पाकिस्तान जिसे दहशतगर्दों का अड्डा कहा जाता है, वह दुनिया का ऐसा देश है, जहां पर चरमपंथ का भयावह रूप दिखाई देता है। कई मौके पर पाकिस्तान अपनी कुकृत्यों को लेकर विश्वपटल पर आलोचनाएं झेल चूका है, इसके बावजूद भी पाकिस्तान अपनी नापाक छवि को नहीं सुधारना चाहता है। इस बीच पाकिस्तान (पंजाब प्रांत का हिस्सा) में भीड़ ने कथित ईशनिंदा को लेकर बीते दिन शुक्रवार को एक श्रीलंकाई नागरिक का शव जलाने से पहले उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी। आपको बता दें कि ईशनिंदा का अर्थ है धार्मिक या पवित्र लोगों से संबंधित चीज़ें या धार्मिक रूप से अनुल्लंघनीय कार्य का अपमान या उसकी अवमानना करना।
ईशनिंदा कानून का मामला आया सामने
PTI भाषा के हवाले से खबर आ रही है कि सियालकोट जिले के पुलिस अधिकारी उमर सईद मलिक ने कहा कि व्यक्ति की पहचान प्रियंता कुमारा के रूप में हुई है, जिनकी उम्र 40 वर्ष थी। प्रियंता कुमारा सियालकोट जिले में एक कारखाने में महाप्रबंधक के तौर पर कार्यरत थे। खबरों के मुताबिक, कुमारा ने कट्टर इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) का एक पोस्टर फाड़ दिया, जिसमें कुरान की आयतें लिखी हुई थीं और उसे कूड़ेदान में फेंक दिया था। तत्पश्चात ईशनिंदा की घटना से आक्रोशित सैकड़ों लोग फैक्ट्री के बाहर आसपास के इलाकों से जमा होने लगे, उनमें से ज्यादातर TLP के कार्यकर्ता और समर्थक थे।
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गौरतलब है कि इमरान खान सरकार ने हाल ही में TLP के साथ एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उस पर से प्रतिबंध हटा लिया था, जिसके बाद उसके प्रमुख साद रिजवी और 1,500 से अधिक आतंकवादी आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया गया था। बदले में TLP ने फ्रांस में ईशनिंदा वाले कार्टूनों के मुद्दे पर फ्रांसीसी राजदूत को निकालने की अपनी मांग वापस लेने के बाद पंजाब में अपना सप्ताह भर का धरना समाप्त कर दिया था।
इस मामले को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने इसे बेहद दुखद घटना करार दिया और मामले की जांच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया। इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है जबकि सभी फैक्ट्रियां बंद हैं। पुलिस ने कहा कि ‘अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।’
धर्म का अपमान करने पर सजा का है प्रावधान
आपको बता दें कि ईशनिंदा कानून कहता है कि इस्लाम या पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कुछ भी बोलने या करने पर मौत की सजा का प्रावधान है। अगर ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा नहीं दी जाती है, तो आरोपी को जुर्माने के साथ हीं आजीवन कारावास हो सकता है। ईशनिंदा कानून मुख्यतः मुस्लिम देशों में अधिक बदनाम है जिसमें अफगानिस्तान,अल्जीरिया,बांग्लादेश, मिस्र,इंडोनेशिया, ईरान,जॉर्डन, कुवैत इत्यादि जैसे प्रमुख देश शामिल हैं। इस कानून की नींव ब्रिटिश शासनकाल में पड़ी। रिसर्च फर्म प्यू की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 26 फीसदी देशों में ऐसे ही कानून हैं, जिसमें धर्म का अपमान करने पर सजा का प्रावधान है।
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गौरतलब है कि पाकिस्तान में इस्लाम को बदनाम करने के खिलाफ बेहद सख्त कानून हैं, जिसमें मौत की सजा भी शामिल है। हाल के वर्षों में, ईशनिंदा कानून के आरोपियों की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई। ऐसे में, अधिकतर प्रचारकों का कहना है कि “मुस्लिम-बहुल देश में अक्सर व्यक्तिगत विवादों को निपटाने के लिए ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल किया जाता है।” ईशनिंदा के मात्र आरोपों ने ईसाइयों जैसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा शुरू कर दी है। अंततः यह स्पष्ट होता है कि ईशनिंदा कानून का गुणगान करने वाला पाकिस्तान अब गैर-मुसलमानों को ताक़ पर रखकर उनके विरुद्ध हिंसात्मक कदम उठाने को आतुर है।