एक ऐसा संगीन आरोपी जिसकी गवाही के बाद राज्य सरकार में बैठे नेताओं की कुर्सिंयां हिल सकती हों, वो लापता हो जाए तो सवाल उठना स्वाभाविक है। ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र सरकार को शायद फर्क नहीं पड़ रहा हैं, क्योंकि हाईप्रोफाइल केस के गवाह और आरोपी मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के देश छोड़ने की संभावनाएं हैं। खबरें बताती हैं कि परमबीर सिंह रूस भाग गए हैं, उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है, किन्तु इन सभी प्रकरण के बावजूद महाराष्ट्र सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता दिख रहा है। ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि इस पूरे खेल में महाराष्ट्र सरकार की भी कोई भूमिका तो नहीं हैं, क्योंकि परमबीर सिंह की तरह ही केस से जुड़े आरोप और राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी गायब हैं, और ये सभी ऐसे आरोपी हैं जो कि महाराष्ट्र सरकार के खतरें में आने की वजह बन सकते हैं।
रूस भाग गए परमबीर सिंह
महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के लिए आरंभ से ही समय समय पर अनेकों मुश्किलें खड़ी होती रही हैं। राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से लेकर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाझे और मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह, सभी 100 करोड़ की वसूली के केस से जुड़े हैं। इसके साथ ही मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक और मनसुख हिरेन की मौत के केस के तार भी आपस में जुड़े हुए हैं। ऐसे में एक अजीबो-गरीब बात ये है कि मुख्य आरोपियों में से एक परमबीर सिंह अब गायब हैं। उन्हें NIA द्वारा समन किया गया था, किन्तु उन्होंने अब तक वो रिसीव ही नहीं किया है, जो कि उनके विदेश भागने के शक को अधिक गहराता भी है। गौरतलब है कि इस पूरे केस में महाराष्ट्र के डीजीपी से भी पूछताछ भी की जा सकती है। इस मामले में NIA को संदेह है कि परमबीर यूरोप या रूस की ओर भाग गए हैं।
सुरक्षा से किया खिलवाड़
एक तरफ इस मामले में परमबीर सिंह के देश छोड़कर भागने की खबरें सामने आ रही हैं, तो दूसरी ओर राज्य सरकार का रवैया ढुलमुल हैं। संगीन अपराधियों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी को निभाने में महाराष्ट्र सरकार पूर्णतः विफल रही है। इस मुद्दे पर गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा, “हमने परमबीर सिंह के खिलाफ लुकआउट सर्कूलर (LOC) जारी किया था, यदि वह देश छोड़कर चले गए हैं, तो यह ठीक नहीं है।” उन्होंने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ-साथ हम भी परमबीर सिंह के बारे में पता लगा रहे हैं। मैंने भी उनके देश छोड़ कर जाने की बात सुनी है, लेकिन एक सरकारी अधिकारी के तौर पर वह बिना सरकार से हरी झंडी मिले विदेश नहीं जा सकते हैं।”
राज्य के गृहमंत्री का कहना है कि वो राज्य में परमबीर को ढूंढने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही है। पाटिल ने कहा, “’हमने परमबीर सिंह का पता लगाने के लिए खोजबीन अभियान चलाया। हम इसके लिए केंद्र सरकार की भी मदद ले रहे हैं। हमारे अधिकारी केंद्र के साथ समन्वय कर रहे हैं। शायद परमबीर सिंह भारत से भाग गए हैं लेकिन हमारे पास पुख्ता जानकारी नहीं है। नियमों के अनुसार किसी भी कर्मचारी या यहां तक कि मुख्यमंत्री के लिए भी देश छोड़ने से पहले सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य है। सिंह के मामले में यह पाया गया है कि उन्होंने कभी विदेश यात्रा की अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया।”
कहां गायब हो रहे आरोपी
महाराष्ट्र सरकार पर सबसे बड़ा दाग तब लगा जब मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक लदी एक कार मिली थी, और कार के मालिक मनसुख हिरेन की मौत हो गई थी। इसके बाद इस केस की जांच में पहले मुंबई के पुलिस कमिश्नर लपेटे में आए, बाद में उन्होंने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख के 100 करोड़ की वसूली के बारें में खुलासा किया। ऐसे में अनिल देशमुख से लेकर परमबीर सिंह सभी से पूछताछ की जा रही थी, लेकिन पहले तो अचानक अनिल देशमुख गायब हो गए थे और अभी तक उनका कोई पता नहीं चला था, लेकिन अब इस मामले में देशमुख के बाद परमबीर सिंह भी भाग गए हैं। ये दोनों ही ऐसे थे जिनके जरिए अन्य मुख्यअपराधियों तक पहुंचा जा सकता था लेकिन अब ये दोनों ही गायब हैं, और ये महाराष्ट्र सरकार पर सवाल खड़े करता है, क्या महाराष्ट्र सरकार अपराधियों की मॉनिटरिंग भी ठीक से नहीं कर सकती है।