मुंबई के मालवानी क्षेत्र से हिंदू कर रहे बड़े पैमाने पर पलायन, CM उद्धव धृतराष्ट्र की तरह मौन हैं

मालवानी मुंबई
  • मुंबई के मालवानी क्षेत्र में 85% हिंदू आबादी थी, जो अब मुस्लिम कब्जे में वृद्धि के कारण घटकर लगभग 25 प्रतिशत रह गई है। 
  • हिंदू निवासियों के घरों पर पथराव किया जा रहा है।
  •  मुंबई BJP अध्यक्ष लोढ़ा का दावा एक विशेषमालवानी पैटर्नके तहत हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है।

पिछले कुछ महीनों से कुछ दबंग मुस्लिमों द्वारा मुंबई के मालवानी क्षेत्र के हिंदुओं को अपना निवास स्थान छोड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा है। माहौल इतना खराब हो चुका है कि कई परिवार उस क्षेत्र से पलायन भी कर रहे हैं। यह समस्या पिछले कुछ दिनों से नहीं, बल्कि कई वर्षों से है। बावजूद इसके ना तो मीडिया में इसकी चर्चा है और न ही सोशल मीडिया पर। इस मामले को उद्धृत करते हुए हिंदुओं के समर्थन में मुंबई भाजपा अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा और विधायक नितेश राणे ने सोमवार (18 अक्टूबर) को मालवानी का दौरा किया। यही नहीं हिंदुओं की मदद के लिए VHP जैसे संगठन भी सामने आ रहे हैं। हालांकि, रामजन्म भूमि आंदोलन के दौरान बाबरी विध्वंस का समर्थन करने वाली पार्टी शिवसेना आज सत्ता में रहते हुए भी इस पलायन पर द्वापर युग के धृतराष्ट्र की तरह सत्तालोलुपता में लीन हैं। धृतराष्ट्र ने जिस तरह से सत्ता में बने रहने के लिए न तो अपने अन्य पुत्रों के जीवन की चिंता की और न ही सैनिकों के जीवन के मूल्य को समझा, उसी प्रकार आज उद्धव भी आंखे मूंद कर बैठे हैं।

Organiser की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी नेता लोढ़ा और नितेश राणे मालवानी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक से मिले और हिंदू निवासियों के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की है।

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मालवानी मुंबई के व्यस्त पश्चिमी उपनगर मलाड में एक पुराना गांव है, जो अब मुसलमानों के प्रभुत्व वाले एक विशाल झोपड़पट्टी क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है।  कुछ साल पहले, इस क्षेत्र में 85% हिंदू आबादी थी, जो अब मुस्लिम कब्जे में वृद्धि के कारण घटकर लगभग 25 प्रतिशत रह गई है। अब जो भी हिन्दू शेष हैं उन्हें भी यहां परेशान किया जा रहा है और अपने घरों को छोड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा है।

रिपोर्ट की मानें तो VHP यानी विश्व हिन्दू परिषद सहित कई हिंदू संगठन मालवानी गांव के मूल निवासियों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं।

Organiser के अनुसार स्थानीय हिंदू निवासियों के घरों पर पथराव किया जा रहा है। यहां की अवैध मटन की दुकानों से मारे गए जानवरों के अवशेष हिंदू घरों के दरवाजे पर फेंक दिए जाते हैं। स्थानीय दबंग मुस्लिम हिंदू परिवारों को जल्द से जल्द स्थायी रूप से क्षेत्र छोड़ने की धमकी देते हैं। कई लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ है। कुछ महीने पहले भी भाजपा मुंबई अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा ने मालवानी क्षेत्र का दौरा किया था, लेकिन अभी तक उसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है।

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मुंबई के मालवानी गांव के हिंदुओं को बचाने में पुलिस के विफल रहने पर लोढ़ा ने विधायक नितेश राणे के साथ सोमवार को फिर से मालवानी गांव का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, अवैध मुसलमान क्षेत्र में भय पैदा कर रहे हैं और दलित हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर कर रहे हैं। दलित हिंदुओं ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है, लेकिन कार्रवाई संतोषजनक नहीं है। वहीं राणे ने सवाल किया कि बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद मस्जिदों के ऊपर लगे लाउडस्पीकरों को क्यों नहीं हटाया गया।

बता दें कि इसी वर्ष मार्च में विधानसभा में लोढ़ा ने बताया था कि एक विशेष  ‘मालवानी पैटर्न’ के तहत हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह ठीक उसी तरह है जैसे कश्मीर, कैराना और असम जैसे क्षेत्रों में देखा गया था जहां हिंदू अल्पसंख्यकों को धमकाया गया और क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था।

इस दौरान उन्होंने कहा था कि, “इस हिंदू पलायन का एक पैटर्न है। उन्हें पलायन के लिए धमकाया जा रहा है। उन्हें बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है। कश्मीर की तरह कैराना ने भी हिंदुओं का पलायन देखा, मुंबई में मालवानी भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है।

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लोढ़ा ने बताया कि,अगर आप मलाड-मालवानी क्षेत्र में विधानसभा की मतदाता सूची को देखें तो हिंदू मतदाताओं की संख्या में करीब 15,000 की कमी आई है जबकि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में 12,000 की वृद्धि हुई है।

लोढ़ा के अनुसार मालवानी में हिंदुओं को एक सुनियोजित साजिश के तहत प्रताड़ित किया जा रहा है, जिसमें उन्हें बेदखल करना शामिल है ताकि रोहिंग्या मुसलमानों, बांग्लादेशियों और अन्य लोगों को बसाया जा सके।

मामला इतना संगीन होने के बावजूद न तो उद्धव को चिंता है और न ही मीडिया को। रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के लिए आसमान सिर पर उठाने वाली मीडिया का मौन दिखाता है कि वह किस तरह से उद्धव के सामने घुटनों पर आ चुकी है। इस मामले में केंद्र सरकार को तुरंत संज्ञान लेते हुए त्वरित हस्तक्षेप करना चाहिए नहीं तो अपने ही देश में हिंदुओं की यह स्थिति बद से बदतर होती जाएगी।

 

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