अन्य पार्टियों के रिजेक्टेड उत्पादों को शामिल करने हेतु पेश है ममता बनर्जी का नया ‘राज्यसभा भर्ती’ अभियान

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राज्यसभा TMC

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कांग्रेस शून्य हो रही है और उसकी शून्यता भारतीय राजनीति में एक रिक्त स्थान छोड़ रही है। उस रिक्त स्थान को TMC ने भरना आरंभ कर दिया है और इसके लिए पार्टी ‘Rajya Sabha Induction Programme’ अर्थात् अन्य राजनीतिक नेताओं को राज्यसभा का लालच दे कर TMC में शामिल करने का कार्यक्रम भी शुरू कर चुकी है!

भाजपा से राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से ममता बनर्जी की मुलाक़ात की चर्चा सोशल मीडिया पर जोर-शोर से चल रही है। लोग कई तरह के कयास भी लगा रहे हैं। कुछ का तो कहना है कि स्वामी का राज्यसभा कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है और BJP के अंदर उनके लिए अधिक समर्थन बचा नहीं है, इसीलिए अपने अगले कार्यकाल के लिए वो TMC से नज़दीकियां बढ़ा रहे हैं। जिस तरह से सुब्रमण्यम स्वामी ने ममता बनर्जी की तारीफ करना शुरू किया है, उससे यह कहा जा सकता है कि वो जल्द ही यशवंत सिन्हा की तरह TMC में दिखाई देंगे!

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मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक TMC में शामिल

पिछले कुछ दिनों में कई वृद्ध नेताओं ने TMC का हाथ थामा है और उनमें से अधिकतर कांग्रेस के ही है। मेघालय में कांग्रेस पार्टी को बुधवार की रात जबरदस्त झटका लगा, जब राज्य में उसके 17 में से 12 विधायक पाला बदलकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। इन 12 नेताओं में से पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा भी शामिल हैं। यही नहीं, कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद मंगलवार को नई दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हुए। उन्होंने साउथ एवेन्यू में टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी में शामिल होने के दौरान उन्होंने कहा, “मैं राजनीति से संन्यास लेने तक उनके नेतृत्व में काम करूंगा। समाज को विभाजित करने के सभी प्रयासों का विरोध करेंगे।”

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कांग्रेस का विकल्प बनती जा रही है TMC

इसके अलावा सुष्मिता देव और अशोक तंवर भी मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे। अशोक तंवर, राहुल गांधी के दूसरे पूर्व करीबी सहयोगी हैं, जो बनर्जी से जा मिले हैं। वहीं, अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेता राजेशपति त्रिपाठी और ललितेशपति त्रिपाठी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे। राजेशपति त्रिपाठी पूर्व एमएलसी हैं, जबकि ललितेशपति त्रिपाठी यूपी कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक हैं। राजेशपति और ललितेशपति क्रमशः यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पोते और परपोते हैं।

ऐसा लगता है कि अब सभी नेता कांग्रेस के विकल्प के रूप में TMC को ही देख रहे हैं। भाजपा के कई नेता पहले ही राज्यसभा सीट की लालच में ममता का हाथ थाम चुके हैं। यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण शौरी, ममता बनर्जी के साथ मंच पर दिख चुके हैं और अब जिस प्रकार से अभी कांग्रेस के नेताओं का TMC में शामिल होने का सिलसिला जारी है, उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि ममता बनर्जी Rajya Sabha induction programme चला रही हैं!

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