मास्क पहने वैश्विक नेताओं के बीच मास्करहित PM मोदी और ये भारत के Vaccination कैंपेन की जीत है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कल यूरोप के दौरे पर हैं। जी20 देशों के सम्मेलन में गए पीएम मोदी की तस्वीरे भी वायरल हो रही हैं। कभी इटली के प्रधानमंत्री के साथ तो कभी पोप के साथ तो कभी बाइडन या मैक्रोन के साथ। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इन तस्वीरों में एक बात समान है और वह है वैश्विक नेताओं का मास्क के साथ होना और पीएम मोदी का बिना मास्क के। इटली में, प्रधानमंत्री मोदी का वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस के साथ मुलाक़ात की तस्वीर हो या इतालवी समकक्ष मारियो ड्रैगी के साथ बातचीत की। किसी में भी पीएम मोदी ने मास्क नहीं लगाया है। यह इशारा है भारतीय वैक्सीन की जीत का, साथ ही साथ पीएम मोदी विश्व को यह संदेश देना चाहते हैं कि भारतीय वैक्सीन प्रोग्राम क्यों सफल है।

मास्करहित मोदी

दरअसल, इटली में प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार और रविवार को G20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। पीएमओ इंडिया द्वारा ट्वीट की गई तस्वीरों की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री मोदी जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात करते हुए दिखाई दे रहे हैं।  यहां तक ​​कि जी20 शिखर सम्मेलन से सामने आई अन्य तस्वीरों में तथा दुनिया के विभिन्न नेताओं के साथ पीएम मोदी की बैठक में भी प्रधानमंत्री मोदी ने मास्क नहीं पहना है, जबकि दुनिया के कुछ नेताओं ने मास्क पहना है।

विभिन्न देशों के नेताओं के साथ अपनी बैठकों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मास्क नहीं पहना था। पीएम मोदी का इस तरह से बिना मास्क के तस्वीरों में आना दुनिया के लिए एक संदेश है कि भारत कोरोना से युद्ध जीतने की ओर अग्रसर है।

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वैश्विक मीडिया ने भारत की छवि खराब करने के लिए कोरोना से इस लड़ाई में भारत को कई बार विफल घोषित किया था। सिर्फ यही नहीं भारतीय वैक्सीन के खिलाफ भी दुष्प्रचार किया गया। बावजूद इसके जब भारतीय वैक्सीन सफल रहा तब इसके खिलाफ भेदभाव आरंभ किया गया जैसा हमें कुछ दिनों पहले UK में देखने को मिला था। परंतु पीएम मोदी का बिना मास्क के सभी से मिलना दिखाता है कि कैसे भारतीय वैक्सीन सफल और सबसे असरदार है। दुनिया का हर नेता पीएम मोदी से मिलना चाहता है, सभी उनके साथ फोटो क्लिक कराना चाहते हैं। कोई मोदी को सलाम कर रहा है तो कोई नमस्ते कर रहा है।

 

 

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इटली में G20 शिखर सम्मेलन में और यहां तक ​​​​कि विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों के दौरान भी मास्क न पहनने का निर्णय लेने के तीन मुख्य कारण हैं। सबसे पहले, भारत ने इस साल की शुरुआत में आई दूसरी लहर के बाद Covid-19 महामारी को नियंत्रित कर लिया है। साथ ही भारत में प्रधानमंत्री मोदी के आस पास कोई ऐसा नहीं है जो Covid-19 से संक्रमित हो। भारत में दैनिक मामले पिछले कुछ समय से 14,000 – 15,000 के आसपास ही रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी का गर्व से दिखाना स्वाभाविक है। भारत ने अपने नागरिकों को 105 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी है। 1.3 अरब लोगों की आबादी में से 31 प्रतिशत से अधिक लोगों को कोविड-19 के खिलाफ पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है। जुलाई में एक सरकारी अध्ययन में अनुमान लगाया गया था कि दो-तिहाई से अधिक भारतीयों में पहले से ही COVID से लड़ने वाले एंटीबॉडी थे। यही कारण है कि ऐसे लोगों को वैक्सीन के एक डोज़ के साथ भी सुरक्षा मिली। अगले कुछ महीनों में, जैसे-जैसे अधिक से अधिक भारतीय अपनी दूसरी डोज़ लेंगे देश में वैक्सीन कवरेज में भारी वृद्धि होगी। इससे कोरोना का खतरा और भी कम होगा।

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 भारतीय टीकों में विश्वास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस तरह दुनिया के आमने बिना मास्क के जाना दिखाता है कि वह दुनिया को बताना चाहते हैं कि उन्हें भारत में बने टीकों की प्रभावशीलता पर पूरा भरोसा है। ऐसे में, यह दुनिया के लिए सर्वसम्मति से भारतीय टीकों को अपनाने और अनावश्यक नौटंकी समाप्त करने का समय है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोवैक्सिन की मंजूरी को लगातार रोका जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी को कोवैक्सिन टीका लगाया गया है, और वह विश्व को प्रभावी ढंग से बता रहे हैं कि कोवाक्सिन का टीका लगाने वालों को अब मास्क की आवश्यकता नहीं है। शनिवार को जी 20 शिखर सम्मेलन में, पीएम मोदी ने WHO द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय टीकों के लिए नए सिरे से जोर दिया।  उन्होंने कहा कि भारत अगले साल दुनिया को वैक्सीन की 5 बिलियन खुराक उपलब्ध कराना चाहता है और ऐसा होने के लिए, डब्ल्यूएचओ को मेड इन इंडिया टीकों को तुरंत मान्य करना चाहिए।

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यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल तक ट्विटर पर मास्क पहने तस्वीर में दिखे थे। जब से कोरोना आरंभ हुआ था तब से पीएम मोदी ने मास्क के लिए देशवाशियों को प्रेरित किया था। यानी जब सभी भारतीयों को मास्क पहनने की आवश्यकता थी, तो पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित किया कि वह बार-बार व्यक्तिगत अपील करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारतीय मास्क को अपनाएं। पीएम मोदी ने इसके लिए  “दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी” मंत्र दिया था। अब भारत ने वायरस के साथ जीना सीख लिया है तथा भारतीयों के लिए अपने सामान्य जीवन में लौटने का समय आ गया है। इटली में जी -20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की बिना मास्क की उपस्थिति और यहां तक ​​​​कि देश में भारतीय प्रवासियों से मुलाकात करते हुए भी बिना मास्क के जाना दिखाता है कि भारत कैसे महामारी से उबर कर नयी शुरुआत के लिए तैयार है।

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