मुग़ल आक्रांता बाबर के पिता का क्या नाम था? और उसका वंश

बाबर के पिता का क्या नाम था?

मुग़ल आक्रांता बाबर के पिता का क्या नाम था?

हम सब अपने स्कूलों में बाबर के वंशजो के बारे में पढ़ते आ रहें है क्या हमें मुग़ल आक्रांता बाबर के पिता का नाम पता है कि मुग़ल आक्रांता बाबर के पिता का क्या नाम था? हम आज आपकों इस आर्टिकल के माध्सम से बाबर के पिता का नाम बताने जा रहे हैं.

बाबर के पिता का क्या नाम था? तो आपको बताते चले कि उसके पिता का नाम उमरशेख मिर्जा था. उमरशेख मिर्जा फरगाना नाम के छोटे से राज्य के शासक थे. बाबर फरगाना की गद्दी पर 8 जून 1494 ई में बैठा था. अपने पिता की मृत्यु के बाद बाबर ने 12 साल की उम्र में पिता की कमान संभाल ली थी. बाबर ने 1507 ई में बादशाह की उपाधि धारण की, जिसे अब तक किसी तैमूर शासक ने धारण नहीं की थी. बाबर की मातृभाषा चग़ताई भाषा थी. लेकिन फारसी में बाबर को महारत हासिल थी. उसने चगताई में बाबरनामा के नाम से अपनी जीवनी लिखी थी. बाबर अपने आप को चंगेज खान के परिवार का बताते थे. चंगेज खान उनकी माता के वंशज थे. तैमुर के राजा चुगताई तुर्क उनके पिता के वंशज थे.

बाबर का जीवन

बाबर पर अपने परिवार की ज़िम्मेदारी बहुत कम उम्र में ही आ गई थी बाबर की 11 बेगम थी, जिससे उसको 20 बच्चे हुए थे वह अपने पैतृक स्थान को जीत तो गए थे . लेकिन ज्यादा दिन तक वह राज नहीं कर पाए उसे बहुत कठिन समय देखना पड़ा. बाबर का पहला बेटा हुमायूँ था, जिसे उसने अपना उत्तराधिकारी बनाया था.

बाबर का भारत आना

1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में दिल्ली सल्तनत के अंतिम वंश (लोदी वंश) के सुल्तान इब्राहीम लोदी की पराजय के साथ ही भारत में मुग़ल वंश की स्थापना हुई. इस वंश का संस्थापक मुग़ल आक्रांता “ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर” था. केवल 22 साल में क़ाबुल पर अधिकार कर अफ़ग़ानिस्तान में राज्य कायम किया था. बाबर ने भारत पर पांच बार आक्रमण किया. बाबर को भारत पर आक्रमण करने का निमंत्रण पंजाब के शासक दौलत खान लोदी और मेवाड़ के शासक राणा सांगा ने दिया था. बाबर को ये न्योता बहुत पसंद आया, उसे ये अपने फायदे की बात लगी और वो अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए दिल्ली चला गया.

और पढ़े: महान पराक्रम, अदम्य साहस, अप्रतिम शौर्य और विजय का नाम है महाराणा प्रताप

मुग़ल आक्रांता बाबर द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्ध

(1) पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल, 1526 ई. को इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच हुआ, जिसमें बाबर की जीत हुई.
(2) खनवा का युद्ध 17 मार्च 1527 ई में राणा सांगा और बाबर के बीच हुआ. जिसमें बाबर की जीत हुई.
(3) चंदेरी का युद्ध 29 मार्च 1528 ई में मेदनी राय और बाबर के बीच हुआ. जिसमें बाबर की जीत हुई.
(4) घाघरा का युद्ध 6 मई 1529 ई में अफगानो और बाबर के बीच हुआ. जिसमें बाबर की जीत हुई.

खनवा की लडाई
इसी के साथ बाबर ने अपने आप को और मजबूत बनाने के लिए मेवाड़ के राना संग्राम को चुनौती दे दी. जिसमें 17 मार्च 1527 में दो विशाल सेना एक दूसरे से भीड़ गई. मुगलों के पास नए उपकरण थे जिसका सामना राजपूत नहीं कर पाए और वह युद्ध हार गए.राना संग्राम खुद को हारता देख वहां से भाग गए और खुदखुशी कर ली.इस जीत को लोगों ने घाजी की उपाधि दी.

घाघरा की लडाई

राजपूतों को हराने के बाद भी बाबर को अफगानी शासक जो बिहार व बंगाल में राज्य कर रहे थे. उनके विरोध का सामना करना पड़ा. मई 1529 में बाबर ने घाघरा में सभी अफगानी शासकों को हरा दिया.

और पढ़े: Savinay Avagya Andolan

बाबर की मृत्यु

48 साल में 27 सितंबर में 1530 ई को आगरा में बाबर की मृत्यु हो गई. बाबर के शव को पहले आगरा के आरामबाग में दफनाया गया, बाद में काबुल में उसके द्वारा चुने गए स्थान पर दफनाया गया. जहां उसका मकबरा बना हुआ है. उसके बाद उसक उसका ज्येष्ठ पुत्र हुमायूं मुग़ल बादशाह बना. मुग़ल आक्रांता बाबर ने अपनी आत्मकथा ‘बाबरनामे’ की रचना की थी, जिसका अनुवाद बाद में अब्दुल रहीम खानखाना ने किया. आशा करते है आपको आपके सवाल की बाबर के पिता का क्या नाम था? का उत्तर मिल गया होगा. सब्सक्राइब

Exit mobile version