CEO जैक डॉर्सी के इस्तीफे के बाद न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में बढ़ा ट्विटर का शेयर

गज़ब बेइज्जती है!

ट्विटर का शेयर

Twitter एक अमेरिकी माइक्रोब्लॉगिंग और सोशल नेटवर्किंग सेवा है, जो किसी न किसी मुद्दे को लेकर सुर्खियों में रहता है। आज ट्विटर फिर से चर्चाओं में है, जिसका मुख्य कारण है, जैक डॉर्सी का ट्विटर के CEO पद से इस्तीफा देना। CEO जैक डॉर्सी के इस्तीफे के बाद ही न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में ट्विटर का शेयर बढ़ा है और यह जैक डॉर्सी के लिए किसी बेइज्जती से कम नहीं है।

दरअसल, 45 वर्षीय जैक डॉर्सी के ट्विटर के CEO पद से इस्तीफ़ा देने की घोषणा होते हीं सोशल मीडिया पर हर तरफ से प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई। जैक डॉर्सी पिछले कुछ समय से विवादों के केंद्र में रहे हैं। आपको बता दें कि डोर्सी ने मार्च 2006 में बिज़ स्टोन, इवान विलियम्स और नोआ ग्लास के साथ ट्विटर की सह-स्थापना की। वहीं, जैक डॉर्सी 21 मार्च 2006 को इस सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट पर एक ट्वीट भेजने वाले पहले व्यक्ति बने।

कंपनी से अपने पद छोड़ने की खबरों के बाद, डॉर्सी ने ट्विटर पर कंपनी से अपने इस्तीफे की पुष्टि की। ट्विटर कर्मचारियों को संबोधित ट्वीट से जुड़े एक पत्र में, डॉर्सी ने कहा कि “हमारी कंपनी में लगभग 16 वर्षों की भूमिका निभाने के बाद सह-संस्थापक से CEO तक अध्यक्ष से कार्यकारी अध्यक्ष तक अंतरिम-CEO से स्थाई CEO बनने तक मैंने फैसला किया है कि अब यहां से मेरे जाने का समय आ गया है।”

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में बढ़ा ट्विटर का शेयर

इसी बीच जैसे हीं ट्विटर CEO का इस्तीफा आता है, इसके बाद हीं न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में इंट्रा-डे ट्रेडिंग में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर का शेयर मूल्य में 4.82 प्रतिशत की वृद्धि होती है। 29 नवंबर को रात 9:45 बजे (IST) तक शेयर 4.82% से बढ़कर 49.34 डॉलर के कारोबार पर पहुंच गया।

वहीं, 29 नवंबर को ट्विटर के शेयर की कीमत 47.07 डॉलर थी, लेकिन डॉर्सी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म छोड़ने की घोषणा के तुरंत बाद इसमें तेजी आ गई, जिसके बाद सोशल मीडिया पर जैक डॉर्सी को लेकर ट्वीटर यूजर्स व्यंगात्मक खिंचाई करने लगे। गौरतलब है कि ट्विटर के पूर्व CEO जैक डॉर्सी बहुत सारे विवादों में रहे हैं, खासकर हिन्दुओं को लेकर उनकी कुंठित मानसिकता जगजाहिर थी।

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वामपंथी झुकाव वाला ट्विटर अब बदल सकता है!

ट्विटर अब वामपंथी झुकाव वाले माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म बन कर रह गया है। अगर बात करें भारतीय परिपेक्ष में तो ट्विटर पहले से ही भारत के खिलाफ उटपटांग हरकत करता आया है। ट्विटर ने एक बार संपूर्ण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारत से संबंधित क्षेत्र नहीं बताया था। सोशल मीडिया कंपनी द्वारा जम्मू-कश्मीर को एक अलग देश और लद्दाख को चीन के हिस्से के रूप में दिखाया। ट्विटर एक फिर चर्चा में तब रहा जब उसने भारत के तत्कालीन IT Minister रविशंकर प्रसाद को ट्विटर से बैन कर दिया था। जैक डॉर्सी के ट्विटर से इस्तीफा देने के साथ हीं लिबरल सोच वाले लोगों ने छाती पीटना शुरू कर दिया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि जैक डॉर्सी के इस्तीफ़े के बाद ट्विटर के नए CEO भारतीय नागरिक पराग अग्रवाल हैं।

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