2025 तक भारत में मोबाइल गेमिंग बन जाएगा 5 बिलियन डॉलर का बाजार

एक समय था जब मोबाइल गेमिंग का क्रेज चीन और जापान में सबसे अधिक था, अब भारत इन्हे पीछे छोड़ रहा है!

मोबाइल गेमिंग भारत

भारत में मोबाइल गेमिंग का चलन पहले के मुकाबले बहुत अधिक हो गया है। विशेष तौर पर, बच्चों में मोबाइल गेमिंग का क्रेज देखने को मिलता है। मोबाइल गेमिंग का उपयोग बच्चों और वयस्कों द्वारा मनोरंजन के लिए किया जाता है। मोबाइल गेमिंग का क्षेत्र बहुत बड़ा है। अगर तकनीकी रूप से कहा जाए तो मोबाइल गेम वर्चुअल सोशल स्पेस के रूप में काम करते हैं, जो चुनौतीपूर्ण समय में उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में, भारत में Mobile Gaming उद्योग लगातार बढ़ता जा रहा है, यह भारत के लिए अच्छा संकेत है।

देश में मोबाइल गेमिंग उद्योग पिछले तीन वर्षों में लगभग 60% बढ़ा है, और दिन प्रतिदिन इस क्षेत्र में उछाल देखेने को मिल रही है। लंबी अवधि के तौर पर देखा जाए तो गेमिंग सेक्टर में राजस्व बढ़ने की संभावनाएं अधिक हैं। आकड़ों के अनुसार, भारत में 2016 में गेमर्स की संख्या 20.1 करोड़ थी जो 2018 में बढ़कर 26.8 करोड़ पहुंच गई। अब यह संख्या 2022 तक 36.8 करोड़ पहुंचने की उम्मीद है।

2025 तक 5 अरब डॉलर का होगा Mobile Gaming सेक्टर

मोबाइल गेमिंग में अधिकांश राजस्व विज्ञापन से उत्पन्न होता है और जब एक उपयोगकर्ता इन विज्ञापनों की खरीदारी करता है तो उसका राजस्व मोबाइल गेमिंग कंपनी को प्राप्त होता है। अब तक, Mobile Gaming में व्यापार मॉडल स्पष्ट रूप से फ्री-टू-प्ले रहा है। वहीं मोबाइल गेमिंग का क्रेज केवल बच्चों तक सीमित नहीं है, एक रिपोर्ट के अनुसार, पुरुष ज्यादातर एक्शन या एडवेंचर वाले गेम और महिलाएं क्विज गेम खेलना ज्यादा पसंद करती हैं। ऐसे में, गेम यूजर्स की संख्या देश में बढ़ रही है और भारत सरकार इस उद्योग को सुविधाजनक बनाने और विनियमित करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है।

आपको बता दें कि एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मोबाइल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास का अवसर है और भारत के गेमिंग सेक्टर ने 2021 की पहली तिमाही में 549 मिलियन डॉलर का फंडिंग हासिल किया है। यह फंडिंग साल 2020 में 412 मिलियन डॉलर और 2019 में 175 मिलियन डॉलर से ऊपर है। गौरतलब है कि 92% लोग फ्री गेम्स खेलना ही पसंद करते हैं जबकि 28% लोग फ्रीमियम गेम्स खेलते हैं।

स्मार्टफोन के उपयोग में वृद्धि, व्यापक इंटरनेट एक्सेस और मोबाइल-फर्स्ट गेम्स के बेहतर चयन के साथ-साथ गेमिंग स्ट्रीमर्स और प्रभावित करने वालों के उदय के बारे में कहा जाता है कि इसने भारत में गेमिंग को उत्प्रेरित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 30 करोड़ से अधिक सक्रिय गेमर्स हैं और Mobile Gaming बाजार ने 2020 में 1.5 अरब डॉलर का राजस्व अर्जित किया, जो 2025 तक 5 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।

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भारत ने मोबाइल गेमिंग में चीन एवं जापान को पछाड़ा

भारत में मोबाइल गेमर आमतौर पर हर दिन अपने डिवाइस पर एक घंटे से अधिक समय बिताते हैं। कम लागत वाले लेकिन शक्तिशाली स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग ने Mobile Gaming को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है और भारत अगले प्रमुख गेमिंग बाजार के रूप में अच्छी स्थिति में है। ऐसे में, Mobile Gaming को लेकर भारत सरकार से उम्मीद किया जा सकता है कि वह गेमिंग में नए करियर को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में विकास के साथ रोजगार की संभावना को लेकर उद्योग और अकादमिक इंटरफेस स्थापित करेगी।

एक समय था जब मोबाइल गेमिंग का क्रेज केवल चीन और जापान में सबसे अधिक था। वीडियो गेम्स के लिए जापान का नाम विश्व में सबसे पहले था वहीं चीन जिसके पास एक विकसित आधारभूत प्रणाली है वो मोबाइल गेमिंग सेक्टर का एक बड़ा चेहरा है किन्तु अब भारत Mobile Gaming सेक्टर हब बन चुका है यह आर्थिक रूप से भारत के विकास में योगदान देगा और इस क्षेत्र में भारत, चीन एवं जापान जैसे देशों को वैश्विक स्तर पर चुनौती देने के लिए तैयार है।

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