गजवा-ए-हिन्द… ये कोई परिकल्पना नहीं अपितु पाकिस्तान की सच्चाई है, जहां के बच्चे-बच्चे के दिमाग में ये बात भरी जाती है कि; एक दिन पुनः हिंदुस्तान पर मुस्लिमों का राज होगा, और दिल्ली की गद्दी पर कोई इस्लामिक शासक बैठेगा। यद्यपि इसका वर्तमान में यथार्थ से लेश मात्र भी सरोकार नहीं है, किंतु ऐसा भी नहीं कि ये मानसिकता खत्म हो गई है। इसका प्रमाण तब जरूर दिखता है, जब भारत के खिलाफ पाकिस्तानी सेना लड़ती है, या फिर फिर 22 गज की पिच पर पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी भारत के खिलाफ खड़े हों। भारत पाक विश्व कप मैच में पहली बार पाकिस्तान की जीत पर पूर्व पाक गेंदबाज वकार यूनुस कुछ ऐसे बावले हुए कि उन्होंने हिन्दुओं से अपनी घृणा की पोल पट्टी ही खोल दी। उन्हें सर्वाधिक खुशी इस बात की थी कि विकेटकीपर रिजवान ने भारतीय हिन्दू खिलाड़ियों के सामने नमाज पढ़ी। पोल पट्टी खुलने पर हो रही थू-थू के बाद अब उन्हें माफी मांगनी पड़ रही है।
माफी मांगते फिर रहे वकार
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं की हालत किसी से छिपी नहीं है जिसकी वजह यह है कि वहां हिंदुओं के प्रति बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी के मन में एक विशेष घृणा है, और इस्लामी कट्टरपंथ का गढ़ बन चुका पाकिस्तान हिन्दुओं की जिंदगी नर्क से भी बदतर बनाने में लगा हुआ है। पाकिस्तान के प्रत्येक व्यक्ति के मन में हिंदुओं के लिए जहर भरा गया है, जिसका ताजा उदाहरण पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वकार यूनुस ने दिया है। टीवी डिबेट के दौरान उन्होंने पाकिस्तानी विकेट कीपर द्वारा भारतीय हिन्दू खिलाड़ियों के सामने नमाज पढ़ने के वाकए को बेहतरीन बताया, लेकिन अब माफी मांगते फिर रहे हैं।
“Hindoon k beech mein kharay ho kar namaz parhi, that was very special.” This bigotry is expert cricket analysis for you. pic.twitter.com/NDmdfr0wz3
— Naila Inayat (@nailainayat) October 26, 2021
In the heat of the moment, I said something which I did not mean which has hurt the sentiments of many. I apologise for this, this was not intended at all, genuine mistake. Sports unites people regardless of race, colour or religion. #apologies 🙏🏻
— Waqar Younis (@waqyounis99) October 26, 2021
वकार ने टीवी डिबेट में दिए अपने बयान पर माफी मांगते हुए इसे आवेश में आकर दिया गया वक्तव्य बताया है। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, “आवेश में आकर मैंने ऐसी बात कह दी। मैंने ऐसा कुछ कहा, जो मेरा कहने का मतलब नहीं था, जिससे काफी लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। मेरा ऐसा मकसद बिल्कुल नहीं था, सच में गलती हो गई। खेल लोगों को रंग और धर्म से हटकर जोड़ता है।” खास बात यह है कि वकार यूनुस का बयान पाकिस्तानी मंत्री शेख रशीद के इस्लाम वाले बयान के बाद आया था।
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क्या बोल गए थे वकार?
पाकिस्तानी क्रिकेट टीम विश्व कप के किसी भी मुकाबले में कभी भारत से जीत नहीं सकी। संभवत पाकिस्तान को इस बार भी भारत से जीतने की लेश मात्र भी उम्मीद नहीं थी, लेकिन उम्मीद से इतर जीत मिलना पाकिस्तानियों को पागल कर गया। ऐसे में जो बयान वकार यूनुस ने दिया वह निश्चित तौर पर उनकी जिहादी मानसिकता का प्रतीक है, जिसे लेकर वो भारत के खिलाफ मैदान में उतरते थे और वही मानसिकता उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की नई पीढ़ी के खिलाड़ियों में भर दी है। जोश-जोश में पहली बार विश्व कप की जीत में पागल हुए वकार यूनुस ने हिन्दुओं के बीच रिजवान की नमाज का उल्लेख कर दिया। वकार यूनुस की भारत में तो निंदा हुई है, साथ ही पाकिस्तान के कुछ लोगों ने उन्हें तगड़ी लताड़ लगाई है।
पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख रमीज राजा ने कहा, “जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ। मैं अपने अनुभव से बता सकता हूं कि एक आदमी जो अपने देश की भाषाओं और शहरों के बारे में नस्लवादी है, वह आसानी से धार्मिक मतभेदों के बारे में इस तरह की नकारात्मक टिप्पणी कर सकता है।” इसके अलावा भारत के प्रत्येक वर्तमान और पूर्व खिलाड़ी ने इस मुद्दे पर वकार को घेरा है।
पाकिस्तानी खिलाड़ियों का क्रिकेट जिहाद
ऐसा नहीं है कि किसी पाकिस्तानी खिलाड़ी ने भारत पर कोई पहली बार इस तरह का बयान दिया है, बल्कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों की मानसिकता ही ऐसी है। कभी जम्मू-कश्मीर को लेकर शाहिद अफरीदी का बयान हो या फिर भारत के खिलाफ शोएब अख्तर द्वारा दिए गए वक्तव्य, ये सभी पाकिस्तान के क्रिकेट जिहाद की नीति को दर्शाते हैं। ऐसा नहीं है कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों में जिहाद केवल क्रिकेट में ही है, बल्कि हकीकत में यह अन्य खेल की जड़ों में भी बसा हुआ है। इसी का नतीजा है कि 1960 के ओलंपिक में जब 32 साल बाद भारत को पाकिस्तान ने हराया था, तो इसे हॉकी जिहाद तक कहा गया था।
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पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अगर कहीं मान्यता मिली हुई है, तो वो क्रिकेट ही है। क्रिकेट के माध्यम से ये लोग इस्लाम के नाम पर सांकेतिक रूप से कट्टरपंथ का तांडव कर लोगों को भड़काने का काम करते हैं। प्रत्येक मुद्दे पर धार्मिक नारों को खेल के बीच में लाना इसका सटीक उदाहरण है। पाकिस्तानी ड्रेसिंग रूम में तब्लीगी जमात के लोगों को जाने की इजाज़त भी इस बात का पर्याय है कि पाकिस्तान इस्लामिक कट्टरता और क्रिकेट जिहाद की जद में है। इंजमाम-उल-हक से लेकर मोहम्मद सोहेल तक के खिलाड़ी समय-समय पर अपनी इस्लामिक सोच का ध्वज उठाते रहे हैं, जिसका उद्देश्य मात्र हिन्दुओं से घृणा है।
Almost every ex Pak cricketer was/is involved in conversion of non-Muslim players to Islam. Check media section of @pakistan_untold to know why every team should think twice before visiting Pak. Inzamam, Saqlain, Mushtaq, Imran, Md Yusuf, Saeed Anwar- ALL worked for Jihad. Watch.
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) September 21, 2021
Proof 1: Cricket 'Jihad' by PM Imran Khan
"Whenever I play against India, I don't see it as cricket but Jihad for Kashmir." pic.twitter.com/wUSIdMdWSv
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) September 21, 2021
https://twitter.com/pakistan_untold/status/1440189642028969991?t=2LFGAD9Vd3CBDpIhZ2kkrQ&s=19
खिलाड़ियों में व्याप्त रही है कट्टरता
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान जब अपने समय में क्रिकेट खेलते थे, तो उन्होंने स्वयं कहा था कि भारत के खिलाफ खेलने के दौरान उन्हें लगता है कि वो कश्मीर के लिए जिहाद कर रहे हैं। पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी सोहेल तनवीर हिन्दुओं को लेकर अपनी घृणा सबके सामने रख चुके हैं। पाकिस्तानी खिलाड़ी सईद अनवर दुनिया का धर्म बदलकर उन्हें इस्लाम कुबूल कराने का मिशन सभी के सामने रख चुके हैं। कुछ इसी तरह शाहिद अफरीदी को तालिबानियों से प्रेम है क्योंकि उनके मुताबिक तालिबानियों को क्रिकेट से बेहद प्रेम है और इसे विस्तार देना चाहता है।
Proof 4 #CricketJihad: How Mohammad Yusuf (ex Christian Yusuf Yohana) and Inzamam ul Haq invited @BrianLara for dinner and asked him to convert to Islam.@WasimJaffer14 crying for Pakistan cricket won't tell u this.pic.twitter.com/E9Lwjs7JgZ
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) September 21, 2021
Proof 7 #CricketJihad: Saeed Anwar – "All 6 Billion non-Muslims will burn in hell. Let's save them by converting them to Islam."@WasimJaffer14 crying for Pakistan cricket won't tell u thispic.twitter.com/Fbd10F1d1z
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) September 21, 2021
पाकिस्तानी जैवलिन थ्रो खिलाड़ी अरशद नदीम भी ओलंपिक में गोल्ड पाकिस्तान के लिए नहीं अपितु मुसलमानों और इस्लामिक देशों के लिए जीतना चाहते थे। मोहम्मद यूसुफ से लेकर सकलैन मुश्ताक इस्लाम के मुद्दे पर भारत के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं। यह दिखाता है कि पाकिस्तानी क्रिकेट के बुनियाद ही इस्लाम और जिहाद पर हैं। ऐसे में वकार यूनुस द्वारा हिन्दुओं के खिलाफ बयान का सामने आना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है।
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पाकिस्तान इस्लामिक कट्टरता की नौटंकी आए दिन करता रहता है, संभवत यही कारण है कि दुनिया के किसी अन्य देश का कोई भी मुस्लिम खिलाड़ी क्रिकेट के बीच मैदान पर नमाज नहीं पढ़ता है; लेकिन पाकिस्तान का प्रत्येक खिलाड़ी क्रिकेट की 22 गज की पिच पर नमाज पढ़कर खुद को अन्य से ज्यादा इस्लामिक बताने की कोशिश करता है। यह कहीं-न-कहीं पाकिस्तान की क्रिकेट जिहाद की नीति को दर्शाता है।
ऐसे में आवश्यकता है कि पाकिस्तान के खिलाफ आईसीसी कोई सख्त कार्रवाई करे, क्योंकि क्रिकेट किसी एक धर्म जाति या संप्रदाय से संबंधित नहीं है। संभवत: यही बात पाकिस्तान के कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने वकार यूनुस को समझाई, जिसके बाद उन्होंने अपने हिंदू विरोधी बयान को आवेश का नतीजा घोषित कर माफी मांगने का ढोंग किया है।