AmazonBasics के नाम पर दुनिया को ठग रही है Amazon

ओये Amazon, चूना लगा दिया!

AmazonBasics

AmazonBasics- अर्थशास्त्र के जनक एडम स्मिथ ने अपने किताब “वेल्थ ऑफ नेशन्स” यानी दुनिया की सम्पतियों में लिखा है कि विश्व में अर्थशास्त्र के दो ही सिद्धांत मुख्यतः काम करते हैं। पहली यह कि दुनिया में संसाधन सीमित हैं और किसी पहले जगह का विकास दूसरे जगह के आर्थिक घाटे के कीमत पर आता है। दूसरी बात यह है कि पूंजीवाद एक ऐसा केक है, जिसे आप जितना खाएंगे, उतना वो बड़ा होता जाएगा। मतलब यह है कि अगर ब्रिटेन आज अमीर देशों में शुमार है तो भारत की सम्पति के ऊपर ही है। दूसरे सिद्धांत को इस तरह समझिए कि पहले एक ही इलेक्ट्रिक दुकान वाला सबकुछ करता था लेकिन अब AC सही करने वाले अलग है, टीवी बनाने वाले अलग हो गए यानी उसी जगह पर पैसे का आकार बड़ा हो गया।

पूंजीवाद अगर छोटे छोटे व्यवसायों को खत्म कर दे तो यह गलत हैं और इससे सतत विकास के स्थान पर कुछ लोग या कुछ वर्ग का ही विकास होगा। Amazon एक ऐसी धोखेबाज कम्पनी है जो सिर्फ अपने विकास तक केंद्रित है। वह अपने फायदे के लिए धोखाधड़ी का सहारा भी ले रही है और यह हालत तब है, जब दुनिया के बड़े बाजारों में उसका एकछत्र राज स्थापित नहीं हुआ है। यह सोचकर ही भय होता है कि इसका अकेले राज होने पर यह क्या करेगा? शायद इसीलिए अमेरिका में ही कई दिग्गज नेता इस चीज का विरोध करते हैं जिसमें एलिजाबेथ वारेन का नाम सबसे ऊपर है। 

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Amazon (AMZN) ने अमेरिकी संघीय ज्वलनशीलता मानक के उल्लंघन के कारण लगभग 15,300 AmazonBasics गद्दे वापस ले लिए हैं। खुदरा विक्रेताओं के अनुसार, वापस लिए गए गद्दे, गद्दों के लिए अनिवार्य संघीय ज्वलनशीलता मानक को पूरा करने में विफल थे, जिससे आग लगने का खतरा होता है।

वापस लिए गए सामानों में AmazonBasics मेमोरी फोम गद्दे हैं, जो “10 और 12” की आकार में उपलब्ध हैं। इन गद्दों के फुट पैनल पर “AmazonBasics” सफेद रंग से मुद्रित है और “Amazon डॉट कॉम सर्विसेज इंक” के साथ एक सफेद लेबल लगा हुआ है, जिसका मतलब है कि यह आयात किया गया गद्दा है। कंपनी सभी खरीदारों से संपर्क कर रही है ताकि उपभोक्ताओं से गद्दों को लिया जा सके। इन उत्पादों को अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक $150 और $450 के बीच बेचा गया था।’

ब्रांड के नाम पर बेच रहा है चीनी उत्पाद

आपको बताते चलें कि Amazon ने 2009 में बैटरी और कुकवेयर जैसे रोजमर्रा के उत्पादों की एक श्रृंखला AmazonBasics लॉन्च किया था। यह पिछले 10 वर्षों में 100 से अधिक फैशन, होम और इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांडों का निर्माण करते हुए अपने निजी लेबल को बढ़ा चुका है। 2017 में, निजी लेबल ब्रांडों की बिक्री में $450 मिलियन का योगदान था और जुलाई 2018 में, विश्लेषकों का अनुमान है कि निजी लेबल की बिक्री 7.5 बिलियन डॉलर हुई होगी। Amazon अपने निजी लेबल उत्पादों को अपने मार्केटप्लेस में बेचता है, साथ ही स्वतंत्र विक्रेताओं के उत्पादों के साथ बेचते हुए ये कम कीमत में सामान देता है।

इस टैग के अंदर आने वाले सामानों में ज्यादातर सामान चीन में बनते हैं। इनकी गुणवत्ता एकदम बेकार होती है। खैर Amazon का टैग लग जाने से लोग झांसे में आ जाते हैं और इसकी खरीदारी करने लगते हैं लेकिन हकीकत यह है कि Amazon बस लाभ कमाने का उद्देश्य पूरा कर रहा है। 

सर्च ऑपरेशन के साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप है

अमेरिकी सीनेटर एलिजाबेथ वारेन ने इसी वर्ष Amazon.com Inc (AMZN.O) को विघटित करने का आह्वान किया था। हैरानी की बात यह है कि जब रॉयटर्स की जांच से पता चला कि ई-कॉमर्स दिग्गज ने भारत में उत्पादों की नकल की है और हेराफेरी की है तब भारतीय खुदरा विक्रेताओं ने कंपनी की सरकारी जांच की मांग की थी। हजारों आंतरिक Amazon दस्तावेजों की समीक्षा करते हुए रॉयटर्स की रिपोर्ट में पाया गया था कि अमेरिकी कंपनी ने भारत में अपने निजी ब्रांडों को बढ़ावा देने के लिए नॉकऑफ बनाने और खोज परिणामों में हेरफेर करने का एक व्यवस्थित अभियान चलाया था। सनद रहे कि भारत कंपनी के सबसे बड़े विकसित हो रहे बाजारों में से एक है।

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ट्विटर और फेसबुक पर इस न्यूज को जोड़ते हुए, Amazon के एक लंबे समय से आलोचक, एलिजाबेथ वारेन ने कहा, “ये दस्तावेज़ दिखाते हैं कि Amazon के एकाधिकार से क्या समस्या हो सकती है। हमें यही डर था कि कंपनी बड़ी होने के दौरान लाभ के लिए अपने मंच का दुरुपयोग करती है। इससे छोटे व्यवसाय और उद्यमियों को सबसे अधिक नुकसान होता है। यह कई कारणों में से एक है जिसे हमें इसे विघटित करने की आवश्यकता है।” AmazonBasics के नाम पर चीनी उत्पादों को बेचने के साथ-साथ खोज सम्बन्धी चीजों को प्रभावित करके Amazon ने एक और कारण दे दिया है, जिससे भारत सरकार द्वारा इनके संचालन पर अवलोकन करने की आवश्यकता है। यह फ्रॉड भारत को लंबे समय तक घाटे में रखेगा।

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