महाराष्ट्र पुलिस ने ‘मिलिंद तेलतुंबड़े’ सहित 25 अन्य नक्सलियों के नरक यात्रा का किया प्रबंध

50 लाख का इनामी नक्सली था मिलिंद तेलतुंबड़े

मिलिंद तेलतुंबड़े

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चिंता और आक्रोश से भरे वातावरण में एक राहत की खबर औषधि का काम करती है। जब देश के शत्रुओं को हमारे सुरक्षाबल मार गिराते हैं, चाहे सैनिक हों या पुलिसकर्मी, तो हमारे देशवासी प्रफुल्लित हो उठते हैं। ऐसे ही एक महत्वपूर्ण सफलता महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में हाथ लगी है, जहां पर शहरी नक्सली मिलिंद तेलतुंबड़े सहित 26 नक्सलियों को महाराष्ट्र पुलिस के एक विशेष दस्ते ने एक एनकाउन्टर में मार गिराया है।

हाल ही में, महाराष्ट्र पुलिस के विशेष सी-60 एंटी नक्सल कमांडो यूनिट ने गढ़चिरोली के घने वन में एक बड़े एनकाउन्टर को अंजाम दिया, जिसमें अब तक 26 नक्सलियों की लाश बरामद हो चुकी हैं। महाराष्ट्र के वर्तमान गृह मंत्री दिलीप वी पाटिल ने बताया कि “अब तक गढ़चिरोली के एनकाउन्टर में 20 पुरुष और 6 महिलाओं के मारे जाने की खबर आ चुकी है। गढ़चिरोली पुलिस ने ये भी सुनिश्चित किया है कि इसमें भीमा कोरेगांव में प्रमुख आरोपी एवं प्रमुख नक्सली मिलिंद तेलतुंबड़े भी शामिल है”-

50 लाख का इनामी नक्सली था मिलिंद

लेकिन ये मिलिंद तेलतुंबड़े था कौन, जिसकी मृत्यु नक्सलवाद, विशेषकर Urban Naxalism के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है? असल में मिलिंद प्रतिबंधित संगठन सीपीआई-माओवादी का सदस्य था। उस पर 50 लाख रुपये का इनाम था। वह कई अन्य मामलों के साथ भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद केस में भी शामिल था। NIA की चार्जशीट के अनुसार, वह कई अन्य आरोपितों के साथ दो दर्जन मामलों में वांछित था। उस पर UAPA का भी चार्ज लगाया गया था। सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने उसके शव की शिनाख्त की है।

लंबे समय से फरार चल रहा मिलिंद तेलतुंबड़े,आनंद तेलतुंबड़े का छोटा भाई था। उसने स्वयं बताया था कि इस रास्ते पर चलने की प्रेरणा उसे अपने भाई आनंद तेलतुंबड़े से ही मिली थी। NIA की चार्जशीट में मिलिंद तेलतुंबड़े पर अपने भाई के साथ मिलकर शहरी क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है।

यही नहीं, मिलिंद तेलतुंबड़े, दीपक प्रवीण, अरुण और सुधीर के छद्म नामों से भी जाना जाता था। वो नए नक्सलियों की भर्ती करवाता था और उन्हें सुरक्षाबलों पर हमला करने के लिए छापामार युद्ध यानि Guerrilla warfare की ट्रेनिंग भी देता था। लेकिन मिलिंद अकेला नहीं मारा गया, उसके साथ 4 शीर्ष नक्सली भी मारे गए हैं और इन सभी पर सरकार ने इनाम घोषित कर रखा था।

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अन्य कई इनामी नक्सलियो को भी जवानों ने उतारा मौत के घाट

इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए अन्य इनामी नक्सलियों में 20 लाख रुपये का इनामी नक्सली लोकेश मांगू, 16 लाख रुपये का इनामी महेश शिवाजी रावजी गोटा, 8 लाख रुपये का इनामी कोरची दलम, 8 लाख का इनामी सन्नू कोवाची और 6 लाख रुपये का इनामी नक्सली प्रदीप उर्फ़ तिलक मांकुर शामिल हैं। इसी मुठभेड़ में पुलिस के 4 जवानों के भी घायल होने की खबर है, जिनका इलाज नागपुर के अस्पताल में चल रहा है। इस समय उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।

बता दें कि NIA द्वारा वर्ष 2020 में दाखिल चार्जशीट में आनंद तेलतुंबड़े, गौतम नवलखा, हनी बाबू, सागर गोरखे, रमेश गैचोर, ज्योति जगताप और स्टेन स्वामी को वामपंथी आतंकवादी संगठन सीपीआई माओवादी विचारधारा से प्रेरित बताया गया था। इन सभी पर सरकार के विरुद्ध असंतोष फैलाने और उसे अस्थिर करने तथा हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है। इसी के साथ इन सभी पर जाति, धर्म और समुदाय के आधार पर समाज को विभाजित करने की साजिश रचने का भी आरोप है। अब मिलिंद तेलतुंबड़े के मारे जाने के बाद इन आरोपियों के मन में भी खौफ का सागर हिलोरे मार रहा होगा!

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