फ्यूचर ग्रुप के विरुद्ध CCI की कार्रवाई में Amazon क्यों आग बबूला हो रहा है?

Amazon फ्यूचर ग्रुप-रिलायंस सौदे को भंग करने पर क्यों तुला है?

फ्यूचर ग्रुप

Amazon & फ्यूचर ग्रुप- क्या आपने कभी ऑनलाइन शॉपिंग का इस्तेमाल किया है? अगर इसका उत्तर हां है, तो दुनिया में ऑनलाइन खरीदारी के सबसे बड़े बाज़ार Amazon का नाम आपने जरूर सुना होगा। Amazon दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन रिटेलर है और भारत में ऑनलाइन बाजार पर इसने अपना धाक जमा लिया है। साल 2018-2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार छह साल पहले भारतीय बाजार में आई Amazon कंपनी का वार्षिक कारोबार लगभग 45,000 कोरोड़ रूपए का रहा है। ऐसे में, Amazon के लिए भारत से कोई बड़ा बाजार नहीं है, किन्तु पिछले कुछ वर्षों से Amazon का नाम कई विवादों में आ चुका है।

Amazon अब भारी संकट में है!

साल 2019 में, Amazon ने फ्यूचर ग्रुप कंपनी फ्यूचर कूपन में 49% हिस्सेदारी के लिए 1,400 करोड़ रुपये का निवेश करके FRL में अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी हासिल की थी। हाल ही में, किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल की 24,713 करोड़ रुपये की खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग इकाइयों को मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल और फैशनस्टाइल को बेचने का सौदा कानूनी संकट में चला गया है, वैश्विक ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी Amazon ने फ्यूचर ग्रुप को लेकर दावा किया है कि उसके “संविदात्मक अधिकारों” का उल्लंघन किया गया है।

सौदे के एक हिस्से के रूप में, फ्यूचर रिटेल अपनी सुपरमार्केट श्रृंखला बिग बाजार, प्रीमियम खाद्य आपूर्ति इकाई फूडहॉल, फैशन, कपड़े एवं सुपरमार्ट ब्रांड फैक्ट्री की खुदरा और थोक इकाइयों को रिलायंस रिटेल को बेचेगा। इस डील के पीछे फ्यूचर ग्रुप अपने कर्ज को लेकर भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में अपने ऋणदाताओं के भारी दबाव में था।

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फ्यूचर-रिलायंस सौदे पर Amazon को आपत्ति क्यों है?

फ्यूचर-रिलायंस सौदे पर Amazon की आपति को जानने के लिए आपको एक वर्ष पीछे ले चलते हैं, जहां बियानी की फ्यूचर रिटेल ने वैश्विक ई-कॉमर्स दिग्गज Amazon के साथ एक डील साइन की थी। सौदे के हिस्से के रूप में दोनों ने यह भी सहमति व्यक्त की थी कि फ्यूचर रिटेल उत्पाद भी Amazon की नई योजना का हिस्सा होंगे, जिसका उद्देश्य ग्राहकों तक दो घंटे के भीतर चुनिंदा शहरों में उत्पादों को पहुंचना था।

फ्यूचर रिटेल के पूरे भारत में 1,500 से अधिक स्टोर हैं। इस सौदे के बाद Amazon को एक ‘कॉल’ विकल्प भी दिया गया था, जिसके बाद Amazon समझौते के तहत से 3 से 10 वर्षों के भीतर फ्यूचर कूपन के प्रमोटर, फ्यूचर रिटेल की कंपनी में हिस्सेदारी को प्राप्त करने के विकल्प का उपयोग करने में सक्षम हो जाएगा। फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस के समझौते के बाद से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, जहां पर सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवंबर को Amazon और फ्यूचर ग्रुप के बीच 2019 के सौदे के खिलाफ व्यापारियों के निकाय द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई को समाप्त करने के लिए और प्रतियोगिता प्रहरी के लिए समय सीमा को दो सप्ताह बढ़ा दिया है।

अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी Amazon को शीर्ष अदालत ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के समक्ष अपना पक्ष रखने और कानून के अनुसार अपनी आपत्ति जताने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि “वह CCI की कार्रवाईमें हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं है, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दो सप्ताह की समय सीमा के बाद आयोग को और दो सप्ताह का विस्तार देगी।”

CCI ने Amazon को क्या कहा?

गौरतलब है कि CCI ने पिछले हफ्ते इस मामले में सुनवाई समाप्त कर दी थी, जहां केंद्रीय मुद्दा अनिवार्य रूप से Amazon और फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड के बीच 2019 के सौदे की वैधता पर सवाल उठा रहा था। फ्यूचर ग्रुप फर्म ने खुद CCI के समक्ष शिकायत दर्ज कर अनुमोदन पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था। वहीं, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें CCI की कार्रवाईमें तेजी लाने की मांग की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप आयोग को कार्रवाईपूरी करने के लिए दो सप्ताह की समय सीमा तय की गई थी।

Amazon के काउंसल ने FCPL की प्रस्तुतियों के दौरान बने रहने और सुनवाई में भाग लेने का विकल्प चुना। हालांकि, जब सबमिशन करने की उनकी बारी आई, तब Amazon के वकील ने कहा कि “Amazon को FCPL (फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड) जितना समय नहीं दिया गया है और इसलिए Amazon को अधिक समय दिया जाना चाहिए।”

CCI ने आंतरिक परामर्श के बाद, Amazon को बताया कि “अपनी मौखिक प्रस्तुतियां  देने के लिए, परामर्श और मानदंडों की पूरी तरह से अवहेलना करने और भारतीय वैधानिक नियामक प्राधिकरण का पूर्ण अनादर करने में स्थगन नहीं दिया जा सकता है।” ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय मार्केट में Amazon भारी मंदी का शिकार हो चुका है और अब वह किसी तरह से कमबैक करने की कोशिश कर रहा है।

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