देश में धर्मान्तरण आज एक बड़ी समस्या का रूप धारण कर चुका है, धर्मान्तरण अर्थात् किसी ऐसे नये धर्म को अपनाना, जो धर्मांतरित हो रहे व्यक्ति के पिछले धर्म से अलग हो। देश में हिन्दुओं के गरीब बच्चों को बहला-फुसला कर उनका धर्मान्तरण करने का मामला दिन-प्रतिदिन सामने आ रहा है। वैसे तो, भारत का अपना एक लंबा इतिहास रहा है, जहां धर्मांतरण को एक सुरक्षा खतरे के रूप में देखते हुए पाया गया है। धर्मान्तरण एक ऐसा घिनौना कृत्य है, जिससे राष्ट्र विखंडित हो सकता है। ब्रिटिश राज के समय से ही देश में ईसाई मिशनरियों की उपस्तिथि रही है; लेकिन आज यह मिशनरी देश के कोने-कोने में पहुंच गए हैं, जिससे सनातन धर्म के मार्ग से लोगों को भटकाया जा रहा है, और उन्हें दुसरे धर्म से जुड़ने का लालच दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के क्रिश्चियन मिशनरी गर्ल्स हॉस्टल में चल रहे धर्मान्तरण के धंधे का खुलासा
मिशनरी के नाम पर देश में ऐसे सैकड़ों गुट मिलेंगे जिनका उद्देश्य धर्मान्तरण करना है। पिछले एक साल में, इस मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार सहित उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य की भाजपा सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून बनाए हैं, जिनका विशिष्ट जोर विवाह के उद्देश्य से धर्मांतरण को रोकना है। सनातन धर्म दुनिया का एक मात्र ऐसा धर्म है जो किसी को धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं करता है, किन्तु आज जिस तरह से हिन्दुओं का धर्मान्तरण का मुद्दा देश में पैर पसारते जा रहा है, यह वाकई हिंदुओ के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।
गौरतलब है कि भारत सरकार और भाजपा शासित राज्य सरकारों ने धर्मान्तरण के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। इस मुद्दे पर सबसे पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संज्ञान लिया और धर्मान्तरण की सबसे बड़ी जड़ ‘लव जिहाद’ नामक एक साजिश पर एक्शन लिया। जिसमें मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए उन्हें शादी करने का लालच देते हैं, इसको लेकर योगी सरकार द्वारा एक कड़ा कानून बनाया गया है। जहां एक तरफ इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार सजग दिख रही है वहीं अब मध्य प्रदेश से धर्मान्तरण से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही हैं कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मध्य प्रदेश के रायसेन में क्रिश्चियन मिशनरी गर्ल्स हॉस्टल में चल रहे धर्मान्तरण के धंधे का खुलासा किया है।
धार्मिक पुस्तकें देकर ईसाई धर्म की ओर आकर्षित करने की कोशिश की जा रही थी
NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने छात्रावास का निरीक्षण करते हुए पाया कि वहां आदिवासी हिंदू लड़कियों को लाया गया था, जहां उन्हें धार्मिक पुस्तकें देकर ईसाई धर्म की ओर आकर्षित करने की कोशिश की जा रही थी। प्रियांक कानूनगो आगे कहते हैं कि, उन बच्चों को किसी तरह की खास ट्रेनिंग के लिए तैयार किया जा रहा था। ये बच्चे एक सरकारी स्कूल में पढ़ रहे थे; क्योंकि परिसर में कोई स्कूल नहीं था। हालाकिं, यह अपने आप में जांच का विषय है कि बच्चे वहां कैसे आए और वहां कैसे रह रहे थे।
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हिन्दुओं का धर्मान्तरण देश में सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ा संकट खड़ा कर सकता है
वे कहते हैं कि, “न केवल उन्हें कानूनी रूप से बल्कि नैतिक रूप से भी धर्मांतरित करना गलत है। हमने आदेश दिया है कि इस तरह के धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस घटना के बाद मध्य प्रदेश की सरकार ने तुरंत इस मुद्दे को लेकर उचित कार्यवाई के आदेश दिए। साथ ही रायसेन पुलिस को मामले की निष्पक्ष जांच के साथ इस मुद्दे से जुड़ी जानकारी पर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस तरह की घटना सामने आने के बाद देश के उन राज्य सरकारों को नींद से जागने की जरुरत है, जो धर्मान्तरण के मुद्दे पर कानून बनाने को लेकर अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में, धर्मान्तरण पर जल्द से जल्द रोक लगाने के लिए अन्य राज्यों में भी क़ानून बनाने और उसे लागू करने की जरूरत है; अन्यथा हिन्दुओं का धर्मान्तरण अपने देश में सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ा संकट खड़ा कर सकता है।