OMG कुछ हद तक हिंदू विरोधी फिल्म थी और अब अक्षय कुमार OMG 2 भी ला रहे

ओएमजी 2

भारतीय सिनेमा में धार्मिक भावनाओं को कटघरे में खड़ा कर देना बहुत सामान्य काम है, और समय-समय पर भारतीय सिनेमा में यह काम होता रहा है। अब इन फ़िल्मों में एक और फिल्म शामिल होने जा रहा है और उस फ़िल्म का नाम ओएमजी 2 है। ओएमजी 2 फ़िल्म OMG का दूसरा संस्करण है। पहले वाली OMG हिन्दू विरोधी फ़िल्म थी, अब देखना यह होगा कि इस फ़िल्म में अक्षय कुमार किस प्रकार से धार्मिक समझ बनाने में मदद करते हैं। यहां आपको बताते चलें कि ओएमजी 2 का पोस्टर लॉन्च कर दिया गया है।

OMG एन्टी हिन्दू फ़िल्म थी

OMG बॉर्डरलाइन हिंदू विरोधी फिल्म थी, क्योंकि उसने संतों पर उंगली उठाई और उन्हें धोखाधड़ी करने वाला कहा। साथ ही साथ सनातन आस्था को चोट पहुंचाने का प्रयास भी फ़िल्म द्वारा किया गया। इतने स्टैंड के बावजूद ज्यादा बवाल इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि लेखक ने अच्छा खेला, उसने हर धर्म को समान रूप से लक्षित किया!

2012 में उमेश शुक्ला द्वारा निर्देशित ‘ओएमजी’! गुजराती मंच-नाटक कांजी विरुद्ध कांजी पर आधारित है जिसे खुद एक ऑस्ट्रेलियाई फिल्म द मैन हू सुएड गॉड से प्रेरित बताया गया है। फ़िल्म में परेश रावल कांजीलाल नाम के एक गुजराती व्यापारी की भूमिका निभाते हैं, जिसकी दुकान प्राकृतिक आपदा में नष्ट हो जाती है। जब उसका बीमा दावा खारिज कर दिया जाता है, क्योंकि अनुबंध “भगवान के कार्य” को कवर नहीं करता है, तो कांजीलाल कानूनी रास्ता अपनाता है। वह सृष्टिकर्ता के पार्थिव प्रतिनिधियों को कठघरे में खड़ा करता है और दैवीय शक्तियों के बारे में अपना संदेह व्यक्त करता है। OMG! हिंदू मूल्यों के विरूपण को लक्षित करता है, लेकिन यह इस्लाम और ईसाई धर्म का मजाक भी उड़ाता है।

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कांजीलाल हिंदू धार्मिक प्रथाओं को कोसता है, भ्रष्ट बाबाओं को कोसता है जिसका मूल सिद्धांत से कोई लेना-देना ही नहीं नहीं है। कांजीलाल शुरू में लोगों की श्रद्धा का मजाक उड़ाता है,  और फिर दैवीय दंड के कारण उसकी दुकान टूट जाती है। वह हिन्दू संत परम्पराओं को कोसता है, लेकिन उनसे बहस नहीं करता। वह पाखंड पर प्रश्न खड़े करता है परंतु जैसा परम्पराओं को लेकर वो सोचता है, उसे ही अन्य लोगों को बताता है, चाहे उसमें कोई ठोस तथ्य हो या न हो। तार्किकता की बहुलता वाली इस फ़िल्म में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के प्रयास आपको स्पष्ट दिखाई देंगे। यह कहा जा सकता है अक्षय कुमार जो खुद तार्किक हिन्दू हो गए हैं, वह सनातन संस्कृति को नास्तिक बनाने पर तुले हुए थे। अब वह फिर से ओएमजी 2 लेकर आ रहे हैं और इस बार वह भगवान श्रीकृष्ण नहीं, भगवान शिव बनकर जनता के सामने आ रहे हैं। 

तार्किक आस्तिक या नास्तिक अक्षय कुमार?

अक्षय कुमार एक वक्त में वैष्णो देवी के बहुत बड़े भक्त हुआ करते थे। बाद में समय के साथ वह तार्किक हो गए और जाना छोड़ दिया। उनके टाइम्स ऑफ इंडिया के इंटरव्यू से समझ आता है कि OMG में दिखाया गया तार्किक व्यवहार उनके भीतर लम्बे समय से था।

इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि आप वैष्णो देवी क्यों नही जाते तो अक्षय कुमार ने बताया, “नहीं, अब मैं नहीं जाता। वैष्णो देवी को मैं बहुत मानता हूं, लेकिन अब वहां जाता नहीं। कई साल मैं गया और जब मैं यात्रा करता हूं, तो उचित मात्रा में खर्च होता है। बिजनेस क्लास के टिकट, होटल के कमरे, अंगरक्षक, वह सब मिलाकर दो-ढाई-तीन लाख रुपये खर्च हो जाते हैं एक बार में। अब मैं क्या करता हूं कि अगर मुझे मन हुआ वैष्णो देवी जाने का तो सोच लेता हूं दिमाग में कि जाना है। फिर ढाई लाख निकालता हूं। टाटा मेमोरियल कैंसर या यहां-वहां जा के किसी को भी देता हूं। वैष्णो देवी के दर्शन हो जाते हैं। कहीं जाने की जरूरत ही नहीं है। वो मेरे घर में ही हैं। ये बात मुझे देर में समझ आई कि मंदिर का मतलब है मन के अंदर।”

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अक्षय कुमार आगे कहते हैं, “अगर मैं किसी को पैसे दूं, और वह कहे, मेरा भला हो जाएगा भाई, मैं तेरे लिए भगवान से दुआ करूंगा – क्या यह मेरे जाने पर खर्च करने से बेहतर नहीं है?”

खैर, अक्षय कुमार वह व्यक्ति हैं जो खुद कनाडाई होकर भारतीय देशभक्ति पर ज्ञान देते हैं तो उनके लिए यह कोई नई बात नहीं होगी कि वह हिंदुओं को फिर से ज्ञान दें। जैसा कि पोस्टर में दिख रहा है, ओएमजी 2 में अक्षय कुमार भगवान शिव की भूमिका निभाने वाले हैं और इस बार पंकज त्रिपाठी भी उनके साथ आएंगें। पोस्टर आने के साथ ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लोगों ने अक्षय कुमार के लुक्स पर सवाल खड़ा किया। यह वैसा ही प्रतिरोध है, जो Laxmi फ़िल्म के लिए आया था।

अब देखना यह होगा कि इस नए संस्करण के साथ वह हिन्दू धर्म के किन मुद्दों पर आधारहीन ज्ञान देते हैं।

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