देश के पहले गृहमंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को लेकर सदैव ही कांग्रेस के मन में एक हीन भावना रही है। वहीं, मोदी सरकार द्वारा जिस तरह से सरदार पटेल को सम्मानित किया गया है, उससे कांग्रेस आक्रामक हो गई है। कांग्रेस ने सरदार पटेल से संबंधित उस मुद्दे पर हमला बोला है, जो कि उनका सबसे मजबूत पक्ष है और वो है, सरदार पटेल की कश्मीर नीति। कांग्रेस की कार्यसमिति में कश्मीर से आने वाले नेता तारिक अहमद कर्रा ने सरदार पटेल की खूब आलोचना की और कश्मीर के प्रति उनके रवैए को उदासीन बताया। ऐसे में अब एक बार फिर कश्मीर नीति पर बहस शुरु हो गई है। हालांकि, इसमें कांग्रेस की आलोचना होगी ये भी तय माना जा रहा है, क्योंकि सरदार की कश्मीर नीति सर्वविदित है।
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कांग्रेस की कार्यसमिति में बवाल
कश्मीर नीति को लेकर कांग्रेस का रवैया सर्वविदित है। ऐसे में कार्यसमिति की बैठक में इस मुद्दे पर हुई बहस के जरिए सरदार पटेल को कश्मीर की दुर्दशा का जिम्मेदार बताया गया है। इस मुद्दे पर कार्यसमिति के कांग्रेस नेता तारिक अहमद कर्रा ने कहा, “कश्मीर पर सरदार पटेल का रुख उदासीन था। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने त्वरित पहल नहीं की होती तो कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में चला जाता।” कर्रा ने सरदार पटेल की आलोचना करते समय सभी मर्यादाएं पार करते हुए उन्हें जिन्ना के साथ वाली पंक्ति में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोग आज भारत में हैं तो इसका श्रेय सिर्फ नेहरू को जाता है। जहां तक पटेल का सवाल है तो वो भारत का बंटवारा कर पाकिस्तान बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना के खेमे में थे। पटेल तो जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान के हाथों सौंपने को तैयार थे।” यह सरदार पटेल का अपमान नहीं है तो और क्या है। उन्हें लेकर कांग्रेस ने हमेशा ही अपमानित रुख अपनाया है। इस बार भी ऐसा ही हुआ और तारिक द्वारा इस प्रकार की आलोचना के बाद कांग्रेस के किसी भी नेता ने उन्हें नहीं रोका, जो कि आपत्तिजनक स्थिति को दर्शाता है।
सरदार पटेल के प्रति जहर
कांग्रेस के नेताओं की सोच में सदैव ही पटेल के प्रति नफरत रही है, वहीं मोदी सरकार के आने के बाद तो कांग्रेस अपने ही पूर्व नेता को अपमानित करने की ठान चुकी थी। इसका हालिया नमूना तारिक अहमद ने दिखाया है। उन्होंने बैठक के दौरान कहा, “आजादी के बाद कश्मीर के भारत में विलय पर सरदार पटेल का ध्यान नहीं था और पाकिस्तान इसे अपने कब्जे में लेने के लिए हर कोशिश कर रहा था।” कर्रा ने कहा, “तत्कालीन गृह मंत्री पटेल कश्मीर पर पाक के मंसूबों को रोकने की बजाय दूसरे मसलों को प्राथमिकता दे रहे थे।”
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गांधी परिवार की चाटुकारिता
कांग्रेस में परंपरा रही है, कि गांधी परिवार को छोड़ किसी भी नेता का विरोध करो, और गांधी परिवार के प्रिय बन जाओ, और आज की स्थिति में प्रत्येक नेता इस बात को सार्थक कर रहा है। पटेल को छोटा बताकर और उनकी आलोचना करके कर्रा ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा, “पंडित नेहरू ने तत्परता दिखाते हुए कश्मीर का भारत में विलय कराया।” रिपोर्ट्स बताती हैं कि कार्यसमिति में कुछ लोगों ने उनके इस वक्तव्यों की आलोचना जरूर की थी, और हैदराबाद से लेकर जूनागढ़ की रियासतों को भारत में विलय कराने के बारे में याद दिलाया गया, लेकिन गांधी परिवार से लेकर पार्टी के दिग्गज नेताओं ने इस मुद्दे पर कर्रा की बातों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से शुरु हुआ ये सिलसिला अब दर्शाता है, कि जिस तरह से भाजपा सरदार के प्रति अपनी श्रद्धा दिखा रही है, उससे कांग्रेस आक्रोशित है, और इसीलिए अब सरदार की छवि को धूमिल करने के लिए अपने चाटुकार नेताओं से एक नई बहस को जन्म देने की कोशिश कर रही है।