China एवरग्रांडे ग्रुप को आधिकारिक तौर पर पहली बार डिफॉल्टर करार दिया गया है। यह महीनों तक चलने वाले वित्तीय नाटक में नवीनतम “मील का पत्थर” साबित हुआ है, जो दुनिया के सबसे बड़े ऋणी डेवलपर के व्यापक पुनर्गठन का मार्ग प्रशस्त करता है। बीते सोमवार को निर्धारित अवधि के समाप्त होने के बाद और भुगतानों को पूरा करने में विफल रहने के कारण फिंच रेटिंग्स ने China Evergrande को डिफ़ॉल्ट रूप से प्रतिबंधित कर दिया। क्रेडिट मूल्यांकन कर्ता ने कहा कि “डेवलपर ने भुगतान पर पुष्टि के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।” डाउनग्रेड एवरग्रांडे के $ 19.2 बिलियन डॉलर के ऋण पर क्रॉस डिफॉल्ट को ट्रिगर कर सकता है।
डिफॉल्टर निकली चीन की एवरग्रांडे कंपनी
वहीं, यह निर्णय 25 साल पहले संस्थापक हुई यान द्वारा शुरू किए गए इस विशाल अचल संपत्ति साम्राज्य के अंत का उद्घोष है। यह निर्णय Real Estate क्षेत्र को ऋण संकट संक्रमण से बचाने के लिए चीनी सरकार के प्रयासों के लिए भी एक चुनौती है। बता दें कि एवरग्रांडे ने जून तक कुल $300 बिलियन डॉलर के देनदारियों का खुलासा किया था। 3 दिसंबर को एक संक्षिप्त एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया कि “यह एक पुनर्गठन योजना लेनदारों के साथ “सक्रिय रूप से संलग्न” होने के साथ-साथ उन्हें मनाने की योजना बना रही है।” कंपनी अपने सभी लेनदारों को इस योजना में शामिल करने का प्रयास कर रही है। लिहाजा, सार्वजनिक बांड और पुनर्गठन में निजी ऋण दायित्वों के संदर्भ में मामले से परिचित विशेषज्ञों ने हालांकि कोई उम्मीद नहीं जताई है।
हांगकांग में कैयुआन कैपिटल के मुख्य निवेश अधिकारी ब्रॉक सिल्वर ने कहा- “आर्थिक रेटिंग में डाउनग्रेड का चीनी प्रक्रिया पर प्रत्यक्ष या तत्काल प्रभाव नहीं हो सकता है, लेकिन कंपनी और नियामकों पर प्रारंभिक पुनर्गठन प्रस्तावों को जल्दी से प्रकट करने के लिए दबाव बढ़ सकता है।”
फिंच ने बीते मंगलवार को $ 400 मिलियन डॉलर के बांड को चुकाने में विफलता का हवाला देते हुए इस कंपनी के ग्रुप होल्डिंग्स को भी प्रतिबंधित डिफ़ॉल्ट पर डाउनग्रेड कर दिया जबकि रेटिंग में कटौती से डेवलपर के 11.2 बिलियन डॉलर के बकाया कर्ज पर क्रॉस डिफॉल्ट भी हो सकता है। साल 2015 में China एवरग्रांडे हाई-प्रोफाइल डिफॉल्ट से उभरने के बाद चीनी क्रेडिट बाजारों में उछाल का प्रतीक बन गई थी।
छलावा कर रहा है चीन
एवरग्रांडे को बचाने के लिए बीजिंग की अनिच्छा एक स्पष्ट संकेत है कि चीन एक निहायती गैर जिम्मेदार राष्ट्र है। यहां की कंपनियों द्वारा ऋण भुगतान में विफलता से अंतर्राष्ट्रीय निवेशक स्वयं निपट रहे हैं। ऊपर से, जिस तरह इस राष्ट्र ने कोरोना संकट फैलाकर विभिन्न देशों की आर्थिक व्यवस्था को चोट पहुंचाया, ठीक उसी तरह अपने कंपनियों के माध्यम से वैश्विक निवेशकों के निवेश को डूबाकर विश्व में आर्थिक कोरोना भी फैला सकता है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने बीते शुक्रवार को दोहराया कि एवरग्रांडे के ऋण संकट से अर्थव्यवस्था को होने वाले जोखिमों को सुलझाया जा सकता है परंतु, PBOC के गवर्नर यी गैंग के अनुसार एवरग्रांडे से बाजार-उन्मुख तरीके से निपटा जाएगा।
साथ ही, सरकार अब कंपनी के प्रबंधन में भी गहराई से शामिल है। ग्वांगडोंग ने कहा कि “पिछले हफ्ते सामान्य संचालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार एवरग्रांडे के लिए प्रबंधन की एक टीम भेजेगी। डेवलपर की नई सात-सदस्यीय Crisis प्रबंधन समिति में ग्वांगडोंग राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों के वरिष्ठ प्रबंधक और चीन सिंडा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के ऋण प्रबंधक भी शामिल हैं। बाकी लोग कानूनी फर्म से हैं, जबकि Hui सहित एवरग्रांडे से केवल दो सदस्य हैं।”
चीन की चाल से आर्थिक साख को संकट है
मैराथन एसेट मैनेजमेंट सहित एवरग्रांडे बॉन्डहोल्डर्स ने कहा है कि “वे लेनदारों से पुनर्भुगतान के लिए कतार में सबसे नीचे होने की उम्मीद करते हैं।” चीनी सरकार की मुख्य प्रेरणा सामाजिक स्थिरता को बनाए रखना है, जिसका अर्थ है कि संपत्ति विक्रय और ऋण वितरण में कंपनी के मालिकों, कर्मचारियों और व्यक्तिगत निवेशकों को प्राथमिकता देना।
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कुछ लेनदार पहले से ही वित्तीय और कानूनी सलाहकारों से परामर्श कर रहे हैं, जिसमें Ashmore Group, BlackRock Inc., FIL Ltd., UBS Group AG और Allianz SE शामिल हैं। एवरग्रांडे संकट चीन के नक्कारेपन का प्रत्यक्ष प्रमाण है। हालांकि, चीन को अपने वैश्विक उत्तरदायित्व से कोई फर्क नहीं पड़ता। आज जब एवरग्रांडे को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है, तब चीन सिर्फ अपने नागरिकों और निवेशकों का हित सुरक्षित करने पर लगा हुआ है। वैश्विक निवेशकों को उनके अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। अंतः चीन की यह चाल उसके आर्थिक साख को धूमिल कर देगी।