भारत के प्रथम CDS जनरल बिपिन रावत की मृत्यु कहीं एक षड्यंत्र तो नहीं?

यह केवल संयोग तो नहीं हो सकता

बिपिन रावत

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पूरा देश इस समय जनरल बिपिन रावत की मृत्यु से दुःखी है। यह समय राष्ट्रीय शोक का है, क्योंकि भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अब हमारे बीच नही रहें। बिपिन रावत एक भारतीय सैन्य अधिकारी थे, जो भारतीय सेना के चार सितारा जनरल थे। उनका जन्म 16 मार्च 1958 को हुआ था। बीते दिन बुधवार को एक बुरे हेलीकॉप्टर क्रैश में 13 लोगों की मौत हो गई, जिसमें जनरल रावत और उनकी पत्नी भी शामिल थे। वह मौजूदा समय में भारतीय सशस्त्र बलों के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में कार्य कर रहे थे। जनवरी 2019 में उन्हें यह कमान सौंपी गई थी। CDS के रूप में पदभार ग्रहण करने से पहले, उन्होंने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के 57वें और अंतिम, और भारतीय सेना के 26वें सेनाध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।

लगभग 43 वर्षों के अपने करियर के दौरान, उन्हें दो अवसरों पर परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक, सेना पदक, विशिष्ट सेवा पदक, COAS प्रशस्ति के साथ वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए सेना कमांडर की प्रशस्ति से सम्मानित किया गया था।

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बिपिन रावत के मृत्यु पर शोक जताते हुए भारतीय सेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा गया कि “भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत एक दूरदर्शी थे, जिन्होंने भारतीय सेना के उच्च रक्षा संगठन में दूरगामी सुधारों की शुरुआत की। उन्होंने भारत के संयुक्त थिएटर कमांड की नींव बनाने और सैन्य उपकरणों के बढ़ते स्वदेशीकरण को प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, एक विरासत जिसे आगे की पीढ़ियों द्वारा आगे बढ़ाया और मजबूत किया जाएगा।” पर एक ओर जहां यह दुःख का विषय है, वहीं कुछ लोगों ने अपने तार्किकता का इस्तेमाल किया है। लोगों का यह मानना है कि यह हादसा नहीं, हत्या है।

ताइवान से काफी मिलता-जुलता है यह मामला

हुआ यह कि ब्रह्मा चेलानी ने बीते दिन बुधवार को हादसे के बाद ट्वीट किया और इस घटना पर अपनी राय रखी। बतौर चेलानी, ऐसी हत्याएं ताइवान में भी हो चुकी हैं। ब्रह्मा चेलानी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि “स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की मृत्यु 2020 की शुरुआत में हुई एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना के साथ एक भयानक समानांतर है, जिसमें ताइवान के जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल शेन यी-मिंग और दो प्रमुख जनरलों सहित सात अन्य मारे गए थे। प्रत्येक हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने PRC की आक्रामकता के खिलाफ बचाव में एक प्रमुख व्यक्ति को समाप्त कर दिया। जैसा कि मैंने कहा, एजेंसियां ​​और सिस्टम, तकनीकी खराबी और खराब मौसम के मानक बहाने के पीछे नहीं छिप सकते।”

उन्होंने आगे कहा, “अजीब समानांतर का मतलब यह नहीं है कि दो हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के बीच कोई संबंध था। कुछ भी हो, प्रत्येक दुर्घटना ने महत्वपूर्ण आंतरिक प्रश्न उठाए हैं, विशेष रूप से शीर्ष जनरलों को ले जाने वाले सैन्य हेलीकॉप्टरों के रखरखाव के बारे में।”

दूसरी ओर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी, सुप्रीम कोर्ट के जज से इस मामले की जांच की मांग की है। खबरों के मुताबिक, राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ न्यायाधीश से जांच की मांग की है। वो घटना जिसमें भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य ऑफिसरों की मृत्यु हो गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस घटना को “चौंकाने वाला” और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चेतावनी बताया। तो क्या ये हमला हो सकता है? क्यों नहीं? चीन को लेकर रावत मुखर थे। कई बार उन्होंने चीन की आलोचना की थी। इसी तरह की घटना ताइवान में भी हो चुकी है।

चीन को लेकर मुखर थे रावत

रावत अपने विचारों को लेकर हमेशा मुखर थे, उन्होंने हमेशा चीन को अपना बड़ा दुश्मन माना था। जनरल रावत ने पिछले महीने ऑल इंडिया रेडियो में सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर देते हुए कहा था, “चीन और पाकिस्तान के क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए भारत के सशस्त्र बलों को सतर्क रहने और विवादित सीमाओं और तटीय क्षेत्रों में भी तैनात रहने की आवश्यकता है।”

इससे पूर्व असम के गुवाहाटी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा था कि “पाकिस्तान के साथ चीन की साझेदारी और जम्मू-कश्मीर पर उसके रुख को भारत विरोधी सांठगांठ के रूप में वर्णित किया जा सकता है।” इसी साल चार सितारा जनरल ने अक्टूबर में कहा था कि “चीन को देशों में लोकप्रियता हासिल करने के लिए धन बल और अर्थशास्त्र का उपयोग करने की आदत है। हमें प्रधानमंत्री के सागर मिशन (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के साथ आगे बढ़ना होगा।”

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जनरल रावत ने इंडिया टुडे टीवी से कहा था कि “उन्हें (पाकिस्तान) हमारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ करने का प्रयास करने दें, और हमारे सशस्त्र बलों की प्रतिक्रिया बहुत अलग होगी। राजनीतिक इच्छाशक्ति है और हमारे सशस्त्र बल तैयार हैं।” उन्होंने कहा था कि “भारत अपने विदेशी हितों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक अनुकूल रणनीतिक मुद्रा बनाने में चीन द्वारा इस क्षेत्र में भारी भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा देखता है।”

जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि “अगर उनका कानून भारतीय भूमि में अतिक्रमण की अनुमति देता है, तो मुकाबला होगा। हमें चीन द्वारा खेले जाने वाले मनोवैज्ञानिक खेलों के दबाव में नहीं आना चाहिए, वे यही चाहते हैं। चीन आज हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है, पाकिस्तान नहीं।”

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