सुनो अक्षय कुमार, लक्ष्मी बॉम्ब की तरह ‘Ratsasan’ को मत बर्बाद कर देना  

जनता के कोपभाजन का शिकार होने के बाद भी अक्षय रुकने का नाम नहीं ले रहे!

राचसन फिल्म

साभार: NewsBytes

फिल्म ‘राचसन’ (Ratsasan) रीमेक : बड़े बुजुर्गों ने सही कहा है, अगर कुछ बना नहीं सकते, तो बिगाड़िए भी मत। शायद इस बात पर बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने कभी ध्यान देने की चेष्टा नहीं की है। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों से अपनी छवि चमकाने के चक्कर में अक्षय कुमार बायोपिक से लेकर रीमेक पर रीमेक निकाल रहे हैं।

यही कारण है कि उन्हें जनता के कोपभाजन का शिकार भी होना पड़ा है, लेकिन फिर भी अक्षय रुकने का नाम नहीं ले रहे। अब खबरें आ रही हैं कि अक्षय जल्द ही लक्ष्मी बॉम्ब की भांति ही प्रसिद्ध तमिल फिल्म ‘राचसन’ (Ratsasan) का रीमेक बना रहे हैं, और दर्शकों को उम्मीद है कि वो इस फिल्म को बर्बाद करेंगे। राचसन फिल्म की शूटिंग एक हफ्ते पूर्व ही समाप्त हुई है।

इस फिल्म को ‘बेल बॉटम’ के निर्देशक रणजीत तिवारी निर्देशित करेंगे, और अक्षय कुमार का साथ देंगी रकुलप्रीत सिंह। सूत्रों की मानें तो ये फिल्म कथित तौर पर प्रसिद्ध फिल्म ‘राचसन’ [तमिल में राक्षस] की रीमेक है, जो एक सनकी सीरियल किलर और उसका पीछा करने वाले एक स्क्रिप्ट राइटर से पुलिस अधिकारी बने व्यक्ति पर आधारित है।

फिलहाल के लिए इस प्रोजेक्ट को ‘Production 41’, तो कुछ लोग इसे अनाधिकारिक रूप से ‘मिशन सिंडरेला’ का नाम दे रहे हैं। हालांकि, फिल्म के खत्म होने पर एक ग्रुप फोटो के दौरान अक्षय कुमार के हाथ में जब एक डॉल और उनके ठीक बगल में एक छोटी बच्ची दिखी, तो इससे स्पष्ट हो गया कि यह ‘राचसन’ का रीमेक है। अगर यह शत प्रतिशत सत्य है तो ये न केवल बॉलीवुड के ओरिजिनल कहानी के प्रति उदासीनता को दर्शाता है, बल्कि एक चिंताजनक स्थिति की ओर भी इशारा करता है।

पिछले वर्ष अक्षय कुमार की एक फिल्म आई थी – ‘लक्ष्मी बॉम्ब’। ये फिल्म तमिल हॉरर कॉमेडी ‘कंचन’ पर आधारित थी, जिसे स्वयं वर्तमान फिल्म के निर्देशक राघव लॉरेंस ने निर्देशित किया और उसमें मुख्य भूमिका निभाई थी। हैरानी की बात यह है कि ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ में मूल फिल्म से ठीक उलट न केवल सनातन धर्म का अपमान किया गया, अपितु इस फिल्म में जानबूझकर उन सभी बिंदुओं का प्रयोग किया गया जिससे सनातन धर्म की सहिष्णुता पर प्रश्न चिन्ह लगाया जा सके। अर्थात मूल फिल्म की भावना के साथ अक्षय कुमार और फिल्म के लेखक फरहाद सामजी ने जबरदस्त खिलवाड़ किया। भले ही फिल्म का नाम ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ से बदलकर ‘लक्ष्मी’ कर दिया गया हो, परंतु स्थिति ढाक के तीन पात रही।

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अब ‘राचसन’ कोई ऐसी वैसी फिल्म नहीं है, बल्कि यह भारतीय सिनेमा के उन उत्कृष्ट फिल्मों में से एक है, जिन्हें दुर्भाग्यवश कभी ऑस्कर के लिए नहीं भेजा गया। ये तमिल फिल्म 5 अक्टूबर, 2018 में रिलीज हुई थी, यानि उसी दिन जिस दिन श्रीराम राघवन की प्रसिद्ध फिल्म Andhadhun (अंधाधुन) देशभर में अपने कॉन्टेंट के बल पर धूम मचा रही थी। तब ‘राचसन’ ने अपने कॉन्टेंट के दम पर न केवल तमिलनाडु में अपना जलवा कायम रखा, अपितु धीरे-धीरे भाषा की बाधा को पार करते हुए पूरे देश के सिनेमा प्रेमियों के बीच अपने लिए एक अलग स्थान बनाया। इसके सटीक कॉन्टेंट और जबरदस्त रोमांच ने दर्शकों को अपनी सीटों से चिपकने पर विवश कर दिया था।

जब से लोगों को संदेह हुआ है कि अक्षय कुमार इसके रीमेक में काम कर रहे हैं तब से वो काफी भड़के हुए हैं। एक यूजर ने तो उन्हीं के फिल्म का संवाद ट्वीट करते हुए पोस्ट किया कि ‘कुछ तो शर्म करो जनाब’। 

https://twitter.com/mauryajispeaks/status/1409809876964896769

एक अन्य यूजर ने पूछा, “आप क्यों एक उत्कृष्ट फिल्म को बर्बाद करना चाहते हैं, वो भी अक्षय कुमार के साथ?” 

इसपर एक अन्य यूजर ने व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा, “अक्षय कुमार क्रिस्टोफर [मूल फिल्म का विलेन] का सर फोड़ेगा और फिर नोरा फतेही के साथ ठुमके लगाएगा”।

सच कहें तो रीमेक करना इतना बुरा नहीं है, यदि ढंग से किया जाए तो। स्वयं अक्षय कुमार ने एक बार ‘चंद्रमुखी’ नामक फिल्म के साथ न्याय करते हुए Bhool Bhulaiyaa (भूल भुलैया) नामक एक हास्य से परिपूर्ण, परंतु मनोरंजक फिल्म दी थी। तब से अब में बहुत अंतर आ चुका है, और अब जनता को अक्षय कुमार की नीयत पर संदेह होने लगा है, और उनका विश्वास जीतना अक्षय के लिए इतना आसान नहीं होगा।

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