7 दशक बनाम 2 वर्ष: कैसे जल जीवन मिशन ने भारत में ‘हर घर नल का जल’ की कायापलट कर रख दी

इस योजना के चलते 5 करोड़ परिवारों तक पानी पहुंचाया गया है!

जल जीवन मिशन का उद्घाटन करते मोदी जी

भारत की तस्वीरें दिखाते हुए विदेशी मीडिया कुछ चयनित चित्रों का इस्तेमाल करती है। भारत को गरीब और अकाल प्रभावित देश दिखाने के लिए विदेशी मीडिया जिस तस्वीर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करती है, वह तस्वीर नलकूपों पर घड़ा और बाल्टी लेकर भारतीय जनता है। खुद भारत में राजस्थान की दशा दिखाने के लिए घड़ा लेकर पानी के दो- चार किलोमीटर दूर जाने वाली महिलाओं के तस्वीर का इस्तेमाल किया जाता है। अब विदेशी मीडिया को यह तस्वीर लगाने की आदत छोड़नी होगी क्योंकि अब देश में नलकूपों और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहासिक कदम सफलता की नई बुनियाद लिख रहा है। 2019 में शुरू किया गया जल जीवन मिशन आज देश के लगभग 6 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचा चुका है। जल जीवन मिशन के चलते सवा लाख गांवों तक नलकूप से पानी पहुंचना शुरू हो गया है। यह विकास इतने तेज गति से हुआ है कि 70 साल बनाम 2 वर्ष करने पर भी दो वर्ष भारी पड़ेगा।

जल जीवन मिशन और सफलता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बताया है कि इस योजना के चलते 5 करोड़ परिवारों तक सीधे-सीधे पानी पहुंचाया गया है और 1.25 लाख गांवों तक जल जीवन मिशन का लाभ पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस मोर्चे पर दो सालों में काम हुआ है उतना 7 दशकों में काम नहीं हुआ था।

ग्राम पंचायतों और ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समिति से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों को केंद्र में रखकर बनाई गई थी और इसका लक्ष्य मात्र यह नहीं था कि गांवों तक पानी पहुंचाया जाए बल्कि विकेंद्रीकरण करना भी जल जीवन मिशन का प्रमुख लक्ष्य था।

विरोधी दलों, जिसमें प्रमुख रूप से कांग्रेस है, पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिनके पास इतने लंबे समय तक नीति बनाने की ताकत थी, वह देश को पानी की समस्या से पीड़ित रखे।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, “जिन जगहों पर वह (कांग्रेस नेता) रहते थे, वहां कभी पानी की समस्या नहीं हुई। वो बिना पानी के जीवन कितना कठिन होता है, इस पीड़ा को नहीं समझ सकें। उनके घर में पानी था, उनके स्विमिंग पूल में पानी था और उन्हें कभी यह समस्या नहीं लगी।”

पानी की समस्या को बताते हुए मोदी ने कहा कि लोक किस्सागोई में बताया जाता था कि पानी लाने के लिए लोग पैदल दूरी तय किया करते थे।

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7 दशक बनाम 2 वर्ष-

प्रधानमंत्री ने बताया कि आजादी से लेकर 2019 तक मात्र 3 करोड़ लोगों को नलकूपों का जल प्राप्त था। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के शुरू होने के मात्र 2 वर्षो में 5 करोड़ नए लोगों तक लाभ पहुंच गया है।

प्रधानमंत्री ने बताया, “आज 80 जिलों के सवा लाख गांवों में हर घर में पानी पहुंच गया है। इन जिलों में टैप कनेक्शन की संख्या 31 लाख से बढ़कर 1.16 करोड़ हो गई है।”

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि तमाम योजनाओं से महिलाओं को लाभ हो रहा है। 2.5 करोड़ से ज्यादा नए मकानों में अधिकतर मकान महिलाओं के नाम पर है। उज्ज्वला योजना से उनको चिमनी वाले चूल्हे से मुक्ति मिली है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को मजबूत किया जा रहा है और ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जुड़ रही है।

इन चीजों से क्या बदलाव होगा-

भारत के अधिकतर आंचलिक क्षेत्रों में बिजली की कमी थी, जिससे पानी के लिए लगाए गए नलकूपों का कोई इस्तेमाल नहीं बचा था। जल जीवन मिशन और भारत के सभी क्षेत्रों के विद्युतीकरण से भारत के गांवों को बहुत मदद मिलेगी।
भारत में जल संकट बहुत बड़ी चुनौती है। भारत में बोरिंग करने का प्रचलन है क्योंकि पहले की सरकारों ने इसपर ध्यान नहीं दिया था। अब भारत में बोरिंग करने की प्रथा समाप्त होगी जिससे जल स्तर तेजी से कम नहीं होगा।

अगर पूर्ववर्ती सरकारें वर्तमान सरकारों के विकास की दर का आधा भी प्राप्त कर लेता तो इन बुनियादी समस्याओं से देश मुक्त हो जाता लेकिन देर से ही सही, वेलफेयर स्टेट की तर्ज पर भारतीय सरकार अब काम कर रही है।

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