21वी सदी भारत की सदी होने वाली है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस सत्य को जानता है और शायद इसलिए भारत की महत्वकांक्षाओं का सम्मान करता है। कनाडा ने भी भारत की इस महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हुए अब भारतीय हिन्दू महिला अनिता आनंद को रक्षा मंत्री का पद सौंप दिया है और हरजीत सज्जन को पद से हटाया गया है। यह कदम खालिस्तानियों के सशक्त होने वाले बड़े मैदानों को तबाह करने के रूप में देखा जा रहा है।
यह बताते चलें कि खालिस्तानियों का बड़ा गुट कनाडा से संचालित होता है और अब भारत की मांग को देखते हुए, कनाडा आधारित सिख फॉर जस्टिस नामक संस्थान को आतंकवादी संगठन के रूप में चिन्हित करने की बात चल रही है।
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने औपचारिक रूप से कनाडा से सिख फॉर जस्टिस नामक संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित करने का अनुरोध किया है। NIA ने इस सप्ताह ओटावा में अपने कनाडाई कानून प्रवर्तन समकक्षों के साथ बातचीत की है और उन्हें इस मोर्चे के खिलाफ अपने मामले का समर्थन करने के लिए जानकारी और डोजियर दी है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट से पता चलता है कि अनुरोध इस साल की शुरुआत में किया गया था और NIA टीम की ओटावा यात्रा भारत के इस दावे की पुष्टि करने के लिए थी कि SFJ भारत में, (विशेष रूप से पंजाब में) अपने अलगाववादी एजेंडे के हिस्से के रूप में हिंसा को बढ़ावा दे रहा था, जिसमें पंजाब जनमत संग्रह का नेतृत्व भी शामिल है।
अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ एक कदम आगे बढ़ते हुए दो सदस्यीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम कनाडा में “खालिस्तान समर्थक मामलों के संबंध में अधिकारियों के साथ संपर्क” करने के लिए गई हुई है।
सूचनाओं को मजबूत करने की चल रही है कोशिश
NIA की टीम में एक महानिरीक्षक रैंक का अधिकारी शामिल हैं, वह कनाडा की अपनी यात्रा के दौरान संबंधित अधिकारियों के साथ करेंगे, जिसमें पारस्परिक कानूनी सहायता संधि अनुरोधों के निष्पादन और NIA के साथ सूचनाओं को तेजी से साझा करने पर जोर दिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि खालिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह SFJ के खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में एनआईए की कनाडा की यह पहली यात्रा है, जो भारत से पंजाब को खालिस्तान के रूप में अलग करने का समर्थन करता है।
शीर्ष सूत्रों ने एएनआई को बताया, “एजेंसी के साथ दर्ज खालिस्तान समर्थक मामलों के संबंध में अधिकारियों के साथ संपर्क करने के लिए दो सदस्यीय एनआईए टीम कनाडा में है।”
क्या है मामला?
NIA ने पिछले साल SFJ के खिलाफ दर्ज एक मामले में अभिनेताओं से लेकर गायकों और कृषि कार्यकर्ताओं से लेकर पत्रकारों तक चार दर्जन से अधिक लोगों को समन जारी किया है।
पिछले साल 15 दिसंबर को NIA ने नई दिल्ली में धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 124 ए (देशद्रोह), 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), भारतीय दंड संहिता की 153 बी (आरोप, राष्ट्रीय-एकता के लिए पूर्वाग्रही दावे) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
NIA द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, “सिख फॉर जस्टिस अन्य खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों की तरह एक गैरकानूनी संघ है, जिसमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान टाइगर फोर्स और खालिस्तान जिंदाबाद शामिल हैं। संगठनों ने भय और अराजकता का माहौल बनाने और लोगों में असंतोष पैदा करने और उन्हें भारत सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के लिए उकसाने का काम किया है।”
उपरोक्त साजिश को आगे बढ़ाने के लिए, विदेशों में भारी धन एकत्र किया जा रहा है और इनमें प्रमुख राष्ट्र संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी आदि शामिल हैं।
आपको बताते चलें कि पब्लिक सेफ्टी कनाडा की वर्तमान में सूचीबद्ध संस्थाओं में दो खालिस्तानी संगठन शामिल हैं – बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन। इसके अलावा तालिबान, अल कायदा, बोको हराम, हक्कानी नेटवर्क, हिजबुल मुजाहिदीन, इंडियन मुजाहिदीन, इस्लामिक स्टेट, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा शामिल हैं और भारत अब SFJ को इस सूची में शामिल कराना चाहता है।
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महान कूटनीतिक हेनरी किसिंगर ने कहा है, “बुद्धिजीवी अंतरराष्ट्रीय प्रणालियों के संचालन का विश्लेषण करते हैं; राजनेता उन प्रणालियों का निर्माण करते हैं।”
अमेरिका के पूर्व सुरक्षा सेक्रेटरी और प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय सम्बंध के महारथी कॉलिन पॉवेल का कहना है कि, “कूटनीति यह सुनने की क्षमता है कि दूसरे व्यक्ति को क्या चाहिए। आपको अन्य लोगों के साथ संबंध विकसित करने होंगे ताकि जब कठिन समय आए, तो आप एक साथ काम कर सकें।”
ये दो मूलभूत सिद्धांतों पर ही अंतरराष्ट्रीय कूटनीति काम करती है और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसी सिद्धांत पर चल रहे हैं l आज वह ऐसे ऐसे तंत्र का निर्माण कर रहे है जो भारत की मजबूत नीवं की स्थापना कर रही है। आज भारत के शत्रु राष्ट्र से ज्यादा मित्र राष्ट्र हैं। इस कड़ी में एक नई उपलब्धि कनाडा से आ रही है। उम्मीद के अनुसार जल्द ही SFJ एक आतंकवादी संगठन के रूप में शामिल होगा!