मस्क vs बेजोस यानी फोर्ड vs फेरारी, फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार फोर्ड के पास पहिए ही नहीं हैं

मस्क वर्चस्व और अर्थ दोनों ही मामलों में बेज़ोस से आसानी से पराजित हो जाएंगे!

मस्क और बेजोस

धनकुबेरों के बीच गलाकाट प्रतिस्पर्धा आम बात है और इसका पुराना इतिहास भी रहा है। अर्थ और अधिक अर्थ का लोभ अहंकार को जन्म देता है। अतः गलाकाट प्रतिस्पर्धा कभी-कभी द्वेष में परिवर्तित हो जाती है। ऐसा ही फोर्ड और फरारी के बीच देखने को मिला था जब फेरारी कंपनी के अधिग्रहण का प्रस्ताव लेकर पहुंचे फोर्ड के अधिकारियों को गाली देकर फ़रारी कंपनी के मालिक एंजों फ़रारी ने दफ्तर से निकाल दिया। इसके बाद फोर्ड फ़्रांस के प्रतिष्ठित Le Mans में फ़रारी को हरा रेस जीतती है। इस प्रतिद्वंदीता पर फोर्ड vs. फ़रारी नामक चलचित्र भी बन चुका है। हाल के दिनों में इसी तरह की प्रतिस्पर्धा मस्क और बेजोस के संदर्भ में देखने को मिल रही है। हालांकि, मस्क और बेजोस पुराने प्रतिद्वंदी है परंतु हालिया मामला मस्क द्वारा बेजोस को पछाड़ वापस सबसे बड़े धनकुबेर बनने से जुड़ा है।

और पढ़ें: रिलायंस अमेज़न और वॉलमार्ट की अनैतिक व्यापार प्रथाओं से लड़ रहा है और जीत भी रहा

Space X के अंतरिक्ष यान ने मानव इतिहास में प्रथम बार नागरिक क्रू जिसमें एक अश्वेत पायलट, सबसे कम उम्र के अंतरीक्ष यात्री के साथ साथ कृत्रिम-अंग वाले अन्तरिक्ष यात्री के समूह ने सफलतापूर्वक पृथ्वी के अंतरीक्षा कक्षा के 3 दिनों तक चक्कर लगाए। इस सफलता से एलोन मस्क के shares में बेतहाशा वृद्धि हुई। 10.6 बिलियन डॉलर के संपति अर्जन के बाद मस्क की कुल संपति 222 बिलियन डॉलर हो गयी जबकि बेजोस 191.6 बिलियन के साथ दूसरे पायदान पर है। इसके साथ साथ Space X भी 100.6 बिलियन डॉलर की कंपनी बन गयी जिसे मस्क ने बेजोस के “ब्लू ओरिजिन” पर विजय के रूप में देखा।

Space X की सफलता और अर्थ के नशे में चूर मस्क ने बधाई न मिलने पर ना सिर्फ POTUS को लताड़ा बल्कि बेजोस के सामने भी अपने अहंकार का प्रदर्शन करने लगे। बेजोस ने कुछ दिनों पहले 1999 के एक लेख, जिसमें बेजोस के अमेज़न के डूबने की संभावना व्यक्त की गयी थी, उसे ट्वीट करते हुए अमेज़न को सबसे सफल कंपनी बताते हुए ट्वीट किया। इसके जवाब में मस्क ने उनके ट्वीट को द्वितय स्थान को दर्शाते हुए रजत पदक के साथ जोड़ दिया। बेजोस और मस्क अभी एक आर्थिक शीतयुद्ध  में लिप्त  हैं।

और पढ़ें: ताइवान की कंपनी ACER आ रही है भारत

मस्क के स्पेसएक्स को हाल ही में 2.9 बिलियन डॉलर का नासा अनुबंध दिया गया था और बेजोस के ब्लू ओरिजिन ने इस पर विवाद करने के लिए मुकदमा भी दायर किया था। मस्क मंगल का उपनिवेश बनाना चाहते हैं लेकिन बेजोस ने इसके लिए उनका मजाक उड़ाया है। बेजोस चाहते हैं कि अमेज़ॅन इंटरनेट-बीमिंग उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च करे, जिसके कारण मस्क ने उन्हें “नकलची” कहा है।

दरअसल, मस्क और बेजोस के बीच दो स्तर पर ही प्रतिस्पर्धा है। प्रथम, अंतरीक्ष में वर्चस्व और दूसरा अर्थ। मस्क दोनों ही मामलों में बेज़ोस से आसानी से पराजित हो जाएंगे। इसके बहुत से मूलभूत कारण है। पहला यह की अमेजन में यह भ्रांति फैली हुई है मस्क कोई बहुत बड़े वैज्ञानिक या नवाचार प्रणेता है जबकि मस्क सिर्फ एक सेल्समैन हैं जो की धनकुबेरों को सपने बेचते है और हमें अपने सुपरहीरो होने की झूठी छवि। इन्ही के आधार पर उनके कंपनी का शेयर बढ़ता है और फिर उनका मार्केट कैप। कहने का तात्पर्य यह है कि मस्क का आर्थिक साम्राज्य उनकी कपोल कल्पनाओं और परीकथाओं पर टीका हुआ है जिसे वो समय-समय पर अपनी बेढंगी हरकतों के कारण प्राणवायु देते रहते है और शेयर बाज़ार रूपी वेंटिलेटर उसे ज़िंदा रखता है। उदाहरण- मस्क ने भारी मात्रा में ना सिर्फ क्रिप्टो मुद्रा में निवेश कर रखा है बल्कि “डोगोक्वाइन” नामक उनकी स्वयं की क्रिप्टो मुद्रा भी है।

अतः वो समय-समय पर क्रिप्टो मुद्रा के संदर्भ में सकारात्मक बयान देते रहते है, ताकि उनका यह निवेश बढ़ता रहे। इसी तरह टेस्ला का मार्केट कैप बढ़ाने के लिए उन्होने फोर्ड और टेस्ला के बीच मुक़ाबले की चुनौती दे दी। मस्क का आर्थिक साम्राज्य शेयर बाज़ार के विश्वास, कमजोर कल्पनाओं और हॉलीवुड मूवी के नींव पर टीका है जबकि बेज़ोस के पास एक विविध और समृद्ध साम्राज्य है। उनका व्यापारिक क्षेत्र जैसे ई-कॉमर्स वास्तविक और प्रासंगिक है। मस्क अनैतिक व्यापार के तरीकों को अपनाकर सफललता की सीढ़ियाँ चढ़ रहें है जिसमे पेपल और न्यूरालिंक जैसी कंपनियों का अधिग्रहण और टेस्ला में उसके सीईओ बनने की प्रक्रिया भी शामिल है। इस तरह के व्यापारिक मॉडल को ध्वस्त होने में ज्यादा समय नहीं लागता। अतः, मस्क का पराभव निश्चित है। बेज़ोस और मस्क की लड़ाई में बेज़ोस का पलड़ा भारी है।

Exit mobile version