कम्युनिस्ट ‘जज़िया’ – सरकारी अधिकारियों से उनका आधा वेतन छीन रही केरल सरकार

किस नाम का विजयन राज, ये तो मुग़ल राज है भैया!

Kerala Government

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भारत के सबसे शिक्षित माने जाने वाले राज्य केरल की सत्ता में बैठी कम्युनिस्ट प्रशासन ने अब हिंदुओं को हिन्दू मंदिर में जाने पर उनकी सैलेरी काटने का ऑर्डर निकाला है। केरल की कम्युनिस्ट शासन ने 30 नवंबर को एक अजीबोगरीब आदेश जारी कर उन सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की धमकी दी है, जो सबरीमाला मंदिर की तीर्थ यात्रा करना चाहते हैं। यह ऑर्डर सबसे पहले पलक्कड़ जिला अग्निशमन और बचाव कार्यालय द्वारा लगाया गया था। देखा जाए तो यह स्पष्ट तौर पर हिंदू राज्य सरकार के कर्मचारियों को सबरीमाला तीर्थ जाने से हतोत्साहित करने के उद्देश्य से कम्युनिस्ट सरकार ने यह कदम उठाया है। बता दें कि प्रदेश के सीएम पिनाराई विजयन के पास गृह विभाग भी है।

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केरल सरकार वसूल रही है ‘जजिया’!

राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए प्रारंभिक वेतनमान 50,200/ है, लेकिन मूल वेतन 23,000/ है। विवादास्पद आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कर्मचारी अपने व्रत के तहत दाढ़ी बढ़ा सकते हैं, लेकिन वे सरकारी भत्तों के पात्र नही होंगे। इसका मतलब यह हुआ कि सरकारी कर्मचारियों को अपनी आधी से अधिक तनख्वाह कम्युनिस्टों को देनी होगी। इस सरकारी आदेश का मतलब था कि सभी दाढ़ी वाले हिंदू अधिकारियों (सबरीमाला ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों सहित) के भत्ते काट लिए जाएंगे। आमतौर पर, सबरीमाला ड्यूटी पर सुरक्षा कर्मियों के बीच पोशाक और दाढ़ी को लेकर छूट होती हैं, क्योंकि वे भी भगवान अयप्पा के भक्त हैं।

लेकिन इन सब के बावजूद केरल सरकार द्वारा ऐसा आदेश पारित करना यह दर्शाता है कि जानबूझकर हिंदू अधिकारियों को सबरीमाला प्रतिज्ञाओं को स्वीकार करने से हतोत्साहित करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। बता दें कि सबरीमाला जाने की योजना बनाने वाले कर्मचारी, जिला अधिकारियों को लिखित रूप में सूचित करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे मुस्लिम कर्मचारी अपनी हज यात्रा के दौरान करते हैं।

यह पहली बार है कि तीर्थ पर जाने के लिए किसी सरकारी कर्मचारी के वेतन काटने का फरमान आया है। ऐसे फरमान को जज़िया कहना भी गलत नहीं होगा, जहां हिन्दू कर्मचारियों को हिन्दू धर्म का पालन करने के लिए अपना वेतन कटवाना पड़ रहा है। केरल में कम्युनिस्टों का शासन है और वे हिंदुओं को अपने धर्म से हतोत्साहित करने के लिए कई तरह के तिकड़म करते रहते हैं।

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इस्लामी आतंकवाद का केंद्र बन गया है केरल

कम्युनिस्ट शासन के तहत केरल, देश में इस्लामी आतंकवाद का केंद्र बन गया है! कम्युनिस्ट सरकार द्वारा अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति ने राज्य में धार्मिक परिदृश्य को कट्टरपंथी बना दिया है। ISIS में शामिल होने के लिए जाने वाले ज्यादातर भारतीय केरल के हैं। इसी तरह राज्य में कॉलेज परिसर हिंदू विरोधी और भारत विरोधी गतिविधियों के केंद्र बन गए हैं! वास्तव में, केरल सरकार ने खुद सबरीमाला जैसे हिंदू मंदिर के अंदर इस्लामिस्टों के प्रवेश की वकालत कर इसे एक धर्मनिरपेक्ष स्थान के रूप में चित्रित करने की कोशिश की है। अल्पसंख्यक तुष्टीकरण से वोट हासिल करने की अंधी दौड़ में केरल सरकार भूल गई है कि हिंदू भी इंसान हैं, भारत के संविधान के तहत उनके भी अधिकार हैं! ऐसे में हिंदुओं के अधिकारों पर डंडा चलाने का कोई भी प्रयास विजयन सरकार और उनकी पार्टी को अमान्य कर देगा, कांग्रेस पार्टी इसकी प्रत्यक्ष उदाहरण है!

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