‘ऐसी वाणी बोलिए कि जमकर झगड़ा होये पर उनसे पंगा न लीजिए जो आपसे तगड़ा होये!’
सोशल मीडिया पर इस चुटकुले को आपने कई बार सुना होगा और फ़ेसबुक / वॉट्सएप पर शेयर भी किया होगा। परंतु शायद वकार यूनुस इस बात से कोई वास्ता नहीं रखते। तभी उन्होंने पाकिस्तान की अप्रत्याशित विजय पर भारत के विरुद्ध विष उगलते हुए यहाँ तक कह डाला कि पाकिस्तान की विजय अपने में बहुत महत्वपूर्ण है, और मैदान पर एक पाकिस्तानी प्लेयर रिज़वान ने जो हिंदुओं के सामने नमाज़ पढ़ी, वो और भी महत्वपूर्ण है। लेकिन जहां देश में हर्षा भोगले जैसे लोग थे, जिन्होंने वकार के इस विषैले व्यंग्यबाण को हल्के में लेना चाह, तो वहीं पर वेंकटेश प्रसाद जैसे लोग भी थे, जिन्होंने न केवल वकार यूनुस को अपनी अनोखी शैली में धोया, अपितु अप्रत्यक्ष रूप से हर्षा भोगले को दर्पण भी दिखाया।
असल में अभी UAE में हाल ही में हो रहे टी20 विश्व कप के प्रारम्भिक मैच में पाकिस्तान ने अपेक्षाओं के ठीक विपरीत भारत को 10 विकेट से परास्त किया। वकार यूनुस ने एक मैच विश्लेषण शो के दौरान बाबर आज़म और उसके साथी रिजवान की तारीफ करते हुए यहाँ तक कह डाला कि रिजवान की बैटिंग से अधिक प्रिय मुझे हिंदुओं के सामने उसका नमाज़ करना लगा। वकार के शब्दों में, “ये देख मुझे उसके बल्लेबाजी से भी अधिक आत्मीय प्रसन्नता मिली”
"Rizwan offered Namaz during #INDvPAK match in middle of Hindus was most satisfying thing Mashallah, even more than his batting"
– Waqar Younis & Shoaib Akhtar discusspic.twitter.com/ELTVJSTqh4
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) October 26, 2021
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हालांकि, वकार ऐसे पहले व्यक्ति नहीं है, जिन्होंने भारत के विरुद्ध इस प्रकार से विष उगला है। पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर बाजिद खान ने मैच के बाद बाबर आज़म से बात करते हुए पूछा कि ‘कुफ़्र तो टूट गया’ यानि काफिरों का घमंड तो चकनाचूर हो गया, जिसपर बाबर आज़म ने कहा कि ‘अल्लाह का करम है।’
हर्षा भोगले की ‘धीमी आंच पर पकी निंदा’
ऐसे में इस विषैले बयान की देशभर में जबरदस्त निंदा हुई, और क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने भी वकार को खरी-खोटी सुनाई। लेकिन महोदय की निंदा, निंदा काम, धीमी आंच पर पकी फीकी बिरयानी अधिक प्रतीत हुई। महोदय लिखते हैं, “वकार यूनुस जैसे व्यक्ति के लिए ऐसे बयान देना बहुत ही अशोभनीय है। हम लोग ऐसी बातों को हल्के में लेने का प्रयास करते हैं, परंतु ये अस्वीकार्य हैं। मैं फिर भी आशा करता हूँ कि पाकिस्तान के वास्तविक खेलप्रेमी इस खतरनाक बयान को देखेंगे और उसकी निंदा करेंगे। मुझे ये भी आशा है कि वकार की ओर से एक माफीनामा अवश्य आएगा। हमें क्रिकेट जगत को एक करना है, धर्म से तोड़ना नहीं है!”
हर्षा भोगले वास्तव में क्रिकेट के कितने ज्ञानी है, इसको समझाने के लिए यह स्क्रीनशॉट पर्याप्त है, जहां दावा किया गया है कि पूर्व क्रिकेटर ब्रायन लारा ने इनकी अज्ञानता पर इन्हें ट्रोल किया था –
‘आमिर सोहेल’ की तरह हर्षा भोगले और वकार यूनुस को धोया वेंकटेश प्रसाद ने
यूं तो ‘रंग दे बसंती’ एक विशुद्ध वामपंथी फिल्म थी, जिसमें स्मरण योग्य बहुत कम दृश्य थे, परंतु कुछ संवाद अवश्य सत्य थे। ‘ज़िंदगी जीने के दो ही तरीके होते हैं – एक जो हो रहा है होने दो, बर्दाश्त करते जाओ, या फिर जिम्मेदारी उठाओ उसे बदलने की!’ कुछ ऐसी ही जिम्मेदारी एक ऐसे व्यक्ति न उठाई, जो अपनी गेंदों से पाकिस्तानी खेमे में त्राहिमाम मचा देता था। ये वही वेंकटेश प्रसाद हैं, जिन्होंने आमिर सोहेल द्वारा विश्व कप 1996 में अपमानित किए जाने पर उसी को क्लीन बोल्ड कर स्पष्ट उत्तर दिया था, और आज फिर वकार यूनुस के साथ अप्रत्यक्ष रूप से हर्षा भोगले को भी दर्पण दिखाया है।
वेंकटेश ने अपने ट्वीट में लिखा, “वकार कहता है कि हिंदुओं के बीच खड़े होकर रिजवान ने नमाज़ पढ़ी वो बहुत स्पेशल था। ऐसा बोलने के लिए अलग दर्जे की जिहादी मानसिकता चाहिए। कैसा बेशर्म आदमी है!” –
"Hinduon ke beech me khade hoke namaaz padi, that was very very special for me" – Waqar .
Takes jihadi mindset of another level to say this in a sport. What a shameful man.— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) October 26, 2021
वेंकटेश ने एक ही ट्वीट में स्पष्ट बताया दिया कि वकार यूनुस कुछ नहीं अपितु एक जिहादी हैं, जिसकी सोच केवल हिंदुओं को नीचा दिखाने तक ही सीमित है। इसके साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से वेंकटेश ने उन लोगों को भी निशाने पर लिया, जिन्होंने वकार यूनुस के विषैले व्यंग्यबाण को ‘Spirit of Cricket’ बोल अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया था। इस प्रकरण से एक बात तो स्पष्ट है – चाहे क्रिकेट का मैदान हो या सोशल मीडिया का, वेंकटेश प्रसाद आज भी अपने विरोधियों को धूल चटाने में माहिर हैं!