Subway India को खरीद सकते हैं मुकेश अंबानी, इन कंपनियों से होगा सीधा मुकाबला

रिलायंस सबवे इंडिया डील

रिलायंस इंडस्ट्रीज और मुकेश अंबानी इस समय कम्पनियों के अधिग्रहण में व्यस्त हैं। रिलायंस आए दिन नए क्षेत्रों में बड़ी कम्पनियों को खरीद रही है और आक्रामक रूप से अधिग्रहण और निवेश के माध्यम से अपनी स्थिति का विस्तार कर रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की हालिया विस्तार में Just Dial से लेकर Zivame जैसी कंपनियां शामिल हैं। अब बड़ा कदम यह बताया जा रहा है कि रिलायंस समूह सबवे इंडिया (SUBWAY) को खरीदने के लिए तैयार है। सबवे सौदा यदि सफल होता है तो पहले से ही प्रतिस्पर्धी बाजार में एक और बड़ा खिलाड़ी आ जाएगा और रिलायंस इंडस्ट्रीज के दम पर सबवे इंडिया (SUBWAY) का भविष्य अलग दिख सकता है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज और सबवे इंडिया

खबरों के अनुसार, मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल सबवे इंडिया की फ्रैंचाइज़ी पर लगभग अंतिम रूप से $200 –  $250 मिलियन के सौदे पर नज़र गड़ाए हुए है। यदि ऐसा होता है तो यह कदम रिलायंस समूह के खाद्य और पेय क्षेत्र, विशेष रूप से त्वरित-सेवा रेस्तरां (Quick Response Restaurant) में इस कम्पनी के मजबूत प्रवेश को सुनिश्चित करेगा। इस क्षेत्र में समूह की दिलचस्पी का प्रमुख कारण है कि ज्यादातर इस क्षेत्र के प्रतिस्पर्धी या तो सार्वजनिक हो गए हैं या बर्गर किंग जैसे आईपीओ लॉन्च करने की प्रक्रिया में हैं।

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बात दें कि देश में दो दशकों की उपस्थिति के बावजूद सबवे, केएफसी, डोमिनोज और मैकडॉनल्ड्स जैसी त्वरित सेवा फ्रेंचाइजी की तुलना में बाजार में अपनी पहचान नहीं बना पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबवे ने पिछले पांच सालों में अपने 12 फीसदी आउटलेट बंद कर दिए हैं, इनमें से कुछ कोविड-19 महामारी से पहले भी परेशानी में थे। 2019 में, सबवे यूएस ने 1,000 आउटलेट बंद किए थे।

कैसे प्रसिद्ध छोटे वेंडर्स को होगा फायदा

अलग-अलग फ्रैंचाइज़ी आउटलेट मालिकों के माध्यम से यहां काम किया जाता है। इसको इस तरह समझिए कि आप के नजदीकी सबवे स्टोर में सिर्फ बर्गर वगैरह नहीं मिलेगा, इसके साथ वो भी चीजें मिलेंगी जो इलाके में चर्चित हो। इससे भारत में दरकिनार कर दिए जाने वाले छोटे व्यवसायों को भारी लाभ प्राप्त होगा।

अन्य त्वरित सेवा वाले आउटलेट पर एक मास्टर फ्रैंचाइज़ी को मानक तय करके देश भर में कई आउटलेट चलाते हैं। इस मॉडल ने सबवे के लिए काम नहीं किया है। मास्टर फ्रैंचाइज़ी की कमी के कारण ऑपरेटरों के बीच परिचालन संरचना की कमी हो गई है। उझसे निपटने के लिए एक मल्टी सर्विस/ब्रांड के रूप में सबवे उभरने की तैयारी कर रहा है।

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रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने पैर फैला रहा है

ऐसा लगता है कि मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल ने दुनिया की सबसे बड़ी सिंगल-ब्रांड रेस्तरां श्रृंखला सबवे की इंडिया फ्रैंचाइज़ी अपने नाम पर कर लेगी। खुदरा कंपनी सबवे इंडिया को 200-250 मिलियन डॉलर या 1,488-1,860 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए बातचीत अंतिम दौर में है।

रिलायंस रिटेल ने हाल के दिनों में किराना, ई-फार्मेसी, भुगतान से लेकर फैशन और फर्नीचर तक कई क्षेत्रों में कदम रखा है। त्वरित सेवा रेस्तरां भी अब उसका अगला लक्ष्य है।

द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर बातचीत सफल होती है तो रिलायंस इंडस्ट्रीज देश भर में 600 सबवे स्टोर्स का नेटवर्क हासिल कर लेगी। रिलायंस-सबवे का गठबंधन बाजार में मौजूद प्रतिस्पर्धा को तेज करेगा जिसमें डोमिनोज पिज्जा, पिज्जा हट, बर्गर किंग, स्टारबक्स आदि खिलाड़ी भी शामिल होंगे।

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