शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने की सनातन धर्म में शानदार घर वापसी

सुबह का भूला शाम को घर लौट आये तो उसे भूला नहीं कहते!

वसीम रिजवी

Source- Google

इस्लाम दुनिया में क्यों आया और इतना आतंकवादी विचार क्यों रखता है? इस्लाम किस तरह से फैला है और इसका मकसद क्या है? 350 मुस्लिम ग्रंथों का रेफरेंस लेकर शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इन सभी मामलों को समेटते हुए एक किताब लिखी “मोहम्मद”। रिजवी के मुताबिक उनकी किताब इस्लाम की कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों को वापस सही रास्ते पर लाने में मददगार साबित होगी। उन्होंने गाजियाबाद के डासना के महाकाली मंदिर में दर्शन करने के बाद महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से अपनी किताब का विमोचन कराया। जिसके बाद से उनके ही धर्म के कट्टरपंथियों ने बवाल मचाना शुरु कर दिया।

वसीम रिजवी को जान से मारने की धमकी मिली और यहां तक कि कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने उनके किताब को बैन करने की मांग भी की। इस्लामिक जिहादियों द्वारा दी जा रही मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर अब वसीम रिजवी ने घर वापसी के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यदि जिहादियों के द्वारा उनकी हत्या होती है, तो इस्लामिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार न करके उनके शव को नरसिंहानंद गिरि को दे दिया जाए और वो सनातन रीति-रिवाजों से उनका अंतिम संस्कार करें।

और पढ़ें: हिंदू धर्म के मूल को तोड़ने का लक्ष्य रखने वाले कुछ विज्ञापन, क्या आपने भी इन्हें देखा है?

वीडियो संदेश जारी कर कही ये बात

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, मेरा गुनाह है कि मैंने पैगंबर ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद पर एक किताब लिखी है, इसलिए कट्टरपंथी मुझे मार देना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे कब्रिस्तान में जगह नहीं दिया जाएगा, इसलिए मैंने अपना वसीयत लिखकर प्रशासन को भेज दिया है कि मेरे मरने के बाद हिंदू रीति-रिवाज से मेरा अंतिम संस्कार किया जाए।

और पढ़ें: ‘हमनें हमेशा हिंदुओं की तरह जिया’, 40 परिवार के 250 मुस्लिमों ने हिंदू धर्म को स्वीकार किया

वहीं, रिजवी ने बीते शुक्रवार को कहा कि इस्लाम एक गिरोह है। दारूल उलूम जैसे संस्थानों में अगले बीस वर्षों में हिंदुओं के समूल विशान की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा, नरसिंहानंद गिरि ने सम्पूर्ण विश्व को मोहम्मद की सच्चाई बताकर मानवता की बहुत बड़ी सेवा की है। इन बातों को प्रमाणित करने के लिए ही उन्होंने यह पुस्तक लिखी है जो मोहम्मद और इस्लाम की सच्चाई पूरी दुनिया को बताएगी।

दूसरी ओर महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरी ने भी स्पष्ट रुप से कहा है कि इस्लाम का जिहाद धरती की सम्पूर्ण मानवता के लिए खतरा है। दुनिया के हर व्यक्ति को सम्मान और आजादी के साथ रहने का बराबर का अधिकार है, जिसे इस्लाम के नाम पर कुचला जा रहा है। नरसिंहानंद ने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि वो वसीम रिजवी की सुरक्षा की जिम्मेदारी लें।

रिजीव ने की थी कुरान की 26 आयतें हटाने की मांग

बताते चलें कि वसीम रिजवी का विवादों से गहरा नाता रहा है। उन्होंने कुरान की चुनिंदा आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका तर्क था कि कुरान की 26 आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं। मामला काफी दिनों तक चर्चा में रहा था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था और रिजवी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इसके अलावा भी कई दफा रिजवी अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं। तीन तलाक और अयोध्या विवाद पर भी उनकी प्रतिक्रिया को लेकर कट्टरपंथियों ने बवाल मचाया था। अब उनकी इस किताब पर भी जिहादियों की नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली है। दूसरी ओर वसीम रिजवी के रिएक्शन से ये स्पष्ट होता दिख रहा है कि अब उन्हें इस्लाम पर भरोसा नहीं रहा, इस्लामी कट्टरपंथ पर भरोसा नहीं रहा, इस्लामी विचारधारा पर भरोसा नहीं रहा और साथ ही साथ इस्लामी सोच पर भरोसा नहीं रहा, जिसके कारण वो सनातन धर्म में वापसी कर रहे हैं!

और पढ़ें: वसीम रिजवी पर लगा जुर्माना दुर्भाग्यपूर्ण

Exit mobile version