लाल किले की गरिमा को ठेस पहुँचाने वालो को दो -दो लाख रूपए पुरस्कार में देगी पंजाब सरकार

दंगे करो, ईनाम पाओ!

लाल किले

देशभक्ति के नाम पर मिलने वाले पुरस्कार के बारे में आपने बहुत सुना होगा लेकिन ऊधम, तोड़फोड़ और दंगा करने के नाम पर मिलने वाले पुरस्कार के बारे में आप पहली बार सुनेंगे। हाल ही में पंजाब में कांग्रेस की सरकार ने दंगाइयों को पुरस्कृत करने का निर्णय किया है। इस मुद्दे पर प्रकाश डाले तो मालूम होता है कि इस साल की शुरुआत में गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में ऐसा नजारा देखने को मिला था जहां पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने लाल किले के परिसर में धावा बोलकर परिसर को तोड़ दिया था । यही नहीं अपितु दंगाइयों ने लाल किले के प्राचीर से देश के तिरंगे को हटाकर धार्मिक सिख का झंडा फहराया था और पुलिस वालों पर हमला भी किया था।

दिल्ली पुलिस ने ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान आईटीओ और लाल किले पर हुई हिंसा के संदर्भ में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। ‘ट्रैक्टर परेड’ राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किसानों के विरोध का हिस्सा था, जो प्रदर्शनकारियों द्वारा दिल्ली पुलिस के निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करने और लाल किले के परिसर को तोड़ने और गुंबद पर एक सिख झंडा फहराने के बाद हिंसक हो गया। इस घटना के बाद तथाकथित किसानों की असली सच्चाई सामने आ गई थी।

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दंगाइयों को पुरस्कृत करेगी पंजाब सरकार

अब इस देशहित के मुद्दे को ठेंगा दिखते हुए पंजाब के सीएम चिरंजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के दोषियों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हालाकिं गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए दंगाइयों को पुरस्कृत करने का पंजाब सरकार का निर्णय तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों का समर्थन प्रदर्शित करने के लिए था।

इस घटना में 300 से अधिक पुलिसकर्मियों को लाठी, लोहे की रॉड और तलवार सहित धारदार हथियारों से बेरहमी से पीटा गया था और कई पुलिस वालों को कुचलने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया गया। इसके साथ हीं लाल किले की घेराबंदी कर दी गई थी।

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अपने ट्ववीट में पंजाब के सीएम चिरंजीत सिंह चन्नी ने लिखा कि “तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान का समर्थन करने के लिए मेरी सरकार ने 26 जनवरी, 2021 को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 83 लोगों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है।“

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चुनाव काम से जीता जाता है, दुःसाहस करने वालों को पुरस्कृत करने से नहीं

पंजाब सरकार का कृषि कानूनों को लेकर यह भी आरोप है कि कृषि उपज समितियां या मंडियां, निजी मंडियां बन जाएंगी और इससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान होगा, जिससे ग्रामीण विकास को नुकसान पहुंचेगा। हालांकि, केंद्र ने कहा है कि नए कृषि कानून किसानों के लिए अच्छे हैं क्योंकि इस कानून के अंतर्गत बिचौलियों को खत्म कर दिया गया है।

वहीं अब इस मामले में पंजाब सरकार द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार यह दर्शाता है कि आने वाले पंजाब विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को हार का डर सताने लगा है, इसी को लेकर अब कांग्रेस नेतृत्व वाली पंजाब की राज्य सरकार उपद्रवियों को पुरस्कृत कर उन्हें खुश करना चाहती है, जिससे उनका इस्तेमाल आगामी चुनाव में हो सके लेकिन पंजाब के सीएम चन्नी साहब को अब ये कौन समझाए की चुनाव काम से जीता जाता है, दुःसाहस करने वालों को पुरस्कृत करने से नहीं।

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