विरोध होने पर CM चन्नी और सोनू सूद ने ‘पैगंबर’ बजिंदर सिंह के कार्यक्रम से पीछे खींचा हाथ

अब कौन करेगा 'मेरा यशु-यशु'?

बजिंदर सिंह

क्या चन्नी करेंगे यशु-यशु?

क्या सोनू करेंगे यशु-यशु?

सोशल मीडिया पर ये ही सवाल वायरल हो रहे हैं!

इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि एक आमंत्रण पत्र है जिसमें पंजाब के मोगा में एक कार्यक्रम के लिए लोगों को आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम के होस्ट थे मेरा यशु-यशु फेम और गूंगे को छूने मात्र से बोलने वाले में परिवर्तित करने वाले ‘जादूगर’ बजिंदर सिंह। Healing के नाम पर धर्मांतरण कराने वाले इस व्यक्ति के साथ चन्नी और कथित मसीहा सोनू सूद शमिल हैं? ये सवाल अब पूछ रहे हैं, जानेंगे पूररे मामले को विस्तार से TFI के इस वीडियो में मेरे यानी अनिमेष के साथ तो अविलंब आरंभ करते हैं!

दरअसल, पंजाब के नए-नवेले मुख्यमंत्री चरण जीत सिंह चन्नी के ईसाई होने पर तो कई लोगों को संदेह है और कई फोटो भी ऐसे सामने आए हैं जिससे यह संदेह वास्तविकता में परिवर्तित होता दिखाई देता है। लेकिन अब एक नया विवाद सोशल मीडिया पर चल रहा है और यह है पादरी बजिंदर सिंह के एक Invitation card का। इसके अनुसार Prophet Bajinder Singh 25 नवंबर को मोगा में अपनी शाखा शुरू कर रहा है। Invitation card के अलावा बजिंदर सिंह के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर विज्ञापन वीडियो द्वारा इसकी जानकारी दी गयी है।

YouTube पर विज्ञापन में बताया गया है कि उपस्थित लोग बजिंदर सिंह द्वारा “चमत्कार” देखेंगे। इस विज्ञापन में दावा किया गया है कि बजिंदर सिंह कैंसर, विकलांग और अन्य रोगियों को ठीक करेंगे। इस आमंत्रण पत्र पर कई हस्तियों के नाम है। इन हस्तियों में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी शामिल है। निमंत्रण पत्र में पंजाब के मुख्यमंत्री के अलावा कांग्रेस विधायक हरजोत कमल, अभिनेता सोनू सूद और उनकी बहन मालविका सूद का उल्लेख भी है

बता दें कि मालविका आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव मोगा से लड़ने जा रहीं हैं। जब बजिंदर सिंह का यह निमंत्रण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों ने जमकर चन्नी को लताड़ लगाई।

 

हालांकि, अब सोशल मीडिया पर लोगों ने चन्नी के ऊपर खुलेआम धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए धुलाई आरंभ की तो पंजाब सीएम ऑफिस ने उनके कार्यक्रम में जाने का प्लान कैंसल कर दिया। News 18 की रिपोर्ट के अनुसार इमेज खराब होती देख पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने यात्रा कार्यक्रम से उस कार्यक्रम को हटा दिया है, जिसमें उन्होने मोगा में बजिंदर सिंह के साथ बैठना था। सिर्फ चन्नी ने ही नहीं सोनू सूद ने भी ट्विटर के जरिये अपने इस कार्यक्रम में न जाने की जानकारी दी। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है ये वही बजिंदर सिंह हैं जिनके चमत्कार पर यशु-यशु मीम बना था।

 

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बता दें कि जिस बजिंदर सिंह के साथ वह स्टेज शेयर करने जा रहे थे, वह सिर्फ एक धर्मांतरण कराने वाला पादरी ही नहीं है बल्कि उसे 2018 में एक महिला से बलात्कार के आरोप में भी गिरफ्तार किया गया था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी पंजाब पुलिस को अगस्त 2021 में पॉक्सो अधिनियम के तहत बाजिंदर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहा था, जब उसका एक वीडियो इंटरनेट पर सामने आया था, जहां वह एक नाबालिग लड़के का इस्तेमाल जबरन धर्म परिवर्तन के लिए कर रहा था।

 

बजिंदर सिंह के YouTube पर लाखों followers हैं और चन्नी का नाम निमंत्रण पत्र पर होना, उनके सीएम बनने के बाद से उठ रहे कई सवालों के जवाब प्रस्तुत करता है। पंजाब में इस बड़े स्तर पर धर्मांतरण हो रहा है उसमें अंकुर नरूला और बजिंदर सिंह जैसे पादरियों की वजह से ही हो रहा है और चन्नी का इस कार्यक्रम में जाने के लिए तैयार होना ही उनके मंसूबों को दिखाता है। अब भले ही लोगों के गुस्से को देखते हुए अपने प्लान को कैंसल कर दिया हो लेकिन अब लोगों का संदेह दूर हो चुका है।

पंजाब हिन्दू कम और सिख अधिक हैं लेकिन बावजूद इसके ईसाई मिशनरी बड़े पैमाने पर लोगों का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। अन्य राज्यों की तरह पंजाब में चावल की बोरी नहीं, बल्कि विदेश जाने का वीजा और सैलरी का लालच दिया जा रहा है। यही नहीं मिशनरियों ने पंजाब में एक अलग ही रणनीति अपनाई है। इस राज्य में वे हिन्दू धर्म और सिख धर्म से जुड़ी पहचान को अपना कर लोगों को आकर्षित करते हैं और इस सफाई से किसी भी परिवार का धर्म परिवर्तन कराते हैं कि पड़ोसियों को भी भनक नहीं लगती।

पंजाब में हिंदू संतों की पोशाक धारण करने वाले ईसाई मिशनरियों की भीड़ को पंजाब के अंदरूनी हिस्सों में देखा जा सकता है, जो कि सिख और हिंदुओं दोनों के पिछड़े वर्गों के बीच, नगद या वस्तु के रूप में, भौतिक प्रलोभनों के साथ प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं ईसाई धर्म के प्रसार का सबसे बड़ा तरीका प्रार्थना सभा है। इसे हिंदी/पंजाबी में “प्रार्थना सभा” कहा जाता है। इन प्रार्थना सभाओं का सबसे बड़ा आकर्षण नकली चमत्कार वाला इलाज है। हजारों लोगों को इलाज के झूठे वादे पर ऐसी सभाओं में लाया जाता है।

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बजिंदर सिंह ऐसा ही एक सभा पंजाब के मोगा में करने जा रहा था जिसमें सीएम चन्नी शामिल होने वाले थे। अब लोगों के बैकलैस के बाद बजिंदर की प्रार्थना सभा में जाने के प्लान को कैंसल करना दिखाता है कि चन्नी चाहते क्या हैं। हमने पहले ही कहा था कि क्रिप्टो ईसाई की अवधारणा वाला व्यक्ति यदि राज्य का सीएम रहेगा, तो पंजाब में ईसाईयों की तादाद में भारी बढ़ोतरी हो सकती है, अब बजिंदर सिंह और अंकुर नरूला जैसे लोग अपने धर्मांतरण का धंधा चलाते हैं, वो ये सारे काम अब बेहद ही आसानी के साथ कर सकते हैं, जो कि राज्य में ईसाई समाज की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि का पर्याय हो सकते हैं। अब वही हो भी रहा है।

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