मध्य प्रदेश में धर्मांतरण करानेवाले NGO के लिए काल बने शिवराज सिंह चौहान

मामाजी हैं साथ तो चिंता की क्या बात!

NGO मध्य प्रदेश

सनातन संस्कृति इस आर्यभूमि की एकता और अखंडता की वाहक है और सनातन संस्कृति के वाहक यहाँ के भूमिपुत्र हैं। शायद, इसीलिए कितने गाजी और गोरे आए पर इस राष्ट्र को झुका नहीं पाये। परंतु, हमारे नेताओं की अकर्मण्यता की वजह से पाकिस्तान, कश्मीर, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे जख्म हमें जरूर मिले। इसी ऐतिहासिक विकृतिकरण से सीख लेते हुए 2014 में हमने एक योग्य नेतृत्व का लोकतान्त्रिक पद्दती से चुनाव किया। इसके कुशल और निर्बाध कार्य को सुनिश्चित करने के लिए राज्यों में भी भगवा सरकार स्थापित कर भारत के दुश्मनों के मंसूबों को नष्ट कर दिया। परंतु, अब उन्होंने एक नए किस्म का अघोषित युद्ध छेड़ दिया है। देश विरोधी तत्व NGO के माध्यम से हिंदुओं को परिवर्तित करने का देशव्यापी अभियान चला रहें है। उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने तो उनके मंसूबों को ध्वस्त कर ही दिया है। अब मध्य प्रदेश में “मामाजी” यानि  शिवराज सिंह चौहान अब ऐसा कर रहें है।

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को पुलिस के साथ-साथ राज्य प्रशासन को विदेशी फंडिंग प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठनों के साथ-साथ दुश्मनी फैलाने और धर्म परिवर्तन में लिप्त लोगों की जांच करने का निर्देश दिया। सीएम चौहान ने संभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों, महानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों की वीडियो कांफ्रेंसिंग को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में ऐसे गैर सरकारी संगठनों को संचालित नहीं होने दिया जायेगा।

सीएम ने एक बयान में कहा- “सभी अधिकारी विदेशी फंडिंग प्राप्त करने वाले एनजीओ की पहचान करें और उस उद्देश्य के बारे में जानकारी एकत्र करें जिसके लिए धन का उपयोग किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि ऐसे कई समूह समाज को विभाजित कर रहे हैं और उनकी पहचान करने के बाद उनकी सूची तैयार कर उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

सीएम चौहान ने कहा- “मध्य प्रदेश में धर्म परिवर्तन में शामिल NGO तथा दुश्मनी फैलाने और समाज को बांटने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। हम उन्हें यहां नहीं रहने देंगे। हमें ऐसे NGO से जुड़े लोगों की पहचान कर उन्हें दंड देना चाहिए।”

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बैठक में बताया गया कि सात कट्टर माओवादीयों को, जिनमें नक्सल एरिया कमेटी के सदस्य भी शामिल है, पिछले दो वर्षों में पुलिस मुठभेड़ों में मार गिराया गया। इसके अलावा तीन गिरफ्तार किए गए जिनसे हथियार और गोला-बारूद की जब्ती के साथ-साथ जबरन वसूली की गतिविधियों पर भी अंकुश लगा। सरकार और प्रशासन के इस अभियान के कारण धर्म और विभाजन के ऐसे ठेकेदारों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस दौरान माओवादियों को हथियार सप्लाई करने के आरोप में 18 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध पर भी चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि इन्हें रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जाये। बैठक में बताया गया कि इस साल एक जनवरी से 31 अक्टूबर के बीच 1665 लड़के और 3609 लड़कियों समेत 11,268 लापता लोगों का पता लगाया गया और उन्हें छुड़ाया गया।

गलत नियत और उद्देश्य से बनाए गए NGO आज कल देश के लिए खतरा बन गए है। पीएफ़आई ने दिल्ली और सीएए दंगों में अपना विभत्स चेहरा दिखाया तो वहीं जस्टिस फॉर सिख्स ने किसान आंदोलन में भारत की छवि धूमिल की। इनके कृत्य को देखकर इन्हें रोकना जरूरी है और ये जरूरी कार्य मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार पूरा कर रही हैं।

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