Food Vlogging -हम भारतीय खाने-पीने के काफी शौकीन हैं, हमारे दिल का रास्ता पेट से होकर गुज़रता है। खान-पान को हम वैभव और संपदा से जोड़ते हैं। खाते-पीते घर का होना हमारे लिए तंदरुस्ती और संपन्नता की परिचायक है। हमारी सनातन संस्कृति ने भोजन को मातृत्व से जोड़ उसे अन्नपूर्णा मां का दर्जा दिया। हमने सादे भोजन के स्वाद से दुनिया को अवगत कराया और मसालों में भी पौष्टिकता को ढूंढा। हमारे ‘जायकों’ की दुनिया दीवानी है। हमनें भोजन को जिह्वा के स्वाद से इतर आध्यात्मिकता से जोड़ा।
आप परमात्मा के अंश हैं और आपका शरीर इसका वाहन स्वरुप है। इस वाहन को कालचक्र में रत रखने के लिए जिस ईंधन की आवश्यकता है वो है– भोजन। अब आप स्वयं सोचिए, क्या आप अपनी प्यारी गाड़ी में मिलावटी पेट्रोल डालेंगे? अगर डालेंगे तो क्या होगा? इंजन बैठ जाएगा। पर, आज के समय में हम ऐसा ही कर रहे हैं। परिणाम की चिंता किए बिना जो मर्जी वो खा रहे हैं और हमारे इस गलत खान-पान की आदतों को बढ़ावा दे रहे हैं, कुछ कथित विशेषज्ञ जिन्हें अंग्रेजी में हम “Food Vlogger” के नाम से भी जानते है। इस शब्द से ही आप इनका उद्देश्य समझ सकते हैं।
क्या है Food Vlogging?
Food Vlogger, Food Blogger से भिन्न है। Food Vlogging की अवधारणा सन् 2000 में सामने आई और सन् 2004 में प्रचलित हुई। Food Blogging में जहां आप भोजन के स्वाद से लेकर, पौष्टिकता और पाकशास्त्र के बारे में तार्किक और तथ्यात्मक विवेचना करते हैं तथा उसके बारे में लिखते हैं, तो वहीं Food Vlogging में आप उच्च कोटि के कैमरा, माइक्रोफोन, सुंदर प्रस्तुतिकरण, आवाज़, ध्वनि, तस्वीर और नैरेशन के माध्यम से अपने दर्शकों को कुछ भी खाने के प्रोत्साहित करते हैं। Vlogging हमेशा YouTube, Facebook के साथ-साथ अन्य माध्यमों से प्रसारित किया जाता है।
पैसे लेकर झूठी प्रशंसा करते हैं Food Vloggers
हाल के परिप्रेक्ष्य में Food Vlogging को व्यवसाय के रूप में अपनाने के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होने लगी है। सबसे प्रमुख बात तो यह है कि Food Vlogging करने के कोई तय नियम या मापदंड नहीं हैं। एक खाद्य विशेषज्ञ होने का एक सफल Food Vlogging से कोई लेना-देना नही है। सामग्री के अलावा ब्लॉगर्स का व्यक्तित्व, अनुनय, जुड़ाव और शैली मुख्य घटक हैं। यह हमारे खान-पान के आदतों को भी बिगाड़ रहा है। खाना पौष्टिकता और शारीरिक जरूरत के आधार पर होना चाहिए। परंतु, इनलोगों ने खाने को आकर्षण का आधार बना दिया है। इसके साथ-साथ ऐसे Food Vloggers विभिन्न रेस्तरां और खान-पान से जुड़ी संस्थानों से पैसा लेकर उनकी झूठी प्रशंसा भी कर देते हैं।
उन्हें न तो खाने की शुद्धता की कोई फिक्र होती है और न ही पौष्टिकता की। वो तो बस पैसे लेकर झूठी प्रशंसा करते हैं और अपने दर्शकों को छल लेते हैं। कभी-कभी ये लोग ऐसा काम प्रशंसा प्राप्त करने और फंड जुटाने के लिए भी करते हैं। बाद में इन फंड के साथ क्या होता है, ये किसी को पता नहीं चलता। उदाहरण के लिए आप “बाबा का ढाबा” प्रकरण से समझ सकते हैं। उस बूढ़े दंपति के नाम पर सहानुभूति बटोर कर पैसे जुटाये गए और फिर उन्हें अकेला छोड़ दिया गया। “Vlogger” के हिस्से में नाम और पैसे दोनों गए। सबसे बड़ा सवाल जो बचा रह गया वो यह है कि इससे कितने Food Vendors की जिंदगी सुधरी।
लोगों को भ्रमित करते हैं Food Vloggers
बताते चलें कि ब्लॉगिंग एक मजबूत ऑनलाइन सामग्री विपणन और ब्रांडिंग उपकरण के रूप में उभरा है। सटीक ऑनलाइन जानकारी के लिए ब्लॉग को 5वें सबसे भरोसेमंद स्रोत के रूप में दर्जा दिया गया है। 77 फीसदी इंटरनेट उपयोगकर्ता ब्लॉग पढ़ते हैं और 34.6 मिलियन लोग दुनिया भर में ब्लॉग पढ़ते हैं। मौजूदा समय में ब्लॉग एक ऐसे ऑनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म के रुप में परिवर्तित हो गया है, जो लोगों की खरीदारी और उनके खाने के विकल्पों को प्रभावित करता है। एक अध्ययन के अनुसार, 92 फीसदी उपभोक्ता ब्रांडेड सामग्री पर दूसरों की सिफारिशों पर भरोसा करते हैं, यहां तक कि उन व्यक्तियों की सिफारिशों पर भी जिन्हें वे नहीं जानते हैं। इन सभी तथ्यों को अगर आप समेकित करके देखेंगे, तो पाएंगे कि Food Vlogging सिर्फ आपको भ्रमित कर आपके खान-पान की आदतों को बिगाड़ने के तरीके से ज्यादा और कुछ नहीं है।