सिद्धिविनायक मंदिर में उजागर हुई “दर्शन की कालाबाजारी”, क्या सो रही है उद्धव सरकार?

दर्शन करने हैं, तो पहले स्लॉट बुकिंग के लिए पैसे निकालों!

सिद्धिविनायक मंदिर दर्शन

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भक्ति भगवान की होती है और भक्त भगवान के प्रति अपने आप को समर्पित करने के लिए भगवान के अधिष्ठान में जाते हैं, उनके दर्शन करते हैं और अपनी आस्था प्रकट करते हैं। प्राचीन समय में भक्त को त्याग और तपस्या से भगवान के दर्शन प्राप्त होते थे। आज के समय में भगवान के दर्शनाभिलाषी भक्त को घोटाले और ब्लैक मार्केट से पार पाना होता है। सिद्धिविनायक मंदिर में कुछ इसी प्रकार के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।

सभी मंदिर जाते हैं और अक्सर प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ता है। हम सभी ने उस परिस्थिति का सामना किया है कि जब किसी बड़े मंदिर के बाहर हमे एजेंट घूमते हुए मिल जाते हैं जो लाइन से हट के जल्दी दर्शन करवाने का दावा करते हैं। अब तकनीक आने से ऐप के माध्यम से इस तरह से दर्शन के ब्लैक मार्केटिंग को अंजाम दिया जा रहा है। इसी का उदाहरण सिद्धिविनायक मंदिर में होने वाले भगवान के दर्शन के दौरान देखने को मिला। एक भक्त ने इसका पर्दाफाश करते हुए ट्विटर पर जानकारी दी।

महाराष्ट्र के डॉक्टर अमित थधानी ने ट्विटर पर एक थ्रेड में विस्तार से स्क्रीनशॉट के साथ इस तरह के दलालों का पर्दाफाश किया है। ट्वीट थ्रेड में, थधानी ने बताया कि कैसे मंदिर के बाहर खड़े घोटालेबाज सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 300 रुपये तक वसूल रहे हैं।

मंदिर में दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग अनिवार्य

दरअसल, सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने हाल ही में एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है जिसके माध्यम से भक्त भगवान के दर्शन के लिए बुकिंग कर सकते हैं। सामान्य सी बात है कि कोरोना के समय भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तथा समय के साथ तकनीक को अपनाने के इसका उद्देश्य इसे अपनाया गया था। यदि कोई भक्त दर्शन करना चाहता है, तो उसे पहले ही ऐप पर बुकिंग करना अनिवार्य है। इस पर अमित ने बताया कि, “सभी सरकार नियंत्रित मंदिरों की तरह, ऑनलाइन दर्शन में भी एक घोटाला चल रहा है।”

थधानी ने बताया कि वह कुछ रिश्तेदारों के साथ सिद्धिविनायक मंदिर गए थे, जहां एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया, जो फूलों की एक दुकान के बाहर खड़ा था। उस व्यक्ति ने उन्हें बताया कि सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन केवल पूर्व ऑनलाइन बुकिंग से ही संभव है और साथ ही उसने दावा किया कि वह पैसे लेकर तुरंत उनके लिए एक ऑनलाइन पास का जुगाड़ कर सकता है।

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महाराष्ट्र में हर जगह चल रही है धांधली!

थधानी ने बताया कि पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब उन्होंने ऐप डाउनलोड किया और एक नई आईडी के साथ लॉग इन किया, तो पता चला कि सभी पहले से ही सभी स्लॉट बुक हो चुके हैं। उस धांधलिबाज ने उनसे कहा कि वह दर्शन की व्यवस्था तो कर सकता है लेकिन वह प्रति व्यक्ति 300 रुपये लेगा।

थधानी ने अपने ट्वीट में बताया कि वे कुल दस लोग मंदिर दर्शन गए थे। उन्होंने ट्वीट में बताया कि घोटालेबाज ने उनसे “बुकिंग” करने के लिए पांच मोबाइल फोन सौंपने को कहा। उन्होंने बताया, “हम पांचों को अपने-अपने मोबाइल सौंपने को कहा गया। वह आदमी और उसका साथी हरकत में आ गए और कुछ ही सेकंड में उसने दर्शन की पुष्टि की। मैंने इसे अपने फोन पर देखा। कुछ ही मिनटों में सभी पांच मोबाइल की पुष्टि हो गई और हम सभी को दर्शन टिकट मिल गया।”

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थधानी ने बताया कि उन्हें पता था कि ये घोटालेबाज़ कैसे घोटाले को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि, अपनी थ्योरी की पुष्टि के लिए मैंने अपने फोन में उस व्यक्ति का अकाउंट लॉग इन रखा। ये लोग विभिन्न फर्जी ID के जरिए सभी उपलब्ध स्लॉट को पहले ही ब्लॉक कर देते हैं। इस कारण से सामान्य भक्तों के लिए कोई स्लॉट उपलब्ध ही नहीं रहता है।” अर्थात घोटालेबाज पहले ही ऐप और नकली ID के जरीय स्लॉट को बुक कर देते हैं और मंदिर के बाहर खड़े हो कर भक्तों को अपने जाल में फंसा कर 300 प्रति व्यक्ति वसूलते हैं।

उन्होंने थ्रेड में ट्वीट करते हुए बताया कि यह वह नकली अकाउंट है जिसके माध्यम से स्लॉट को पहले से बुक कर दिया गया था। उस स्क्रीन शॉट में उस व्यक्ति का नाम सिद्धिविनायक दिखा रहा था। इस पर उन्होंने आगे लिखा कि, “दोस्तों, अगर आपको सिद्धिविनायक के दर्शन के लिए जगह नहीं मिल रही है, तो संभावना है कि मंदिर के बाहर के स्थानीय दलालों ने पहले ही उन सभी पर कब्जा कर लिया है।”

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उद्धव सरकार के नाक के नीचे चल रहा खेल

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि अपने आप को हिंदुओं का रक्षक कहने वाली उद्धव सरकार की नाक के नीचे यह सब खेल चल रहा है और वह सत्ता के मजे लूट रही है। श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर हिंदुओं का एक प्रमुख मंदिर है जो भगवान श्री गणेश को समर्पित है। यह प्रभादेवी, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में स्थित है। यानी महाराष्ट्र सत्ता के केंद्र में स्थित है और भक्तों को इस तरह से बेवकूफ बनाया जा रहा है। किसी भी तकनीक का उपयोग सुविधा के लिए किया जाता है लेकिन यहाँ यही सुविधा भक्तों के लिए गले की फांस बन चुका है। आज भी अगर आप इसके ऐप पर चेक करें तो दो दिनों तक का स्लॉट भरा हुआ दिखाई देगा। अगर आप ऐप के नीचे जाकर रिवियू पर एक नजर डालेंगे, वहाँ भी कई लोगों ने इसी तरह की शिकायत की है। अब यह देखना है कि मामले के उठने के बाद मंदिर प्रबंधन और राज्य सरकार क्या कदम उठाती है।

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