद उनकी वापसी हो रही है। हालांकि, यह शोध का विषय है कि क्या वह निष्क्रिय थे या कुंठा वश किसी ने उन्हें सक्रिय होने नहीं दिया है। रविचंद्रन अश्विन के चयन के बाद बहुत से लोगों ने खुशी जताई है। उनके चयन पर टीम के चयनकर्ता चेतन शर्मा ने कहा, “अश्विन हमारे लिए सम्पदा है। उन्होंने आईपीएल में बढ़िया प्रदर्शन किया है और हमें उनके जैसा अनुभव वाला खिलाड़ी चाहिए था। हमें एक ऑफ स्पिनर की भी आवश्यकता थी क्योंकि वाशिंगटन सुंदर चोटिल है। अश्विन टीम में एकमात्र ऑफ स्पिनर है।”

अश्विन के शामिल होने के पीछे एक कारण यह बताया जा रहा है कि रोहित शर्मा ने उनका नाम आगे रखा था। विराट कोहली ने सन 2017 में तीनों फॉर्मेट की कप्तानी अपने हाथ में लिया था। उसके कुछ महीने बाद ही रविचंद्रन अश्विन को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। यह कहा जा सकता है कि विराट कोहली अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को रखने के लिए उन्हें बाहर किया था। आत्ममुग्धता के आवेश में अक्सर व्यक्ति पक्षपाती हो ही जाता है। जिस समय रविचंद्रन अश्विन को टीम से बाहर निकाला गया, उस समय अश्विन का फॉर्म बुरा नहींं था।


उन्होंने 2016 में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उस दौरान उन्होंने औसत 16.17 से यानी हर 16 रन देकर वह एक विकेट लेते थे पर इसके बावजूद भी उन्हें किस कारण से टीम के बाहर किया गया, ये सोचने योग्य बात है। यह कहना गलत नहींं होगा कि उन्हें निष्क्रिय करने का फैसला विराट कोहली भी हो सकता है, सम्भवतः उन्होंने किसी खास तरह के रणनीति पर विचार करके यह फैसला किया होगा। खैर, तमाम आशंकाओं पर पानी फेरते हुए रविचंद्रन अश्विन का चयन हो ही गया है और उनके साथ आने से टीम को बहुत बल मिलेगा। भारतीय टीम में अब युवा जोश के साथ साथ अनुभव भी है।

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