नवाब मलिक ने की समीर वानखेड़े को खत्म करने की कोशिश, NCB ने उसी का मज़ाक बना दिया

नवाब मलिक पर लगाया घूस लेने और जाली दस्तावेज़ का प्रयोग करने का आरोप

एनसीबी समीर वानखेड़े

आर्यन खान का मामला मछली बाजार बन गया है और यह अब सिर्फ एक मामला नहीं है, यह सत्ता के संघर्ष, अधिकारियों के हित और चयनात्मक आलोचना की राजनीति का मामला बन गया है। लोग आरोप लगा रहे हैं कि एनसीबी की ओर से समीर वानखेड़े नाम के अधिकारी ने मामले को निपटाने के लिए बड़ी रकम घुस के रूप में ली है।

इस मामले को ददलानी ने उठाया था, जो शाहरुख खान की वकील हैं। आरोप के बाद इस मामले में वो राजनीतिक दल भी घुस गए, जो महाराष्ट्र राज्य में वर्तमान सरकार के लिए जिम्मेदार है। नवाब मलिक के नेतृत्व वाली राकांपा ने दावा किया है कि अधिकारी पैसे ले सकता है और उसने नौकरी पाने के लिए कुछ जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल भी किया है। यह और कुछ नहीं बल्कि साख के आधार पर एक अच्छे कार्यरत IAS अधिकारी को बदनाम करने का प्रयास है।

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नवाब मालिक का मामला-

नवाब मलिक, जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रवक्ता भी हैं, उन्होंने आरोप लगाया है कि एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए ‘नकली जाति प्रमाण पत्र’ का इस्तेमाल किया है। अपने तर्क के समर्थन में, राजनेता ने समीर वानखेड़े की पहली शादी और उनके ‘निकाहनामा’ की एक तस्वीर भी साझा की है।

नवाब मलिक ने स्पष्ट किया कि उनकी बहस धर्म के बारे में नहीं है, बल्कि वह समीर वानखेड़े के जाति प्रमाण पत्र का पर्दाफाश करना चाहते है, जो कथित तौर पर धोखाधड़ी के माध्यम से प्राप्त किया गया है। उन्होंने ट्वीट किया, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं समीर दाऊद वानखेड़े का जो मुद्दा उठा रहा हूं, वह उनके धर्म का नहीं है। मैं उस कपटपूर्ण तरीके को उजागर करना चाहता हूं जिसके द्वारा उसने IRS की नौकरी पाने के लिए जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है और एक योग्य अनुसूचित जाति के व्यक्ति को उसके भविष्य से वंचित किया है। ”

नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े का जन्म प्रमाण पत्र और शादी की फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। उसी पर प्रतिक्रिया देते हुए, NCB अधिकारी ने एक बयान जारी किया था, “ट्विटर पर मेरे व्यक्तिगत दस्तावेजों का प्रकाशन प्रकृति में मानहानिकारक है और मेरी पारिवारिक की गोपनीयता पर अनावश्यक आक्रमण है। इसका मकसद मुझे, मेरे परिवार, मेरे पिता और मेरी दिवंगत मां को बदनाम करना है। पिछले कुछ दिनों में माननीय मंत्री जी के कृत्यों की श्रृंखला ने मुझे और मेरे परिवार को अत्यधिक मानसिक और भावनात्मक दबाव में डाल दिया है। मैं किसी भी औचित्य द्वारा व्यक्तिगत, मानहानिकारक और निंदनीय हमलों की प्रकृति से आहत हूँ।”

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NCB ने अपनी संस्था का दिया है साथ-

नवाब के लफ्फाजियों पर तमाचा जड़ते हुए एनसीबी ने कहा है कि समीर वानखेड़े के ऊपर किसी बेबुनियाद पत्र के हवाले से कार्रवाई नहीं होगी। इतना ही नहीं, एनसीबी ने समीर वानखेड़े की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया है।

एनसीबी का कहना है कि महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार एनसीबी के महानिदेशक को भेजे गए गैर-सरकारी पत्र (एनसीबी मुंबई के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ आरोप युक्त) पर कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी।

 

 

इस तरह के मामलों को देखकर बहुत दुख होता है क्योंकि आखिरी में हम कभी नहीं जान पाएंगे कि असली अपराधी कौन है। इस तरह के मामलों को खत्म करने और शाहरुख खान और उनके परिवार को नशीली दवाओं के सेवन के अपराध से बचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार के उतावला स्वभाव से जाहिर तौर पर ऐसा लगता है कि शाहरुख खान और उनके बेटे ने बड़ी भूमिका निभाई है, अगर हम पूरे जोरों पर जांच की जाए तो बड़ा सच सामने आ सकता है।

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