‘The Mad Scientist’ एबी डिविलियर्स – वो खिलाड़ी जिसने क्रिकेट के साइंस को ही बदल डाला

क्रिकेट के Evolution में अगला पड़ाव हैं डिविलियर्स!

ABD

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जनवरी 18, 2015

स्थान- जोहानसबर्ग

दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच मैच चल रहा था। दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की पारंपरिक तरीके से धज्जियां उड़ा रहे थे। 80 के दशक में अपने पेस बैटरी से दुनिया भर के बल्लेबाजों के मन में खौफ पैदा करने वाली वेस्टइंडीज की टीम उस समय खुद खौफ में थी। दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी के दौरान पहले विकेट गिरने तक तो सब सामान्य था, लेकिन रिली के आउट होते ही जोहानसबर्ग का नजारा ऐसा बदला कि पूरी दुनिया चकित रह गई। तब पिच पर उतरे एबी डिविलियर्स ने बल्लेबाजी का ऐसा नमूना दिखाया, जिसे आज तक न किसी ने देखा था और न देखेगा।

वेस्टइंडीज के खिलाफ डिविलियर्स की 31 गेंदों में शतक नए क्रिकेट के evolution का प्रतीक था, जिसने इस खेल के पुराने नियमों और कॉपी बूक स्टाइल का विध्वंस कर दिया था। उस पारी के दौरान एंडी रॉबर्ट्स, गार्नर, मार्शल जैसे गेंदबाजों की विरासत लिए सिमरों का रनअप लेकर प्रशिक्षित अंदाज में गुड लेंथ और बैकऑफ लेंथ पर डिविलियर्स को गेंदबाजी करते देखना, वास्तव में एक भयावह दृश्य था।

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ऐसा लग रहा था कि उस दिन क्रिकेट के पूर्व स्थापित नियम एकाएक बदल गए हैं और क्रिकेट का विज्ञान डिविलियर्स के लिए मज़ाक बन कर रह गया। गेंदबाजों ने छोटी और सीधी गेंदबाजी की, उन्हें उम्मीद थी कि डिविलियर्स थर्ड मैन पर खेलेंगे। हालांकि, गेंदबाजों की गति को धत्ता बताते हुए डिविलियर्स उठती हुई गेंद सामने बैठ कर बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर ऐसा छक्का मारा कि गेंदबाज अवाक रह गए। इस तरह की बल्लेबाजी देख कर गेंदबाजों ने लेंथ बदलने से लेकर गति कम करने तक सब कुछ ट्राइ कर लिया, लेकिन परिणाम नहीं बदला और धुलाई होती रही… डिविलियर्स के शतक से 149 कब हो गए पता ही नहीं चला।

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एबी डिविलियर्स ने की संन्यास की घोषणा

एबी डिविलियर्स ने कुछ दिनों पहले संन्यास की घोषणा कर दी। वो पहली बार दिसंबर 2004 में डेल स्टेन के साथ क्रिकेट के क्षितिज पर दिखे थे, उनके शुरुआती वर्ष संघर्ष से भरे रहे और टीम में उनका स्थान भी पक्का नहीं था। करियर  की शुरुआत में, उन्होंने शेन वार्न, मोहम्मद आसिफ, एंड्रयू फ्लिंटॉफ और कई गेंदबाजों के सामने संघर्ष किया था, लेकिन कहते हैं Evolution को भगवान भी नहीं रोकते। डिविलियर्स क्रिकेट के Evolution में अगला पड़ाव थे। उनकी प्रतिभा का पहला संकेत 2007 में आया, जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सूखे पिच पर 103 रन बनाए।

मार्च 2008 में, डिविलियर्स ने उस पिच पर 217 रन बनाए, जहां स्टार-खिलाड़ियों से भरी भारतीय बल्लेबाजी लाइन अप मात्र 76 रन पर ढेर हो गयी थी। तीन महीने बाद उन्होंने इंग्लैंड में स्विंग के लिए अनुकूल परिस्थितियों में शानदार 174 रन बनाए। डिविलियर्स ने 24 साल की उम्र में एक वरिष्ठ खिलाड़ी का कद हासिल कर लिया था। उसी दौरान उन्होंने 2008 में पर्थ के विकेट पर शक्तिशाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ चौथी पारी में मैच जिताऊ शतकीय पारी खेली थी, पर्थ दुनिया में सबसे तेज और उछाल वाला पिच माना जाता था।

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उसके बाद बारी आई एक ऐसी पारी की, जिसने डिविलियर्स को क्रिकेट का रुख मोड़ने वाले खिलाड़ी के रूप में मजबूत पहचान दिलाई। IPL 2009 के दौरान चेन्नई के खिलाफ उनकी नाबाद 105 रनों की पारी आज भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलो दिमाग में ताजा है। दिल्ली डेयरडेविल की पारी के 19 वें ओवर के दौरान, डिविलियर्स ने एक घुटने के बल बैठकर फ्लिंटॉफ की 136 किमी/घंटे की रफ्तार वाली गेंद पर एक लंबा छक्का जड़ा था। यह वह क्षण था, जब दुनिया को यह एहसास हुआ कि अब क्रिकेट पहले जैसा नहीं रहने वाला है। बाद में एक आईपीएल मैच में, डिविलियर्स ने डेल स्टेन के मिडिल स्टंप पर तेज यॉर्कर को कवर के ऊपर से छह मारा। तब कमेंट्री बॉक्स में माइक हेसमैन भी आश्चर्यचकित हो कर रह गए थे। वो आईपीएल में एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाते चले गए।

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360 डिग्री डिविलियर्स ने क्रिकेट के साइंस को ही बदल डाला

आम तौर पर जब गेंदबाज गेंदबाजी करते हैं, तो उनकी उम्मीद बल्लेबाज की दृष्टि के 270 डिग्री के क्षेत्र में हिट होने की होती है। सभी क्रिकेट रणनीतियां, कोचिंग मैनुअल, फील्ड पोजीशन इसी सिद्धांत के आधार पर बनाई गई हैं। लेकिन एबी डिविलियर्स क्रिकेट के साइंस को नहीं मनाते और उन्होंने अपने 360 डिग्री की बल्लेबाजी से क्रिकेट को ही बदल डाला है।

स्कूप, रिवर्स स्वीप, रिवर्स स्कूप, पैडल स्वीप, रिवर्स पैडल स्वीप जैसे जा जाने कितने शॉट उनके पास हैं, जिससे वो विश्व भर के गेंदबाजों के मूल प्रशिक्षण पर ही सवाल उठा चुके हैं। डेल स्टेन, जिन्हें अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के रूप में जाना जाता था, उनकी गति और सटीक लाइन लेंथ को डिविलियर्स धत्ता बताते हुए उनकी कई बार जबरदस्त धुलाई कर चुके हैं ।

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जब मिचेल जॉनसन अपने चरम पर थे और जैक कैलिस, ग्रीम स्मिथ, जैसे खिलाड़ियों के पसली पिंजर को तोड़ने वाली गेंदबाजी कर रहे थे, तब केवल डिविलियर्स ही थे, जो 2014 की उस श्रृंखला में डटे रहे। श्रृंखला की आखिरी पारी में उन्होंने अपने चीर परिचित अंदाज के बिल्कुल विपरीत में 228 गेंदों में 43 रन बनाए। यह पारी अपने आप में उनकी कुशलता को दर्शाने के लिए काफी है।

क्रिकेट जगत के रूढ़िवादी और उदारवादी दोनों वर्गों ने उनकी उस पारी की प्रशंसा की। उनके करियर को देखा जाए तो उनके प्रारंभिक प्रशिक्षण के दिनों में उन्होंने सभी प्रकार की कोचिंग ली थी। चाहे वो कॉपी बूक स्ट्रेट ड्राइव हो या, कवर ड्राइव, हुक, पुल, स्वीप जैसे शॉट हो। जब उन्होंने इन कलाओं में महारत हासिल कर ली, तब इन सभी के मिलान से एबीडी The mad scientist के रूप में परिवर्तित हुए और क्रिकेट के Evolution को एक नए स्तर पर ले गए।

डिविलियर्स ने किया क्रिकेट में नई प्रथा का शुभारंभ

TOM EATON ने अपने एक लेख में डिविलियर्स की बल्लेबाजी को अपने बेहतरीन शब्दों में बताया है। उन्होंने लिखा कि 400 वर्षों से, क्रिकेट अपने सभी विभिन्न अवतारों में एक ऐसा खेल रहा है, जिसमें गेंद फेंकने वाला व्यक्ति प्रश्न पूछता है और बल्ले वाला व्यक्ति उत्तर देने का प्रयास करता है। जिस टाइमिंग के साथ बल्लेबाज जवाब देता था, वह उनकी कुशलता को परिभाषित करता था। अच्छे बल्लेबाजों ने औसत दर्जे की तुलना में अधिक तेजी से गेंद की गति, स्विंग और प्रक्षेप वक्र को पहचाना।

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1990 के दशक में क्रिकेट विकास के दौर से गुजरा फिर धीरे धीरे क्लूजनर, जयसूर्या, सहवाग और युवराज सिंह जैसे विस्फोटक बल्लेबाज आए, लेकिन सभी पुराने नियमों की सीमा में रह कर ही नवाचार कर रहे थे और गेंदबाज द्वारा पूछे गए सवालों का ही जवाब दे रहे थे। हालांकि, एबी डिविलियर्स ने इस पुरानी यथास्थिति को ही पलट दिया है। डिविलियर्स के 360 डिग्री शॉट ने गेंदबाजों को सवाल पूछने के लिए नहीं, बल्कि प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर दिया। गेंदबाजों पर प्रतिक्रिया देने वाले बल्लेबाजों का जमाना खत्म हो गया है और अब डिविलियर्स ने एक नई प्रथा आरंभ की है, जहां गेंदबाज बल्लेबाजों पर प्रतिक्रिया देते हैं।

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डिविलियर्स ने किया प्रशंसकों के दिलों में राज

असाधारण प्रतिभा के धनी इस बल्लेबाज के लिए IPL सिर्फ एक थिएटर था। उन्होंने अपने बहुस्तरीय कला से लगभग 14 वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को मंत्रमुग्ध कर किया। उन्होंने गेंदबाजों के दिलों में जो आंतक पैदा किया, उन्होंने जो विस्मय अपने साथी बल्लेबाजों में पैदा किया और उन्होंने क्रिकेट प्रशंसकों के मन में जो सम्मान पैदा किया, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि इस सदी में किसी भी अन्य बल्लेबाज ने दर्शकों को इतना आश्चर्य में नहीं डाला। अपनी फील्डिंग से न्यूटन के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले डिविलियर्स ने कई ऐसे कैच लपके हैं, जिसे देख कर जिम्नास्ट भी हक्का बक्का रह जाए। डिविलियर्स के लिए एक कथन सटीक बैठता है कि पिछले एक साल में डिविलियर्स को बल्लेबाजी करते देख यह प्रतीत हुआ कि उन्होंने उस डर को ही समाप्त कर दिया था, जिसने पीढ़ियों से क्रिकेट में संतुलन बनाए रखा था। वह विपक्षी कप्तान के लिए दुःस्वप्न और अपने क्रिकेट प्रेमियों के लिए अनमोल रत्न थे। उनकी रिटायरमेंट पर TFI की ओर से शुभकामनाएं।

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