पश्चिम बंगाल के 2021 विधानसभा चुनाव में तीसरी बार टीएमसी की जीत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सिर पर चढ़ गई हैं, और निश्चित ही वो अब राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने के लिए आतुर हैं। ममता के 10 वर्षीय कार्यकाल में जिस तरह से राज्य के मुस्लिम समुदाय के लोगों का तुष्टीकरण किया गया अब वही उनके गले की हड्डी बन गया है। संभवतः यही कारण है कि ममता बनर्जी ने अब हिन्दुओं के बीच अपनी छवि चमकाने के लिए बंगाल के सबसे लोकप्रिय त्योहार दुर्गा पूजा का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है। कहीं दुर्गा पंडालों में किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए उसी थीम पर सजावट हो रही है, तो कहीं ममता बनर्जी को स्वयं ही दुर्गा के अवतार में दिखाया गया है, जिनके दस हाथों में ममता सरकार की दस योजनाएं सजाईं गईं हैं, जो कि निश्चित तौर पर मां दुर्गा का अपमान है, और ये ममता बनर्जी के बेहद ही आपत्तिजनक पीआर नीति का हिस्सा है।
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मां दुर्गा की जगह ममता
जब सत्ता का नशा सिर पर चढ़ता है, तो निश्चित ही इंसान पागलपन की पराकाष्ठाओं को पार करने लगता है, और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की स्थिति भी अब ऐसी ही हो गई है। इस बार बंगाल में दुर्गा पूजा धार्मिक से ज्यादा राजनीतिक लग रहा, क्योंकि यहां मोदी सरकार की आलोचनाओं से लेकर सीएम ममता बनर्जी की छवि को चमकाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हिन्दुस्तान की एक रिपोर्ट बताती है कि बंगाल के उत्तर 24 परगना के नजरूल पार्क में दुर्गा पूजा आयोजकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मूर्ति लगाई हैं, जिसमें ममता के दस हाथ दिखाएं गये हैं, ममता की इस मूर्ति के प्रत्येक हाथ में बंगाल सरकार की एक-एक योजना को चित्रित किया गया है।
ममता की इस मूर्ति के संबंध में नजरूल पार्क उन्नयन समिति के अध्यक्ष इंद्रनाथ बागुई ने कहा, “मूर्ति का हर हाथ लखी भंडार और अन्य ऐसी ही सरकार की पहलों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है।” ध्यान दिलाते चलें कि इस इलाके को ममता बनर्जी और टीएमसी का गढ़ माना जाता है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि ममता अपनी छवि सुधारने के लिए इस पंडाल का इस्तेमाल कर रही हैं। हालांकि, ये कोई अकेला उदाहरण नहीं जो कि ममता के पक्ष में राजनीतिक संकेत दे रहा हो।
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किसान आंदोलन का समर्थन
किसान आंदोलन को लेकर पश्चिम बंगाल में भी राजनीतिक माहौल को गर्म करने की कोशिशें की जाने लगी हैं। इसका उद्देश्य भी मात्र एक ही है कि मोदी सरकार का विरोध कर सीएम ममता की छवि चमकाई जाए। कोलकाता के ही दम-दम इलाके में एक दुर्गा पूजा पंडाल में चप्पलों तक से सजावट की गई है, और इसके जरिए किसानों का समर्थन करने की बातें कहीं गई हैं। टीएफआई पहले ही ये रिपोर्ट कर चुका है, कि बंगाल सरकार राज्य के दुर्गा पूजा पंडालों को 50 हजार रुपए अनुदान देती है।
ऐसे में ये प्रतीत होता है कि सरकारी पैसा खर्च करके ममता बनर्जी अब दुर्गा पूजा के उत्सव का इस्तेमाल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कर रही हैं, हालांकि उनकी ये कुटिलता अब समझ आने लगी है।