Amazon को मिलेगा ED के डंडे का स्वाद, वित्तीय अनियमितताओं को लेकर Amazon को भेजा समन

विदेशी निवेश नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर Amazon रडार पर!

अमेजन और फ्यूचर ग्रुप

Amazon दुनिया की सबसे बड़ी ब्रांड है जिसका निवेश पूरे विश्व में है। Amazon की मार्केट वैल्यू खरबों की है। Amazon के व्यापार का मुनाफा भारत में दुसरे देशों के मुकाबले कई गुना अधिक है। इसी बीच अमेजन की भारतीय शाखा और फ्यूचर ग्रुप के बीच एक करार को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें विदेशी निवेश नियमों के कथित उल्लंघन के सन्दर्भ में समन भेजा है।

दरअसल, जब से अमेजन ने 2019 में फ्यूचर ग्रुप की गिफ्ट वाउचर यूनिट, Future Coupons में $200 मिलियन का निवेश किया था, तब से इन मामलों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय पैनी नज़र रखते हुए विदेशी निवेश नियमों के उलंघन की जांच कर रहा था। यह सौदा दोनों फर्मों के बीच चल रहे कानूनी विवादों के केंद्र में है। आपको बता दें कि फ्यूचर ग्रुप के कम से कम दो वरिष्ठ अधिकारियों को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा समन भेजा गया है, जिसके बाद उन्हें 6 दिसंबर से पहले तक ED के समक्ष पेश होना होगा।

FEMA कानून उल्लंघन : ED ने भेजा Amazon को समन

आपको ज्ञात हो कि केंद्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनी जैसे Amazon और Flip-kart के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) कानूनों के उल्लंघन की निष्पक्ष जांच कराई जाए, जिससे इन कंपनियों के कानून विरोधी कार्यों पर लगाम लगाई जा सके।

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इन मामलों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा था कि अमेरिका की कंपनी अमेजन द्वारा भारतीय कंपनी फ्यूचर रिटेल को एक गैर-सूचीबद्ध इकाई के जरिए नियंत्रित करने के प्रयास को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) और FDI नियमों को उलंघन माना जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दोनों कंपनियां अमेजन और फ्यूचर ग्रुप को एक दुसरे को इस मामले में पूरा सहयोग करने को कहा गया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इन दोनों कंपनियों द्वारा पूर्व में पेश जितने भी दस्तावेज का विवरण है, उसे जुटा लिया है। द हिन्दू में प्राकाशित खबर के हवाले से एक अमेजन की प्रवक्ता ने बताया, “हमें फ्यूचर ग्रुप के संबंध में ED द्वारा जारी समन प्राप्त हुए हैं। जैसा कि हमें अभी-अभी समन मिला है, हम इसकी जांच कर रहे हैं और दी गई समय सीमा के भीतर जवाब देंगे।”

पिछले साल अगस्त में किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप समूह द्वारा अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल को 24,500 करोड़ रुपये में बिक्री के आधार पर अपनी संपत्ति बेचने के लिए सहमती देने के बाद अमेजन और फ्यूचर ग्रुप कोर्ट में इस समस्या से जूझ रहे हैं। इस करार को लेकर अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप पर 2019 के निवेश समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए बिकवाली की योजना पर आपत्ति जताई है। फ्यूचर ग्रुप की स्थापना 2008 में हुई थी और यह कॉर्पोरेट कंपनी ग्राहकों को गिफ्ट कार्ड, लॉयल्टी कार्ड और अन्य पुरस्कार कार्यक्रमों के विपणन और वितरण जैसी सुविधाएं मुहैया कराती है। आपको बता दें कि इस व्यापारिक समझौते को लेकर Amazon के अनुसार, फ्यूचर ग्रुप रिलायंस या किसी अन्य प्रतिबंधित पार्टियों के साथ सौदा नहीं कर सकता।

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ED ने Amazon इंडिया के प्रमुख को किया तलब

इसी मुद्दे को लेकर दोनों कंपनियां तब से एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशकों ने भी पिछले कुछ हफ्तों में सीसीआई (Competition Commission of India) को दो बार पत्र लिखकर फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर समूह फ्यूचर कूपन में अमेरिकी दिग्गज के 2019 के निवेश को दी गई मंजूरी को रद्द करने की मांग की है।

वहीं दूसरी तरफ अमेजन ने भी आरोप लगाया है कि फ्यूचर रिटेल ने मनी लॉन्ड्रिंग की है और उसकी ऑडिट कमेटी ने वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया है। यही कारण है कि अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फ्यूचर ग्रुप के साथ सौदे में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत अमेजन इंडिया के प्रमुख अमित अग्रवाल को तलब किया है।

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