आदिवासी पुरातन काल से हीं सनातन धर्म के मूल हैं, और अगर उन्हें सनातन धर्म से हटा दिया जाए, तो कुछ भी समान नहीं रहता है। यही कारण है कि भगवान बिरसा मुंडा को याद कर और भोपाल हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर, पीएम मोदी उन्हें वापस सनातन पाले में ला रहे हैं, और उन्हें मिशनरियों के धर्मान्तरण के जाल से दूर ले जा रहे हैं।
देश में आदिवासियों के योगदान का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि जब 19वीं शताब्दी के अंत में, बंगाल प्रेसीडेंसी में सक्रियता की लौ बुझ गई, तो एक आदिवासी नेता ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध किया, जिसे इतिहास की किताबों में हमेशा याद किया जाता है और वो व्यक्ति थे भगवान बिरसा मुंडा जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता सेनानीयों में राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ाया। भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को बंगाल प्रेसीडेंसी (वर्तमान में झारखंड में) के लोहरदगा जिले के उलिहातु गांव में हुआ था।
इस दिन को झारखंड स्थापना दिवस के साथ ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। भगवान बिरसा मुंडा बहुत जल्द समझ गए थे कि ईसाई मिशनरी आदिवासियों को सनातन से दूर ले जाकर, उन्हें भ्रमित कर ईसाई बना रही हैं। अपने स्कूली दिनों में बिरसा ने जल्द ही ईसाई मिशनरियों को चुनौती देना शुरू कर दिया और मुंडा और उरांव समुदायों के साथ धर्मांतरण गतिविधियों के खिलाफ विद्रोह कर दिया।
अब क्योंकि भगवान बिरसा मुंडा के शिक्षक ने ईसाई धर्म अपनाने की सलाह दी थी ताकि वे जर्मन मिशन स्कूल में शामिल हो सकें, उन्होंने ‘बिरसैत’ नामक एक नई आस्था की शुरुआत की। आदिवासी नेता ने अन्य आदिवासी समुदायों से संप्रदाय में शामिल होने का आग्रह किया। भगवान बिरसा मुंडा ने मुंडाओं से गांवों को साफ करने, शराब का सेवन बंद करने और अंधविश्वास, जादू टोने पर विश्वास करना बंद करने का आग्रह किया।
सोमवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सबसे आधुनिक रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया, जिसे पहले हबीबगंज के नाम से जाना जाता था और कहा कि इस तरह की सुविधाओं का निर्माण वीआईपी संस्कृति से “EPI” (हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है) में परिवर्तन की शुरुआत है। उन्होंने पिछली सरकारों पर रेलवे परियोजनाओं को लागू करने में सुस्ती का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन को न केवल नया रूप दिया गया है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी कमलापति जी का नाम जुड़ने से इसका महत्व भी बढ़ गया l उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रेल का गौरव गोंडवाना के गौरव में भी जुड़ गया है। रानी कमलापति स्टेशन पर सभी प्लेटफार्मों से जुड़ा भारतीय रेलवे का पहला केंद्रीय कॉनकोर्स बनाया गया है, जहां सैकड़ों लोग एक साथ बैठकर ट्रेनों का इंतजार कर सकते हैं।
यात्रियों को अब बेवजह दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्टेशन में गेमिंग जोन, अस्पताल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग, फूड जोन आदि के साथ एक हवाई अड्डा जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं।इस सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने हमारे इतिहास के गौरव रहे इन महापुरुषों के त्याग और बलिदान के बारे में लोगों को अवगत कराया। लंबे समय से ऐसे महावीर हमारी पाठ्यपुस्तकों, वाद-विवाद, चर्चा और संगोष्ठीयों से गायब थे, अब इनके योगदान को केंद्रीकृत किया जा रहा है जो गर्व का विषय है।