नेक्सन, अल्ट्रोज़ और हैरियर: टाटा ने अपने ‘बोरियत’ भरे डिजाइन को ‘अपग्रेड’ किया!

टाटा: अब नए फ्लेवर और नए अवतार में!

टाटा कार की डिजाइन

भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में अगर 10 साल पीछे जाकर देखेंगे, तो स्वदेशी दिग्गज कंपनी टाटा की चमक फीकी दिखाई देगी। कंपनी को लेकर उस दौरान भी ये कहा जाता था कि कारों में क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाता है, लेकिन असल मुद्दा कारों के डिजाइन का रहता था। दस साल पहले तक टाटा जो कारें लॉन्च कर रही थी, वो डिजाइन के मामले में इतनी बोरियत भरी थीं, कि वो काबिल होने के बावजूद मार्केट को कैप्चर नहीं कर पा रही थीं। इसके विपरीत आज की स्थिति में कंपनी के डिजाइन में इतना बड़ा बदलाव देखा गया है कि 2021 में टाटा की कार अल्ट्रोज का मॉडल लोगों के लिए आकर्षण का विषय बन गया है।

केवल अल्ट्रोज ही नहीं, हैरियर से लेकर नैक्सॉन टियागो तक सभी के डिजाइन ने लोगों को आकर्षित किया है, जिसकी एक मात्र वजह वजह टाटा द्वारा विदेशी कंपनी जैगुआर और लैंड रोवर पर स्वामित्व प्राप्त करना है, जिसने टाटा के कार डिजाइनिंग के कॉन्सैप्ट का ही कायाकल्प कर दिया है।

स्वदेशी ब्रांड की पहचान

टाटा एक ऐसा स्वदेशी ऑटोमोबाइल ब्रांड है जिस पर भारतीय ग्राहक आंख मूंद कर विश्वास करते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि माइलेज से लेकर गाड़ी के सिक्योरिटी फीचर्स उच्च कोटि के होंगे। इसके बावजूद एक समय ऐसा था कि टाटा की कारों पर लोग ज्यादा रुचि नहीं रखते थे, ये ग्राहक भरोसेमंद ब्रांड को छोड़ Hyundai, Toyota और Honda की तरफ आकर्षित हो जाते थे, जिसकी एक मात्र वजह टाटा की कारों का डिजाइन बेहद की उदासीनता वाला होना था। हम सभी को याद है कि किस तरह से टाटा इंडिका और इंडिगो जैसी कारों के बोरिंग डिजाइन के चक्कर में टाटा मार्केट से आउट तक होने लगा था, लेकिन 2008 में जब कंपनी ने जैगुआर और लैंड रोवर को खरीदा तो टाटा को डिजाइन का महत्व समझ आ गया, जिसके बाद से ही पुराने मॉडल्स में ही एक्सपेरिमेंट्स होने लगे थे।

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डिज़ाइनिंग में बदलावों की शुरुआत

टाटा ने अपनी सबसे लोकप्रिय कार मानी जाने वाली Tata Safari पर डिजाइनिंग का एक्सपेरिमेंट किया, और नया मॉडल सफारी स्ट्रॉम के तौर पर निकाला जिसने मार्केट में धूम मचा दी। सफारी की लोकप्रियता पहले ही अधिक थी, किन्तु नए आकर्षक डिजाइन के कारण लोकप्रियता में एकाएक बढ़ोतरी देखने को मिली जिसने ये साबित किया कि कंपनी का डिजाइनिंग में पिछड़ना ही उसकी कारों को मात दे रहा था। ऐसे में कंपनी के डिजाइनर प्रताप बोस के नेतृत्व में कंपनी ने अनेकों लोकप्रिय गाडियां बना डालीं, जिसके चलते अब कोई ये नहीं कह सकता कि टाटा डिजाइनिंग के मामले में विदेशी कंपनियों से पीछे है।

टाटा की लोकप्रिय कारें

टाटा का डिजाइनिंग में बदलाव करना कंपनी के कायाकल्प का ही संदेश था, जिसके बाद कंपनी टियागो जैसी शानदार गाड़ी बजट रेंज में लॉन्च की। इतना ही नहीं, टाटा ने अपनी डिजाइनिंग को एक नया आयाम देते हुए हैरियर अल्ट्रोज और नेकसॉन जैसी गाडियां भी मार्केट में उतारी, जो मार्केट में धमाल मचा रही है। टाटा टिआगो संभवतः पहली कार है जिससे कंपनी की मौजूदा डिज़ाइन के दौर की शुरुआत हुई। इस कार ने इंडिका से प्रेरित हैचबैक के दौर को खत्म किया था। टिआगो दिखने में आकर्षक है और नए चटक रंगों में लॉन्च की गई थी। इसके बाद टाटा नेक्सॉन ने भी टियागो की सफलता को पंख लगाए। नतीजा ये कि टाटा मोटर्स की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में नेक्सॉन सबसे आगे हैं। वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल के मार्केट में भी टाटा ने नेकसॉन के जरिए ही इंट्री मारी है।

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कॉम्पैक्ट एसयूवी की रेंज में टाटा ने नया धमाका हैरियर के जरिए मचाया, इसके डिजाइन ने भी भारतीय ग्राहकों का मन मोह लिया। हैरियर नामक इस एसयूवी को कंपनी द्वारा ओमेगाआर्क प्लैटफॉर्म पर बनाया गया है, जो लैंड रोवर के डी8 अर्किटैक्चर से लिया गया है जो कि गाड़ी के लुक को एक अलग ही आयाम तक ले गया। इसके बाद आई टाटा अल्ट्रोज़ के साथ कंपनी ने प्रिमियम हैचबैक सेगमेंट में कदम रखा और कार की डिज़ाइन और स्टाइल के चलते इसे भारतीय बाज़ार में खूब पसंद किया जा रहा है। टाटा के अल्फा प्लैटफॉर्म पर बनी अल्ट्रोज़ दिखने में ज़ोरदार, पैनी और प्रिमियम लगती हैं, जो कि इस सेगमेंट में इसे अन्य सभी कंपनियों की गाड़ियों से अलग खड़ा करती है, और इसके जरिए टाटा अब एक अलग आयाम तक पहुंच गया है।

स्पष्ट है कि जिस तरह से कंपनी ने जैगुआर और लैंड रोवर की ख़रीद के बाद अपनी डिजाइनिंग में बदलाव किए, उससे भारतीय मार्केट में टाटा की छवि अचानक ही बदल गई, और जो लोग बेहतरीन कारों के डिजाइन के लिए पहले टोयोटा और हुंडई और होंडा को महत्व देते थे उन्होंने भी टाटा को ही तवज्जो देना शुरू किया, जिसका परिणाम आज ये है कि टाटा पुनः भारतीय मार्केट में अपनी पुरानी शान वापस प्राप्त कर चुका है।

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