भारतीय टीम ने अश्वेतों के लिए घुटने टेक दिए, लेकिन बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए एक शब्द नहीं फूटा

एक तो खेला बेकार, उस पर नौटंकी हज़ार!

भारतीय टीम ने अश्वेतों के लिए घुटने टेक दिए

भारतीय क्रिकेट टीम और पाकिस्तानी क्रिकेट टीम ने दुबई में अपने हाई-वोल्टेज टी20 विश्व कप मैच की शुरुआत से पहले Black Lives Matter आंदोलन को अपना समर्थन दिया। विराट कोहली की अगुवाई वाले ‘मेन इन ब्लू’ ने मैच से पहले ही घुटने टेक दिए। हालांकि, पाकिस्तान ने घुटने नहीं टेके बल्कि दिल पर हाथ रखा, क्योंकि उनके लिए उनका अल्लाह ही सर्वोपरि है। यह सोचने वाली बात है कि पाकिस्तान ने अपने मज़हब के कारण घुटने टेकने के चलन में बदलाव कर दिया, तो क्या भारतीय टीम को इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण मारे गए हिंदुओं या अपनी संस्कृति की परवाह नहीं?

 

मैच आरंभ होने से पहले भारतीय बल्लेबाजों खेल के मैदान के बीच में घुटनों पर दिखे, जबकि टीम के अन्य लोग बाउंड्री लाइन पर घुटनों पर दिखे। यह पहला मौका है जब भारतीय खिलाड़ियों ने इस तरह के किसी राजनीति से प्रेरित आंदोलन में हिस्सा लेते हुए घुटने टेके हैं।  पिछले साल हार्दिक पांड्या इस आंदोलन में शामिल हुए थे जब उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए घुटने टेक दिए थे।

वेस्टइंडीज और इंग्लैंड घुटने टेकने वाली पहली दो टीमें थीं। दोनों टीमों ने पिछले साल सीरीज के पहले टेस्ट से पहले घुटने टेक कर BLM को समर्थन किया था। विभिन्न खेलों की कई टीमों ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।

यहां सवाल उठता है कि आखिर इस आंदोलन का हिस्सा बनने का फैसला किसका था? टीम, मैनेजमेंट या सरकार। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट ने बताया कि यह फैसला मैनेजमेंट का था। अर्थात यह फैसला BCCI में बैठे अधिकारियों ने लिया।

अब यहां कुछ सवाल उन अधिकारियों से आवश्यक है।

नहीं ना! बावजूद इसके कल के भारत पाकिस्तान के मुकाबले से पहले भारतीय टीम ने ब्लैक लाइव मैटर का समर्थन किया। यानी इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण मारे गए हिंदुओं के लिए आवाज उठाने वाला कोई नहीं है लेकिन भारतीय टीम ‘ब्लैक लाइव मैटर’ के नाम पर विश्व भर में अराजकता फैलाने वाले इस woke movement का हिस्सा बन गई। भारतीय टीम के  इस Wokism में शामिल होने के बाद ट्विटर पर लोगों ने जमकर कोहली एंड कंपनी को लताड़ा।

 

TFI के संस्थापक अतुल मिश्रा ने टीम की घुटनों पर फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा कि इन्हीं सब कारणों से मैं अब क्रिकेट नहीं देखता।

 

वहीं TFI की एडिटर दीक्षा नेगी ने ट्वीट किया कि “#IndiaVsPak में विराट एंड कंपनी ने ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए घुटने टेक दिए। Wokism की पराकाष्ठा है ये! सरासर पाखंड! क्रिकेट कोई और खेल लेगा, आप जाकर MPL पर टीम बना लो।”

 

एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा कि, “हम पश्चिम से आने वाली इन Woke प्रवृत्तियों की परवाह क्यों करते हैं जिनका हमसे कोई लेना-देना नहीं है? भारत में ब्लैक लोग कहाँ हैं? इसके बजाय अफगानिस्तान, कश्मीर और बांग्लादेश में सताए जा रहे हिंदुओं और सिखों के लिए कुछ क्यों नहीं करते?”

 

सुहास नामक एक ट्विटर यूजर ने तो लिखा कि, “किसी और के लिए घुटने टेकने से पहले अपनी संस्कृति के लिए खड़े होना सीखें।”

https://twitter.com/Suhas_AN/status/1452350462338895872?t=5rlGPRvi3fnKzg-njzJqVQ&s=19

 

इसी तरह कई अन्य लोगों ने भी टीम तथा BCCI से सवाल करते हुए अपने गुस्से को जाहिर किया।

 

 

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यह बात तो स्पष्ट हो गई कि भारतीय टीम का इस तरह से Wokism के रास्ते पर जाना लोगों को पसंद नहीं आया। अब यह देखना है कि BCCI और भारत सरकार का इस मुद्दे पर क्या जवाब आता है।

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