‘डाउन डाउन मौका मौका’, तमिलनाडु की कंपनी ने पाकिस्तान की जीत का खुलकर मनाया जश्न

देश से गद्दारी बर्दाश्त नहीं, सोशल मीडिया पर लोगों ने लगा दी क्लास!

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मौका मौका – भारत-पाकिस्तान मैच में भारत की पराजय के बाद भारत में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो या तो पाकिस्तान की जीत पर खुश हो रहे हैं या अपनी स्पोर्ट्समैन स्पिरिट की भावना को प्रदर्शित करने के लिए पाकिस्तान की तारीफ कर रहे हैं। जो लोग पाकिस्तान की जीत पर पटाखे फोड़ रहे हैं, उन्हें सीधे तौर पर गद्दार कहा जा सकता है लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जो ‛वोक कल्चर’ के प्रभाव में उदारवादी बनने के प्रयास में यह भी भूल गए हैं कि पाकिस्तान खुद अपनी जीत को किस प्रकार ले रहा है।

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भारतीय पत्रकारों, भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली समेत कई लोगों ने स्पोर्ट्समैन स्पिरिट की भावना से पाकिस्तान को बधाई दी। लेकिन हद तो तब हो गई जब तमिलनाडु स्थित एक कंपनी ने पाकिस्तान की जीत पर उसका गुणगान किया और सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर डाली। दरअसल, MEDLOQR नामक कंपनी चेन्नई में स्थित है। कंपनी ने अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज पर पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट डालते हुए ‛डाउन डाउन मौका मौका’ लिख दिया। कंपनी स्टार स्पोर्ट्स के मौका मौका एड का विरोध कर रही थी, जिसमें वर्ल्ड कप में भारत के हाथों बार-बार मिलने वाली पराजय के कारण पाकिस्तान का मजाक बनाया जाता था।

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भारतीय कंपनी का पाकिस्तान प्रेम

कंपनी ने अपने पोस्ट में लिखा “जब हम परिवार के बीच ही खेलते हैं, तब हम जीत पर खुश होते हैं। लेकिन जब हम हारते हैं, तब हम बहुत ज्यादा खुश होते हैं। भाई पाकिस्तान को शुभकामनाएँ। डाउन-डाउन ‘मौका मौका’ स्टार स्पोर्ट्स।” कंपनी की ओर से सोशल मीडिया अकाउंट पर ही पाकिस्तानी खिलाड़ियों की सेल्फी लेते हुए एक तस्वीर भी साझा की गई थी। कंपनी के पाकिस्तान प्रेम के कारण लोगों का आक्रोश सोशल मीडिया पर देखने को मिला, जिसके बाद कंपनी को इंस्टाग्राम और फेसबुक से अपनी पोस्ट हटानी पड़ी है।

पाक के सामने मूर्खतापूर्ण है स्पोर्ट्समैन स्पिरिट की भावना

स्पोर्ट्समैन स्पिरिट एक सकारात्मक भावना है, मैच में जीत हार को समभाव से लेना अच्छी बात है, लेकिन जब आपका प्रतिद्वंदी पाकिस्तान जैसा हो, तो यह भावना मूर्खतापूर्ण लगती है। एक ओर पाकिस्तान के मंत्री पाकिस्तान की भारत पर जीत को सभी मुसलमानों की हिंदुओं पर जीत बताते हैं, तो दूसरी ओर वकार यूनुस जैसे वरिष्ठ पूर्व खिलाड़ी इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हैं कि पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद रिजवान ने हिंदुओं के सामने बीच मैदान में नमाज पढ़ी।

वकार यूनुस की ये बातें सीधे तौर पर उनकी इस्लामिक प्रभुसत्ता की विचारधारा को परिलक्षित कर रही थी। जब विरोधी खिलाड़ी नस्लीय और मजहबी प्रभुता की घटिया मानसिकता वाले हो, तो वहां स्पोर्ट्समैन स्पिरिट का प्रदर्शन मूर्खता नहीं तो और क्या है? आप पाकिस्तान से हार को एक सामान्य मैच में मिली हार की तरह ले तो ठीक है, लेकिन आप पाकिस्तान जैसे देश को भाई नहीं कह सकते।

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महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस कंपनी ने सोशल मीडिया पर यह पोस्ट डाली थी, उसके ऐप को प्ले स्टोर पर लगभग 2500 लोगों द्वारा ही डाउनलोड किया गया था। ऐसे में यह भी हो सकता है कि कंपनी ने जानबूझकर अपना नाम विवाद में घसीटा, जिससे कंपनी को पब्लिसिटी मिल सके, लेकिन देश की जागरुक जनता ने उसकी हालत पतली कर दी है।

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