बिप्लब कुमार देब बहुत सीधे व्यक्ति है, जहां TMC के गुंडे दिखते हैं, पिटवा देते हैं

ये त्रिपुरा है! यहाँ नहीं चलेगा TMC का 'खेला होबे'

‘बक्कल तार देंगे!’

‘सिस्टम पाड़ देंगे!’

‘तू जानता नहीं किस्से पंगा लिया है!’

ऐसे संवाद आपने किसान आंदोलन के टिकैत गुट से बहुत सुने होंगे, जहां अपने अड्डे से राकेश टिकैत जैसे लोग सत्ता को चुनौती देते हुए डींग हाँकते हैं कि वे भूचाल ला सकते हैं, पूरे के पूरे शासन को अपनी मुट्ठी में कर सकते हैं। कुछ ऐसा ही हाल TMC का भी हो रखा है। तीसरी बार बंगाल में सत्ता क्या प्राप्त कर ली, अब मानो ‘विश्व विजेता’ बनने के सपने देखने लगे हैं, और गोवा में पार्टी ‘भाजपा को कुचल देने’ जैसे कार्टून तक प्रकाशित करवा रही है। परंतु TMC की हेकड़ी त्रिपुरा में धरी की धरी रह गई, जहां उनके गुंडों की गुंडई पर त्रिपुरा की जनता ने उनकी जमकर कुटाई की और उनकी गाड़ी भी तोड़ दी।

परंतु ऐसा भी क्या हुआ, जिसके कारण इतना हो हल्ला मचा हुआ है? असल में बंगाल में तीसरी बार सत्ता प्राप्ति के बाद अब तृणमूल काँग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में अपने आप को विजयी बनाने के ख्वाब देख रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में अभी हाल ही में कांग्रेस से तृणमूल में शामिल हुई सुष्मिता देव के साथ तृणमूल कार्यकर्ता त्रिपुरा में अमताली नामक स्थान पर प्रचार करने जा रहे थे। इसी बीच उनके काफिले पर अज्ञात हमलावरों ने ‘कथित तौर’ पर धावा बोला और उनकी गाड़ी को बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया।

इस पर सुष्मिता सहित TMC हाय तौबा मचाते हुए पुलिस हेडक्वार्टर्स तक पहुँच गए, जहां उन्होंने सत्ताधारी भाजपा पर हमले करवाने का आरोप लगवाया –

 

इतना ही नहीं, TMC के चाटुकारों [इन्हें राजनीतिक कार्यकर्ता कहना ही अन्य कार्यकर्ताओं का अपमान होगा] ने ट्विटर पर भाजपा को नीचा दिखाने के लिए अभिषेक बनर्जी के इशारों पर ‘Duare Gunda Raj’ ट्रेंड कराना शुरू कर दिया। स्वयं अभिषेक बनर्जी इस ट्रेंड में भाग लेते हुए ट्वीट करते हैं, “बिप्लब के ‘Duare Gundaraj’ के अंतर्गत राजनीतिक विरोधियों पर हमले दिन प्रतिदिन नये रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। एक महिला राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव जी पर त्रिपुरा भाजपा के गुंडों ने ऐसा कायरतापूर्ण हमला किया है जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। समय आ चुका है, त्रिपुरा की जनता जवाब देगी!”

 

ताली एक हाथ से नहीं बजती

लेकिन वो कहते हैं न, ताली एक हाथ से नहीं बजती। यदि सुष्मिता देव पर हमला हुआ था, तो उन्हें इतना स्पष्ट विश्वास कैसे था कि वे भाजपा के ही कार्यकर्ता थे, और किसी पार्टी के नहीं? क्या तृणमूल काँग्रेस ने बंगाल के साथ-साथ पूरे देश की जनता को बेवकूफ समझ रखा है? क्या देश को आभास नहीं है कि तृणमूल काँग्रेस अपने राज्य में किस प्रकार से तानाशाही और आतंकवाद को खुलकर बढ़ावा देती आई है?

इससे पहले भी तृणमूल काँग्रेस त्रिपुरा में ‘जनाधार’ बढ़ाने के नाम पर तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा देती आई है। डायरेक्ट एक्शन डे की वर्षगांठ यानि 16 अगस्त के अवसर पर इनके गुंडों ने ‘खेला होबे दिवस’ भी मनाया। जब स्थानीय जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया, तो तृणमूल कार्यकर्ताओं ने स्वभाव अनुसार गुंडई का परिचय दिया। परंतु जब त्रिपुरा की जनता ने एकजुटता का परिचय देते हुए इन्हे जमकर कूटा, तो ये शिष्टाचार और आचरण की दुहाई देने लगे l

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योगी आदित्यनाथ से सीख रहे हैं बिप्लब कुमार देब

कहते हैं, सरल कार्य करना ही सबसे कठिन है, लेकिन बिप्लब कुमार देब के लिए कठिन शब्द उनके शब्दकोश में है ही नहीं। ऐसा प्रतीत होता है कि निकृष्ट विपक्ष की गुंडागर्दी से कैसे निपटना है, इसके लिए उन्होंने स्वयं उत्तर प्रदेश के प्रभावशाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तौर तरीकों पर ध्यान दिया है इसीलिए लाख चाहने के बावजूद न तो CPI [M] और न ही TMC के गुंडे त्रिपुरा में अराजकता फैलाने में सफल हो पा रहे हैं। इतनी ही सरलता से त्रिपुरा में बिप्लब कुमार देब ऐसे ही गुंडागर्दी नियंत्रित करते रहे, ये हम सब की प्रार्थना है।

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