सीएम खट्टर ने की घोषणा: अगले सत्र से स्कूलों में पढ़ाई जाएगी श्रीमद्भगवद्गीता

सीएम खट्टर जाग गए चिर-निद्रा से!

गीता

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अंदर का हिंदुत्व आज-कल जग चुका है। सीएम खट्टर इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में हैं। हरियाणा के गुरुग्राम में पिछले कुछ समय से खुले में नमाज़ को लेकर दक्षिण पंथी समूहों द्वारा आंदोलन से मचे बवाल को लेकर अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बयान के बाद एक बार फिर सीएम खट्टर ने अपने विराट हिन्दू मुख्यमंत्री का स्वरूप दिखाया है और घोषणा की है कि अगले सत्र से मध्य विद्यालय से बच्चों को भगवद् गीता का पाठ पढ़ाया जाएगा।

खुले में नमाज पर रोक लगाने का आह्वान

दरअसल, कुछ दिनों पहले सार्वजनिक स्थानों पर नमाज के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर ने स्पष्ट कहा था, “मैंने पुलिस को इस मुद्दे को हल करने के लिए कहा है। लोगों को निर्दिष्ट स्थानों पर नमाज़ या पूजा करने में कोई समस्या नहीं है। धार्मिक स्थलों को उसके लिए नामित किया गया है। लेकिन खुले स्थानों में नमाज़ अदा करने का कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया जाएगा।”

उन्होंने अपने वक्तव्य में आगे कहा था कि उनके पास कुछ जमीनें हैं जहां अनुमति दी जानी चाहिए। हम देखेंगे कि क्या वक्फ की कोई भूमि है जिस पर अतिक्रमण किया गया है ताकि इसे नमाज के लिए उपलब्ध कराया जा सके। लोग अपने घरों में नमाज अदा कर सकते हैं, लेकिन वे खुले स्थानों में कर रहे हैं। इससे संघर्ष पैदा हो सकता है। लोगों के अधिकारों में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, लेकिन जबरन कुछ करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इससे पहले मनोहर लाल खट्टर के ऊपर हिन्दुओं की अनदेखी का आरोप लगने लगा था और हरियाणा में बढ़ते कट्टरपंथ पर उनके अति नरम रुख के लिए आलोचना होने लगी थी जिसके बाद सीएम खट्टर हरकत में आए और खुले में नमाज पर रोक लगाने का आह्वान करने के बाद खट्टर ने औपचारिक घरवापसी की है।

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राज्य भर के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी श्रीमद्भगवद्गीता

नमाज़ को लेकर कड़े रूख के बाद अब मनोहर लाल खट्टर अब अपनी हिन्दू विचारधारा और दृढ़ता के साथ एलान किया है कि अगले शैक्षणिक वर्ष से, छात्रों को राज्य भर के स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता से ‘श्लोक’ पढ़ना सिखाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में यह घोषणा की।

गीता ज्ञान संस्थान और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एक सेमिनार में बोलते हुए सीएम ने कहा कि गीता से संबंधित किताबें कक्षा 5 से 7 तक के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेंगी। उन्होंने इस मुद्दे पर आगे कहा कि युवाओं को अपने जीवन में गीता के सार को संदेश के रूप में आत्मसात करना चाहिए। पवित्र ग्रंथ न केवल अर्जुन के लिए बल्कि हम सभी के लिए दिया गया था। खट्टर ने कहा कि वार्षिक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के पैमाने को बढ़ाने के लिए अगले साल से एक गीता जयंती समिति का गठन किया जाएगा और 205 करोड़ की लागत से दो एकड़ भूमि पर ज्योतिसर के ‘गीतास्थली’ में महाभारत-थीम वाला संग्रहालय बनाया जा रहा है। इस भवन में श्रीमद्भगवद्गीता, पौराणिक सरस्वती नदी और वैदिक सभ्यता का संग्रहालय होगा।

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आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से मनोहर लाल खट्टर हिन्दू संगठनों के निशाने पर आ गए थे। खट्टर भूल गए थे कि हिन्दुओं की एकजूटता के कारण हीं वो दूसरी बार हरियाणा की गद्दी पर बैठे हैं। जिस तरह से कुछ महीनों में नमाज़ को लेकर हरियाणा में बवाल चल रहा है और खट्टर का हिंदूवादी मुद्दे को नज़रअंदाज़ करना उनपर भारी पड़ने लगा था जिसके बाद उन पर उठते सवाल के बाद खट्टर ने हिन्दुओं के मुद्दे को फिर से उठाना शुरू कर दिया है।

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