इत्र कारोबारी पीयूष जैन पर छापे से अखिलेश यादव के यूपी विजय के स्वप्न मिट्टी में मिल जाएंगे

कोई हमदम न रहा...

पीयूष जैन

उत्तर प्रदेश का चुनाव सर पर है और समाजवादियों की चिंता दोगुनी होती जा रही है। यह चिंता चुनाव जीतने की नहीं बल्कि अपनी नाक बचाने की है। जब से सरकारी एजेंसियों ने समाजवादियों के घर पर छापा मारा है तब से लेकर अभी तक कुछ ‘बिजनेसमैन’ के घर से तो अब भी रुपयों के बंडल निकल रहे हैं। इसी क्रम में समाजवादी परफ्यूम बनाने वाले कानपुर के व्यवसायी पीयूष जैन को कर चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी केंद्रीय एजेंसियों के उनके परिसरों पर छापे के 40 घंटे के बाद हुई है। GST अधिकारियों द्वारा मारे गए छापे में जैन से जुड़े परिसरों से अब तक 257 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं और उम्मीद है कि चौथे दिन भी मैराथन छापेमारी जारी रहेगी। इस बिजनेसमैन के घर से इतने रुपये निकल रहे हैं कि रुपये गिनने की मशीन कम पड़ गई है।

DGGI की इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर छापेमारी

वहीं, भारी नकदी के अलावा, DGGI (Directorate General of GST Intelligence) ने जैन के परिसर से बेहिसाब कच्चा माल जैसे चंदन का तेल और करोड़ों मूल्य के तैयार उत्पाद (इत्र) बरामद किए। तलाशी अब भी जारी है, जिसमें कुल 257 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। नकदी गिनने वाली लगभग 19 मशीन लगे हुआ हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि व्यवसायी के पास कथित तौर पर अपनी खुद की कैश काउंटिंग मशीन थी। कथित तौर पर जैन के कन्नौज आवास से बरामद चांदी की मात्रा 250 किग्रा थी। वहीं, लगभग 25 किग्रा सोना जब्त किया गया है।

बताते चलें कि जैन को सोमवार को अदालत में पेश किए जाने की संभावना है और आगे की जांच के लिए उन्हें कानपुर से अहमदाबाद ले जाया जा सकता है। कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर छापेमारी के दौरान 16 महंगी प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज भी मिले। इनमें से चार प्रॉपर्टी कानपुर में 7, कन्नौज में 7, मुंबई में 2 और 1 दिल्ली में है। दुबई में दो प्रॉपर्टी का पता लगाया गया है। वहीं, इस मामले पर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्ववीट भी किया है।

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काले धन को सफेद दिखाने की थी कोशिश

दरअसल, GST की छापेमारी टीमों को कन्नौज में पीयूष जैन के पुश्तैनी घर के एक तहखाने में 18 लॉकर मिले। उन्हें करीब 500 चाबियों का एक गुच्छा भी मिला, जिसे वे लॉकर खोलने के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। जैन कन्नौज और कानपुर में इत्र बनाने वाली इकाइयां चलाते हैं। शुरुआत में कन्नौज में पीयूष जैन की फैक्ट्री और कानपुर में आवास से 187.47 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए, जिसकी तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुई थी। पैसे के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर, पीयूष जैन ने कथित तौर पर अधिकारियों को बताया कि उन्होंने अपना 400 किलो पुश्तैनी सोना बेचा है। हालांकि, जब उनसे उस जौहरी या कंपनी के बारे में पूछा गया, जिसे सोना बेचा गया था, तो उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं था।

नगद के अतिरिक्त 200 से अधिक फर्जी इनवॉइस प्राप्त हुआ है। बता दें कि इनवॉइस वाणिज्यिक दस्तावेज होते हैं, जो मुख्यतः विक्रेता और क्रेता के बीच हुए लेनदेन की जानकारी प्रदान करते हैं। फर्जी इनवॉइस की प्राप्ति बताती है कि नकदी के रूप में प्राप्त हुए काले धन को सफेद दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे।

चुनाव जीतने का सपना कहीं सपना ही रह जाए

चुनाव से कुछ महीने पहले इस तरह से समाजवादी पार्टी के सहयोगी के घर पर छापेमारी अखिलेश यादव ने एक राजनीतिक मोड़ ले लिया है और भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच आमने-सामने हैं। जबकि भाजपा का आरोप है कि जैन का संबंध सपा से है। ‘समाजवादी’ इत्र 9 नवंबर को कन्नौज में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की उपस्थिति में लॉन्च किया गया था, जिसे ‘इत्र नगरी’ कहा जाता है, जो सपा का गढ़ रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि 5 वर्षों से दबाई हुई अवैध संपत्ति का प्रयोग, समाजवादी पार्टी द्वारा आगामी चुनाव में किया जाना था। हालांकि, एजेंसियों की सक्रियता से समाजवादी पार्टी के सपनों पर पानी फिर गया है।

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लिहाजा, आयकर विभाग इसी प्रकार समाजवादी पार्टी के नेताओं की अवैध संपत्ति और नगदी जब्त करता रहा, तो अखिलेश यादव का वर्ष 2022 चुनाव जीतने का सपना, सपना ही रह जाएगा। समाजवादी पार्टी के भ्रष्टाचार के बारे में तो जनता को पहले से ही पता था लेकिन इस घटना के बाद ऐसा लगता है कि इनका सुपड़ा भी साफ होने वाला है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सही ही गाना गाते हैं कि ‛कब आओगे मेरे अखिलेश, तुम्हें यूपी बुलाती है।’

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