पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है, दुनिया उसके काले करतूतों से पूरी तरह से परिचित है। साथ ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डंवाडोल है, देश में महंगाई चरम पर है, वहां की जनता गरीबी की दलदल में धंसती जा रही है। इस आतंकी देश को बड़े देशों से अनुदान मिलना बंद हो गया है, संयुक्त राष्ट्र ने इसे ग्रे लिस्ट में काफी लंबे समय से रखा है। पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा में विद्रोह की सेंध लग रही है और तालिबान की स्थापना के रूप में एक बड़ा कूटनीतिक प्रयास देश के लिए खतरा साबित होते जा रहा है। पाकिस्तान के पास रोने के तमाम कारण हैं, लेकिन इन सभी मामलों से इतर यह देश टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम को मैन ऑफ द टूर्नामेंट पुरस्कार नहीं मिलने के कारण बिलबिला रहा है।
हाल ही में भारत की मेजबानी में T20 वर्ल्ड कप का समापन हुआ है। कोविड मामलों को देखते हुए इस बार यह आयोजन संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में संपन्न हुआ। 12 देशों के बीच बीस ओवर की इस प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया विश्व विजेता बनकर उभरा है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए निर्णायक मुकाबले के बाद कई बड़े पुरस्कार दिए गए। पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेविड वार्नर को मैन ऑफ द टूर्नामेंट दिया गया।
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पाकिस्तानी कर रहे हैं विलाप
अब पाकिस्तान को यह लगता है कि किसी बड़े षड्यंत्र के तहत पाकिस्तानी बल्लेबाज बाबर आजम को यह अवार्ड नहीं दिया गया है। पाकिस्तान के विलाप करने वालों की मानें, तो ICC ने डेविड वार्नर को यह सम्मान देकर गलत फैसला लिया है। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने हाल ही में समाप्त हुए टी20 वर्ल्ड कप 2021 में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बाबर आज़म को प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट पुरस्कार न देने के लिए अपनी भावनाओं को स्पष्ट किया है। अख्तर ने इसे “अनुचित निर्णय” कहा है। शोएब अख्तर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, “मैं वास्तव में @babarazam258 को मैन ऑफ द टूर्नामेंट बनते देखने के लिए उत्सुक था। यह निश्चित रूप से अनुचित निर्णय है।”
Was really looking forward to see @babarazam258 becoming Man of the Tournament. Unfair decision for sure.
— Shoaib Akhtar (@shoaib100mph) November 14, 2021
वहीं, डेनिस क्रिकेट (@DennisCricket) के नाम से ट्विटर पर सक्रिय पाकिस्तान के खेल पत्रकार ने भी कहा, “बाबर आजम मैन ऑफ द टूर्नामेंट है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आईसीसी क्या कहता है।”
https://twitter.com/DennisCricket_/status/1460112407594868744?s=20
आपको बताते चलें कि ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ने ऑस्ट्रेलिया को दो उच्च दबाव वाले खेलों में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड जैसी टीमों को मात देने में मदद की थी। वार्नर ने सात मैचों में 48.16 के औसत और 140 से अधिक की स्ट्राइक-रेट से कुल 289 रन बनाए। वहीं, पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम ने 60.60 के औसत से 303 रन बनाए थे।
आखिर वार्नर को ही मैन ऑफ द सीरीज टूर्नामेंट क्यों दिया गया है, इसे लेकर भी एक वाजिब कारण है। दरअसल, वार्नर ने ग्रुप-A में मौजूद मजबूत देशों के खिलाफ तीन अर्द्धशतक ठोकें और 146.70 की बेहतरीन स्ट्राइक-रेट से रन बनाए और निश्चित रूप से उन्होंने टूर्नामेंट पर छाप छोड़ी है।
पाकिस्तान को समझना होगा वर्ल्ड कप का इतिहास
पाकिस्तान के विलाप करने वालों को यह समझना होगा कि वर्ल्ड कप के इतिहास में शायद ही किसी को ज्यादा रन बनाने की वजह से मैन ऑफ द टूर्नामेंट पुरस्कार दिया गया है। उदाहरण के लिए साल 2019 का वर्ल्ड कप देख लीजिए, भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा ने 9 मैचों में 648 रन बनाए थे। रन बनाने के मामले में वो ऑस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर (647 रन) और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन (606 रन) से आगे रहे। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मिशेल स्टार्क 27 विकेट के साथ विकेट लेने की सूची में टॉप पर थे, लेकिन न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को मैन ऑफ द टूर्नामेंट मिला। जबकि केन विलियमसन ने मात्र 578 रन ही बनाए थे।
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वर्ल्ड कप 2015 में भी मैन ऑफ द टूर्नामेंट मिशेल स्टार्क थे। रन के मामलें में मार्टिन गुप्टिल टॉप पर थे, जिन्होंने पूरे सीरीज में 547 रन बनाए थे। वर्ल्ड कप 2011 में तिलकरत्ने दिलशान ने सर्वाधिक 500 रन बनाए थे, लेकिन मैन ऑफ द टूर्नामेंट युवराज सिंह को दिया गया था।
पाकिस्तान की भावुक समर्पित जनता को यह समझना चाहिए कि ज्यादा रन बनाने से कोई भी खिलाड़ी टूर्नामेंट का बेस्ट प्लेयर नहीं होता। आईसीसी कई पैमानों पर जांच परख कर पुरस्कार का ऐलान करती है। लेकिन अगर पाकिस्तान को ऐसा मानकर चलना ही है, तो दिल को बहलाने के लिए ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है!