कुछ घटनाएं व्यक्ति के विश्वास को चोट पहुंचाती हैं, कुछ घटनाएं समाज के उसूलों पर प्रश्न उठाती है, लेकिन कुछ सवाल राष्ट्र के मूलभूत अधिकारों और आधारों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते है। एक धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक राष्ट्र होने के नाते भारत में हर व्यक्ति को यह स्वतंत्रता प्राप्त है कि वह अपने मर्जी से व्यवसाय शुरू कर सकता है। वह अपने विचार को अभिव्यक्त कर सकता है लेकिन ऐसा लगता है कि केरल के अपने अलग ही नियम और कानून है। केरल में गैर हलाल रेस्टोरेंट को शुरू करने वाली एक महिला को जिहादियों द्वारा पीटा गया और अब वह अस्पताल में भर्ती हैं।
केरल के एर्नाकुलम जिले में गैर हलाल होटल शुरू करने वाली एक महिला उद्यमी तुषारा अजीत पर उनके होटल में हलाल मीट न परोसने के कारण मुस्लिम कट्टरपंथियों ने बेरहमी से हमला किया।
Thushara Ajith started the first ever Non-halal hotel in Kerala last year. Today she's in the hospital, beaten up by Jihadis for trying to open a 2nd branch. Police are now trying to arrest HER since her employees beat the attackers, in self-defense.#SayNotoHalalInvasion pic.twitter.com/KEmjYqgo6o
— Padma Pillai (@lotophagus) October 25, 2021
रिपोर्ट्स के मुताबिक तुषारा अजित अब ठीक हैं। केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने लिखा, “श्रीमती तुषारा अजित के खिलाफ हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हलाल के होटल में न दिए जाने पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के एक समूह ने महिला उद्यमी पर बेरहमी से हमला कर दिया। कक्कानाड में जो हुआ वह तालिबानवाद से कम नहीं है। मैं केरल के लोगों से हलाल आक्रमण को खारिज करने का आग्रह करता हूं।”
सोचने वाली बात है कि, केवल हलाल न रखने के कारण एक महिला पर हमला हुआ। फासीवाद ताकतें लोगों की इच्छाओं के विरुद्ध जा रही है। मुसलमानों द्वारा गैर-मुसलमानों पर हलाल भोजन ऐसे थोपा जा रहा है जैसे केरल इस्लामिक राज्य में स्थित है। लेकिन दुख की बात है कि एक विशेष लॉबी से, जो खुद को धर्मनिरपेक्ष प्रकृति का मानती है, उसके तरफ से इस घटना की निंदा करते हुए एक भी शब्द नहीं आया है।
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यह सर्वविदित है कि भारत में कई क्षेत्रों में तालिबानवाद बढ़ रहा है। संख्या अधिक होते ही कट्टरपंथी अपने विचारों को थोपना शुरू कर देते हैं। केरल सरकार इस चीज को रोकने में विफल रही है। राज्य में पहले ही नारकोटिक जिहाद का मामला जोरों पर हैं, ऐसे में ऐसी कट्टरपंथी विचार को ना रोकना केरल सरकार के तुष्टिकरण को दिखता है। केरल के लोगों ने गैर हलाल की चीजों को बढ़ावा देना शुरू किया ताकि हिन्दुओं का पैसा हिंदुओ के बीच में ही घूमे और आतंकवाद जैसी गतिविधियों को बढ़ावा न मिले, लेकिन ऐसा लगता है एक खास वर्ग इस चीज को सफल नहीं होने देगा।