ममता बनर्जी काट रही हैं कांग्रेस की जड़ें पर कांग्रेस है असहाय

कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी!

ममता बनर्जी लेख

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देश की राजनीति में बीजेपी का कद इतना बड़ा हो गया है कि कोई भी विपक्षी पार्टी इस राजनीतिक दल को अकेले टक्कर नहीं दे पाती। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। पार्टी के नेता अपने राजनीतिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए दूसरी पार्टियों का दामन थाम रहे हैं। पार्टी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं तो वहीं, कुछ नेता टीएमसी और अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं।

दूसरी ओर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद ममता बनर्जी की नजर लोकसभा चुनाव 2024 पर टिकी हुई है। इसके लिए वह अभी से रणनीति बनाने में लग गई है। पिछले महीनें ममता बनर्जी ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की थी और लोकसभा चुनाव की रणनीतियों पर चर्चा किया था। अब ममता बनर्जी ने कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका देते हुए ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी TMC, कांग्रेस से बड़ी है और केंद्र में सरकार बनाने की तैयारियों में लग गई है।

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बीजेपी के खिलाफ विफल रही है कांग्रेस

ममता बनर्जी ने TMC के मुखपत्र जागो बांग्ला में एक लेख लिखते हुए कांग्रेस को निशाने पर लिया है। उन्होंने अपने लेख में लिखा है कि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने में बुरी तरह विफल रही है, इसलिए भारत के लोगों ने फ़ासीवादी भगवा पार्टी को हटाकर एक नया भारत बनाने की जिम्मेदारी तृणमूल कांग्रेस पर डाल दी है।

ममता बनर्जी ने अपने लेख का शीर्षक दिल्ली आर डाक दिया है। ममता बनर्जी ने इस लेख में कहा, “तथ्य यह है कि हाल के दिनों में कांग्रेस, भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने में विफल रही है, पिछले दो लोकसभा चुनावों में यह साबित हो गया है। यदि आप केंद्र में लड़ाई नहीं दे सकते हैं तो जनता का विश्वास टूट जाता है।“

ममता बनर्जी ने कहा, “देश के लोगों को इस (टीएमसी) मॉडल में विश्वास है। हमें सबसे व्यावहारिक मॉडल पेश करना है जो भारत के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकता है। टीएमसी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में एक कदम भी पीछे नहीं हटेगी।“

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ममता बनर्जी ने आगे लिखा कि “भाजपा विधानसभा चुनावों में अपनी हार को पचा पाने में विफल रही है और प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। अभी टीएमसी के सामने एक नई चुनौती है- दिल्ली की पुकार। इस देश के लोग जनविरोधी नीतियों, राजनीति और फ़ासीवादी ताकतों की हार से राहत चाहते हैं।“

उन्होंने कहा, “सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए। हमें देश हित में एकजुट होना है। वैकल्पिक मंचों को मजबूत करने की जरूरत है। वह मंच नीतियों और कार्यक्रमों के आधार पर होगा।“ ममता ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कांग्रेस के बिना किसी भी वैकल्पिक मंच के बारे में नहीं सोचा है। कुछ महीनें पहले एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी यही बात कही थी, अब ममता उसे ही दोहरा रही हैं।

कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी

ममता बनर्जी ने अपने लेख में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी से टक्कर लेने वाली है। हालांकि, ममता बनर्जी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस को शामिल किए बिना संयुक्त विपक्षी मोर्चा नहीं हो सकता। दूसरी ओर ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि टीएमसी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सफलतापूर्वक हराया है, जिससे साबित होता है कि पार्टी राष्ट्रीय मंच पर बीजेपी के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई का चेहरा बन रही है।

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कांग्रेस नेताओं को तोड़ रही टीएमसी

ममता बनर्जी का यह बयान और लेख तब सामने आ रहा है जब पूर्वोत्तर से लेकर गोवा तक, TMC कांग्रेस के नेताओं को तोड़कर मजबूत राजनीतिक दल बन रही है। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी विधायक लुईजिन्हो फालेयरो ने पिछले दिनों कांग्रेस से इस्तीफा देकर टीएमसी का दामन थाम लिया। विपक्षी पार्टियों के लिए यह समस्याओं और दुविधाओं का दौर है। राजनेताओं को अपने राजनीतिक दलों की महत्ता भी प्राप्त करनी है और दूसरी ओर उन्हें एक होकर चुनाव भी लड़ना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य के गर्भ में इस राजनीतिक कदम के क्या मायने निकलते हैं लेकिन फिलहाल जरूरत है कि कांग्रेस अपने आप को आंकना शुरू कर दें।

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