‘मीडिया’ लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, ऐसे में, मीडिया चैनल्स से निष्पक्ष ख़बरें दिखाने की उम्मीद की जाती है लेकिन जब मीडिया ही झूठे ख़बरों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए व्याकुल हो जाए तब कई प्रकार के अराजक घटनाओं के घटने की संभावना बढ जाती है। भारत में मीडिया का मतलब है, घास-पात। हर गली, गांव, नुक्कड़, चौराहे पर आपको कुछ न कुछ लोग ऐसे मिल जाएंगे, जो नवाबी बतियाने के अलावा पत्रकार भी होंगे। पत्रकारिता का धर्म निभाना एक कठिन कार्य होता है। किसी के लिए कोई पत्रकार सबसे बढ़िया पत्रकार है, तो किसी के लिए वह एक घटिया पत्रकार है।
ये भारतीय पत्रकारिता है। यहां पत्रकारिता का दौर कुछ ऐसा है कि इसे पहले मिशन के तौर पर, बाद में पैशन के तौर पर, फिर प्रोफेशन के तौर पर और अंत में कमीशन के तौर पर उपयोग किया जाता है। आपको बता दें कि सभी पत्रकार ऐसे नहीं होते, कुछ पत्रकार अपनी जिम्मेदारियां सकुशल निभाते हैं। हालांकि, वापमंथी पत्रकार विशेष तौर पर अपनी गुणवत्ता को सबसे बढ़िया बताते हैं, लेकिन इनके वैचारिक झुकाव सबको मालूम हैं।
NDTV के पत्रकारों को हिन्दु समूह ने खदेड़ा
हाल ही में, वामपंथी पत्रकारों का एक समूह NDTV रिपोर्टिंग करने गुरुग्राम पहुंचा था, जिसे वहां के हिन्दु समूह द्वारा खदेड़ कर बाहर कर दिया गया। आपको बता दें कि गुरुग्राम में पिछले कुछ हफ़्तों से हिन्दू समुदाय द्वारा खुले में सरकारी संपत्ति पर नमाज पढ़ने का विरोध किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा 37 सार्वजनिक स्थलों पर मुस्लिम समुदाय को नमाज की अनुमति दी गई थी। उन जगहों पर शुरुआत में 10-15 लोग नमाज पढ़ने के लिए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी संख्या ज्यादा होने लगी। जिसे लेकर स्थानीय लोगों में भय का माहौल व्याप्त हो गया। फिर स्थानीय लोगों ने इसे लेकर विरोध जताया, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने 37 में से 8 स्थलों पर नमाज की अनुमति वापस ले ली थी।
In Khandsa village of Gurugram where residents and Hindu activists did havan at an open land today (where namazis gather and where both sides entered into a scuffle last week), crowd raises chants against NDTV pic.twitter.com/VCxFAEk6vz
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) November 26, 2021
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NDTV ने अपनी जांच में हिंदुओं को ठहराया था दोषी
अब ऐसे माहौल में, वामपंथी मीडिया ग्रुप NDTV चयनात्मक आलोचना का शिकार हो चुकी है। खुले में नमाज पर इनकी जुबान नहीं खुल रही है लेकिन विरोध कर रहे हिंदुओ के ऊपर इनकी जुबान तुरन्त खुल जाती है। NDTV ने अपनी निरपेक्ष जांच में हिंदुओं को ही दोषी पाया है। गौरतलब है कि बीते कल जब मुसलमान नमाज स्थल पर पहुंचे तब वहां पर बवाल मचना शुरू हुआ।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे भीड़ वामपंथी मीडिया चैनल NDTV को मुस्लिमों का रिश्तेदार बता रही है। भीड़ ने NDTV को इस मुद्दे से दूर रहने को कहा और उसके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अब इतनी निरपेक्ष पत्रकारिता के बाद ऐसा स्वागत तो होना ही था। खैर ये रवैया अगर सभी तबकों द्वारा अपनाया जाए तो हिंदुओ के खिलाफ जहर उगलने वाले ऐसे समाचार एजेंसियों को समझ आ जाएगा। फिलहाल इस वामपंथी मीडिया चैनल को एक झटका तो गुरुग्राम से मिल ही गया है।