‘आर्यन राम भक्त है और वानखेड़े वसूली करता है’, आर्यन को बचाने के लिए वामपंथियों के झूठ शर्मनाक हैं

ड्रग्स मामले में गिरफ्तार हुए फिल्म स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की छवि सुधारने के लिए वामपंथी मीडिया लगातार नई नई कहानियां गढ़ -रही है। हाल ही में यह खबर फैलाई गई है कि आर्यन खान एक राम भक्त है और वह जेल में भी राम और सीता से जुड़ी पुस्तकें पढ़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर नारकोटिक्स ब्यूरो की छवि खराब करने के लिए मीडिया द्वारा यह खबर चलाई जा रही है कि नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों की ओर से शाहरुख खान से उनके पुत्र को छोड़ने के बदले ₹25 करोड़ की घूस की मांग की गई है।

फिल्म स्टार सुशांत सिंह की रहस्यमयी मृत्यु के बाद से बॉलीवुड को लेकर आम लोगों के बीच में अच्छी धारणा नहीं रह गई है। पिछले डेढ़ साल में नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा लगातार छापामारी करके बॉलीवुड और ड्रग के नक्शे का पर्दाफाश किया गया है। इस कारण कई बड़े नाम सामने आए हैं जिन पर ड्रग्स अथवा अन्य अवैध नशीली वस्तुओं का सेवन करने के आरोप लगे हैं। आर्यन खान बॉलीवुड के बड़े सुपरस्टार माने जाने वाले शाहरुख खान का बेटा है, इसलिए बॉलीवुड की उंगलियों पर नाचने वाले मीडिया समूह किसी भी प्रकार से आर्यन खान की छवि सुधारना चाहते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि आर्यन खान अपना समय किताबें पढ़ते हुए व्यतीत कर रहा है।

मीडिया आर्यन की कहानी को इस प्रकार पेश कर रही है जिससे पढ़ने वालों के मन में आर्यन की सकारात्मक छवि बने, जैसे आर्यन सुबह सभी कैदियों के साथ 6:00 बजे उठ जाता, वह नाश्ता कब करता है, भोजन कब करता है जैसी छोटी-छोटी बड़ी जानकारी देकर, आर्यन की कोर्ट सुनवाई शुरू होने के पहले उसके पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास हो रहा है। मीडिया संजय दत्त और सलमान खान के मामले में भी यही करता रहा है।

वहीं, दूसरी ओर स्वतंत्र गवाह, प्रभाकर सेल के बयान के आधार पर मीडिया का एक धड़ा यह खबर भी चला रहा है कि NCB ने शाहरुख से 25 करोड़ रुपये घूस देने की मांग की है। ट्रिब्यून में छपी खबर के अनुसार प्रभाकर ने दावा किया है कि उसने NCB अधिकारी केपी गोसावी को सैम डिसूजा को फोन पर यह कहते हुए सुना था कि आर्यन खान को 3 अक्टूबर की छापेमारी के बाद एनसीबी कार्यालय में लाया गया था और 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। लेकिन अंततः बात 18 करोड़ में तय हुई और इसमें 8 करोड़ समीर वानखड़े ने लिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि एनसीबी के अधिकारियों ने उन्हें नौ से दस कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था।

हालांकि, NCB ने इस आरोप का खंडन किया है। एनसीबी के अधिकारियों ने कहा कि प्रभाकर को मीडिया में आरोप लगाने के स्थान पर कोर्ट में याचिका दायर करनी चाहिए। वहीं, दूसरी ओर एनसीबी के केंद्रीय कार्यालय, दिल्ली से एक तीन सदस्यीय टीम मुंबई भेजी गई है जो इन आरोपों की जांच करेगी।

समीर वानखेड़े की छवि खराब करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक भी जोर शोर से प्रयासरत हैं। मलिक ने भी वानखेड़े पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। यह अलग बात है कि मलिक जिस पार्टी से आते हैं उसके प्रमुख नेताओं में शरद पवार, अजित पवार सहित अन्य महत्वपूर्ण लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। स्वयं नवाब मलिक पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं।

मीडिया अपने प्रचार तंत्र का इस्तेमाल करके जांच अधिकारियों को भयभीत करना चाहती है। समीर वानखेड़े को लेकर जिस प्रकार का दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है उसके कारण जांच प्रभावित होती है तो इसकी जिम्मेदार लुटियंस मीडिया ही होगी। लुटियंस मीडिया अपने प्रभाव का प्रयोग करके न्यायालय पर भी दबाव बनाना चाहती है।

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