शक्ति सिन्हा – वाजपेयी युग के चर्चित अफसर सदैव हमारी स्मृतियों में अटल रहेंगे

शक्ति सिन्हा का फोटो

PC: Republic Bharat

युगांत हुआ, प्रशासनिक सेवा का सबसे दीप्तिमान सूर्य आज शून्य में समाहित हुआ। सूर्य समान इस प्रखर पुरुष का नाम था- शक्ति सिन्हा। दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव, पूर्व नौकरशाह और शिक्षाविद शक्ति सिन्हा का सोमवार को निधन हो गया। वह 64 वर्ष के थे।

सूत्रों के अनुसार, शक्ति सिन्हा उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे और बेचैनी की शिकायत पर उन्हें आईपी एक्सटेंशन के आरके अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मृत्यु हो गयी।

राजनीतिक नेताओं और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शक्ति सिन्हा के आकस्मिक निधन पर शोक और दुख व्यक्त किया और एक रणनीतिक विचारक और सार्वजनिक नीति उनके नेतृत्व और योगदान को याद किया:-

वाजपेयी के साथ घनिष्ठता

वाजपेयी के साथ शक्ति सिन्हा का रिश्ता 1980 में शुरू हुआ था जब उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में नियुक्त किया गया था। वह पूर्व प्रधानमंत्री की विचार प्रक्रिया और भाषणों के शौकीन थे। 1990 के दशक के अंत में, जब उन्हें वाजपेयी के साथ काम करने का मौका मिला तो वे बहुत खुश हुए थे।

1979 बैच के एक आईएएस अधिकारी, शक्ति सिन्हा ने दो संस्थानों की स्थापना के लिए काम किया – एक थिंक टैंक (अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड इंटरनेशनल स्टडीज, एमएस यूनिवर्सिटी, वडोदरा में) और एक अकादमिक इंस्टीट्यूशन ऑफ एक्सीलेंस (दिल्ली स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेंस, दिल्ली विश्वविद्यालय)।

दिवंगत विद्वान ने उस अवधि का एक संस्मरण भी लिखा था – “Vajpayee: The years that changed India”। वह तीन मूर्ति में नेहरू मेमोरियल लाइब्रेरी एंड म्यूजियम के पूर्व निदेशक थे। शक्ति सिन्हा ने 1990 के दशक के अंत में निजी सचिव और फिर प्रधानमंत्री के संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया। वह अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में अत्यधिक शक्तिशाली अधिकारियों में से एक थे। सरकारी सेवाओं से लेकर व्यापारिक संस्थाओं तक के अधिकारियों ने उनके आकस्मिक निधन पर दुख व्यक्त किया।

और पढ़ें: एलन मस्क का उतरा नकाब : क्या Elon Musk वास्तव में PayPal के कोफाउंडर थे?

शक्ति सिन्हा एक सोच थे, प्रशासनिक क्षेत्र के प्रवर्तक थे। उन्होने लालफीताशाही को सेवा भाव में परिवर्तित कर दिया। वो ना सिर्फ एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी थे वरन एक उत्कृष्ट लेखक और शिक्षाविद भी थे। उनका व्यक्तित्व बहू आयामी होने के बावजूद विराटता को जिस प्रकार सौम्यता में समेटता है, वह अतुलनीय है।

और पढ़ें: कमजोर हो चुके पाकिस्तान से पीओके छिनने का सबसे सुनहरा मौका आ गया है

 

Exit mobile version