राष्ट्रपति चुनाव 2022: भीम सिंह हो सकते हैं भाजपा के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

कांग्रेस अब राष्ट्रपति चुनाव में कर्ण सिंह से आस लगाए बैठी है!

राष्ट्रपति भीम सिंह

कांग्रेस परेशान है। उपर से पार्टी में थकान है। पार्टी नेतृत्व विहीन, विचार विहीन और कैडेर विहीन हो चुकी है। अगर पार्टी को अस्तित्व बचाना है, तो कोई ना कोई चुनाव तो जीतना होगा। साल 2022 में 5 राज्यों में चुनाव होना है। ना उत्तराखंड से कुछ मिल रहा है और ना ही पंजाब से। कांग्रेस की आखिरी उम्मीद उत्तर प्रदेश थी, लेकिन वो अब भारत के भावी प्रधानमंत्री का गढ़ बन चुका है। अतः अपने निरर्थक कर्मों से सार्थक परिणाम तलाशने की विफल कोशिश करने वाली कांग्रेस अब राष्ट्रपति चुनाव से आस लगाए बैठी है। राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा है कि कांग्रेस जम्मू काश्मीर के कर्ण सिंह के ऊपर दांव लगा सकती है। ऐसे में BJP को भी जम्मू काश्मीर के ही एक प्रखर व्यक्तित्व भीम सिंह को राष्ट्रपति पद के लिए आगे करना चाहिए।

भारत एक गणराज्य है। कोई भी गणराज्य बिना मुखिया के नहीं हो सकता है, यह संविधान और सुप्रीम कोर्ट दोनों का आदेश है। राष्ट्रपति इस गणराज्य का मुखिया होता है। देश के सारे काम इन्हीं के नाम पर होते हैं। अभी भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द हैं, जिनका कार्यकाल 2022 में समाप्त हो रहा है।

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कांग्रेस बना सकती है कर्ण सिंह को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार

राजनीतिक हलक़ों में चर्चा है कि रीढ़विहीन कांग्रेस कर्ण सिंह पर दांव लगा रही है। कर्ण सिंह का जन्म 9 मार्च 1931 को मारितनेज होटल, कांस, फ़्रांस में एक डोगरा राजपूत परिवार में हुआ था। वह जम्मू और काश्मीर की रियासत के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह और उनकी चौथी पत्नी तारा देवी के पुत्र हैं। वह 1952 तक जम्मू और काश्मीर के राजकुमार थे। 1952 से 1965 तक वह भारत गणराज्य में जम्मू और काश्मीर राज्य के सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) थे। वह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं।

करीब-करीब हर राष्ट्रपति चुनाव में उन्हे एक संभावित दावेदार के रूप में देखा जाता है, लेकिन इस बार वो कांग्रेस की उम्मीद बने हैं। या यूं कहें कि कांग्रेस और कर्ण सिंह दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है। साल 2022 के भारतीय राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी उन्हें भारतीय मीडिया में एक संभावित उम्मीदवार के रूप में दिखाया गया है। इसके अलावा अंकित लव द्वारा नामांकन के लिए भी उन्हें अनुशंसित किया गया है।

अंकित लव और उनकी वन लव पार्टी

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंकित लव वन लव पार्टी के मुखिया है। वन लव पार्टी यूनाइटेड किंगडम में एक छोटी सी राजनीतिक पार्टी थी, जिसने खुद को तकनीकी-प्रगतिशील के रूप में स्थापित किया। हालांकि, जिसका पंजीकर्ण 19 दिसंबर 2017 को रद्द कर दिया गया। पार्टी ने स्वच्छ हवा और दुनिया के एक एकीकृत के लिए अभियान चलाया। पार्टी स्थापना 2015 में हुई थी और पार्टी ने पहली बार 2016 के लंदन मेयर चुनाव में भाग लिया, जब स्वयं अंकित लव चुनाव में खड़े हुए और 32 मत प्राप्त कर 14 उम्मीदवार में 10वें स्थान पर रहे। अंकित लव भीम सिंह के बेटे हैं, जिन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को ठुकराते हुए खुद की पार्टी लंदन में स्थापित की।

भाजपा की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं भीम सिंह

भीम सिंह का जन्म रामनगर के पास भुगटेरियन गाँव में हुआ था। वे वज़ीर और जनरल ज़ोरावर सिंह के वंशज हैं, जिन्हें इतिहासकारों द्वारा “लद्दाख का विजेता” और “भारत का नेपोलियन” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने 19 वीं शताब्दी में लद्दाख, तिब्बत और बाल्टिस्तान जैसे हिमालयी राज्यों पर विजय प्राप्त की थी। वे डोगरा राजपूत थे। जबकि उनकी वंशावली उद्भव पौराणिक इक्ष्वाकु राजवंश से मेल खाती है, जिसमें भगवान राम, गौतम बुद्ध और बाईस जैन तीर्थंकरों जैसे व्यक्तित्व पैदा हुए।

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हाल ही के दिनों में अंकित लव प्रधानमंत्री मोदी से मिले और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए कर्ण सिंह और अपने पिता भीम सिंह का नाम अनुसंशित किया है। संभावना है कि जम्मू काश्मीर और धारा 370 के निरस्तीकर्ण को देखते हुए उन्हें अगले उम्मीदवार के रूप में अनुसंशित किया जाए। कर्ण सिंह कांग्रेस के पाले में हैं, तो स्वतः भीम सिंह का नाम चर्चा में आ जाता है। आपको आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कर्ण सिंह के पिता हरी सिंह जम्मू काश्मीर के स्वायत्ता के समर्थक थे। भारत में विलय करने के अपनी हिचकिचाहट के कारण ही पाकिस्तान भारत में घुस आया था जबकि भीम सिंह एक राष्ट्रवादी और अखंड भारत के समर्थक नेता है। निश्चित रूप से उनकी उम्मीदवारी भारत के पाक अतिक्रमित काश्मीर पर बड़ी दावेदारी होगी।

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