कभी गांधी परिवार की ‘बहू’ कहलाने वाली अदिति सिंह बनी BJP सदस्य

पार्टी लाइन से अलग चलते हुए प्रियंका गांधी पर गंदी राजनीति करने का लगाया था आरोप!

अदिति सिंह रायबरेली

उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गई हैं। अदिति सिंह (34) को बसपा के पूर्व विधायक बंदना सिंह (35) के साथ यूपी भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह ने बुधवार को पार्टी में शामिल किया।

दिग्गज कांग्रेस नेता स्वर्गीय अखिलेश सिंह की बेटी, अदिति सिंह पहली बार 2017 में रायबरेली से कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुनी गई थीं। मोदी-योगी की प्रचंड लहर के बावजूद इनहोने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपनी सीट बचा ली थी। वह अपनी पार्टी के सहयोगियों की मुखर आलोचक रही हैं और कई मौकों पर यूपी में भाजपा सरकार के समर्थन में आवाज उठा चुकी हैं। कांग्रेस उनसे तंग आ कर उनकी सदस्यता खत्म करने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से कर चुकी है। एक समय पर अदिति सिंह के राहुल गांधी से विवाह के चर्चे भी राजनीतिक गलियारे में थे, आज वही अदिति सिंह भाजपा में शामिल हो चुकी हैं।

 

रायबरेली सीट पर होगी भाजपा की नजर

चुनावी रूप से देखा जाए तो रायबरेली को बीजेपी के लिए सबसे कमजोर इलाकों में एक कहा जा सकता है। रायबरेली की सदर सीट बीजेपी ने पहले कभी नहीं जीती है और अब अदिति सिंह के रूप में उनके पास एक बेहतरीन उम्मीदवार है। हाल ही में अदिति सिंह ने कृषि कानूनों पर दिए बयान को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को जमकर लताड़ा था।

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बता दें कि पिछले वर्ष अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से अलग चलते हुए प्रियंका गांधी पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया था जिसके बाद पार्टी हाईकमान ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। यूं तो अदिति सिंह खुद एक वंशवादी राजनेता हैं, परन्तु रायबरेली में वे बहुत लोकप्रिय हैं। उनके पिता अखिलेश सिंह का विवादों के साथ भले चोली-दामन का रिश्ता रहा हो, परन्तु वे पांच बार रायबरेली से विधायक रहे हैं। 2003 में कांग्रेस से निकाले जाने के बावजूद उन्होंने 2007 में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार विजय प्राप्त की थी।

साल 2019 अगस्‍त में अदिति के पिता अखिलेश सिंह का निधन हुआ था, जिसके बाद अदिति सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी।

मोदी लहर में भी लहराया था कांग्रेस से परचम

वहीं 2017 में अदिति सिंह रायबरेली सदर से विजयी हुई थीं। ये तब था, जब कांग्रेस यूपी के चुनावी इतिहास में पहली बार दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई थी। इसके बावजूद अदिति ने अपने क्षेत्र में 95,000 मतो के अंतर से जीत प्राप्त की थीं। क्योंकि उन्होंने मोदी लहर के दौरान भी जीत दर्ज की, वो निस्संदेह सोनिया गांधी को रायबरेली से अपदस्थ भी कर सकती हैं। भाजपा भी उनके शामिल होने से यह चांस लेने में संकोच नहीं करेगी। सोनिया गांधी एक बार फिर चुनाव लड़ती हैं, तो इस बार उनका भी वही हश्र होगा, जो 2019 में उनके बेटे राहुल गांधी का हुआ था।

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बता दें कि अदिति सिंह की राहुल गांधी के साथ उनकी सगाई की अफवाह फैली थी और यह भी चर्चे होने लगे थे कि राहुल गांधी से उनका विवाह होने वाला है। इसके बाद अदिति सिंह ने राहुल गांधी के साथ सगाई की खबरों का खंडन किया था और उनको अपना भाई बताया था। अदिति सिंह ने कहा था कि राहुल उनके भाई जैसे हैं, वे उनको राखी बांधती हैं।

अनुच्छेद 370 पर भाजपा का समर्थन

इसके अलावा अदिति सिंह काफी राष्ट्रवादी भी हैं। कश्मीर से धारा 370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था और इस कदम का समर्थन किया था। यही नहीं उन्होंने कोरोना वॉरियर्स के लिए PM मोदी की अपील पर दीये भी जलाये थे। इसके अलावा वे योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली से काफी प्रभावित भी दिखती हैं, और हाल ही में उन्होंने बताया था कि योगी जी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, और CAA विरोधी अभियान को नियंत्रित करने का उनका तरीका प्रशंसनीय था।

अब देखने वाली बात यह है कि बीजेपी उन्हें विधान सभा चुनावों में उतारती है या फिर लोक सभा चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ उतारने के लिए तैयार करती है। किसी भी तरह से वह नुकसान तो कांग्रेस का ही करेंगी और भयंकर तरीके से करेंगी।

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